इराक़: कोर्ट में स्वीकार्य साक्ष्य, सक्षम अदालतें, आइसिल पीड़ितों को न्याय के लिए अहम

इराक़ में आतंकवादी गुट आइसिल (दाएश) द्वारा अंजाम दिए गए अपराधों की जवाबदेही के लिए गठित यूएन जाँच दल (UNITAD) के प्रमुख क्रिस्टियान रिट्सशर ने दोषियों की जवाबदेही तय करने और उन पर मुक़दमा चलाने के लिए सक्षम अदालतों, स्वीकार्य व विश्वसनीय साक्ष्यों और उपयुक्त क़ानूनी फ़्रेमवर्क की अहमियत पर बल दिया है.
यूएन के विशेष जाँच दल, UNITAD को पाँच वर्ष पहले गठित किया गया था. टीम के प्रमुख और विशेष सलाहकार, क्रिस्टियान रिट्सशर ने बुधवार को अब तक इस दिशा में हुई प्रगति से सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को अवगत कराया.
आतंकवादी गुट, इस्लामिक स्टेट (दाएश) ने इराक़ और उत्तरी सीरिया के कुछ हिस्सों में वर्ष 2014 में अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था. इसके बाद सैन्य कार्रवाई में इस गुट की हार हुई और दिसम्बर 2017 में आइसिल लड़ाकों को इराक़ से खदेड़ दिया गया.
क्रिस्टियान रिट्सशर ने अपनी टीम की 10वीं रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि लाखों दस्तावेज़ों का डिजिटलीकरण किया गया है, जोकि अब इराक़ी न्यायपालिका के पास हैं.
जाँचकर्ताओं ने आइसिल द्वारा विकसित रासायनिक हथियारों और उनके इस्तेमाल के मामलों की समीक्षा भी साझा की. इस विषय में विस्तृत जानकारी गुरूवार को यूएन मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में साझा की जाएगी, जिसे भारत और इराक़ ने साझा रूप से आयोजित किया है.
क्रिस्टियान रिट्सशर ने कहा, “दंडमुक्ति के विरुद्ध लड़ाई को आगे बढ़ाने, पीड़ितों और जीवित बच गए व्यक्तियों के लिए न्याय पाने – जिनमें से अधिकाँश इराक़ी हैं – और आइसिल के बचे-खुचे ख़तरे से निपटने के लिए, UNITAD की साझेदारी में इराक़ी सरकार का संकल्प पहले से कहीं मज़बूत है.”
उन्होंने स्पष्ट किया कि अभी मिशन पूरा नहीं हुआ है. “UNITAD का कामकाज केवल आइसिल अपराधों के रिकॉर्ड जुटाने व रखने का नहीं है, बल्कि आइसिल सदस्यों की जवाबदेही तय करने का है, जिन्होंने इन जघन्य अन्तरराष्ट्रीय अपराधों को अंजाम दिया.”
इसके लिए, सक्षम अदालतों में साक्ष्य-आधारित मुक़दमे की कार्रवाई अहम होगी.
अन्तरराष्ट्रीय अपराधों से तात्पर्य, युद्धापराध, मानवता के विरुद्ध अपराध और जनसंहार के गम्भीर मामलों से है. संयुक्त राष्ट्र टीम जाँच कार्य को आगे बढ़ाने के लिए इराक़ी न्यायाधीशों के साथ मिलकर काम कर रही है.
जाँच दल प्रमुख ने कहा कि UNITAD अपनी क्षमता बढ़ा रहा है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है जब समय आए तो इराक़ी अदालतें, अन्तरराष्ट्रीय अपराधों के लिए आइसिल के दोषियों की जवाबदेही तय करने में सक्षम हों.
क्रिस्टियान रिट्सशर ने सुरक्षा परिषद को भरोसा दिलाया कि आइसिल के अपराधों के लिए साक्ष्यों की कोई कमी नहीं है. उन्होंने इस आतंकी गुट को विशाल स्तर पर एक ऐसी नौकरशाही बताया, जिसने किसी आम राजसत्ता प्रशासनिक व्यवस्था की तरह दस्तावेज़ों को सम्भाल कर रखा.
UNITAD बड़े पैमाने पर एक परियोजना की अगुवाई भी कर रही है, जिसमें आइसिल से जुड़े रिकॉर्ड और रणभूमि से प्राप्त जानकारी को डिजिटल सबूतों में तब्दील किया जा रहा है.
अब तक इराक़ी और कुर्दिश प्राधिकरणों से प्राप्त 80 लाख पन्नों को डिजिटल रूप में तैयार किया जा चुका है.
यूएन टीम का अगला क़दम एक केन्द्रीय लेखागार (central archive) तैयार करना होगा, जिसमें आइसिल के विरुद्ध जुटाए गए सभी डिजिटल सबूतों को एक साथ रखा जाएगा.
यह लेखागर इराक़ में सर्वोच्च न्यायिक परिषद में स्थित होगा और इसे जल्द ही शुरू किए जाने की योजना है. बताया गया है कि इराक़ में अन्तरराष्ट्रीय अपराधों के लिए आइसिल दोषियों की जवाबदेही तय करने में इस लेखागार की अहम भूमिका होगी.
क्रिस्टियान रिट्सशर ने सुरक्षा परिषद को बताया कि घरेलू स्तर पर एक उपयुक्त क़ानूनी फ़्रेमवर्क को अपनाया जाना एक बड़ी चुनौती है.
उन्होंने एक क़ानूनी फ़्रेमवर्क की दिशा में इराक़ी नागरिकों के नेतृत्व में प्रक्रिया को समर्थन देने के लिए UNITAD की प्रतिबद्धता रेखांकित की है, ताकि आइसिल अपराधियों को उनके अपराधों के लिए अदालत के कटघरे में लाया जा सके.
इस क्रम में, उन्होंने हाल ही में एक साझा वर्किंग समूह स्थापित किए जाने का उल्लेख किया, जिसके ज़रिये सरकारी, क़ानूनी और न्यायपालिक के प्रतिनिधियों के साथ-साथ, सांसदों को एक साथ लाया गया है.
“एक बार, अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक क़ानून पर उपयुक्त घरेलू क़ानून पारित किए जाने के बाद, आगे का रास्ता पहले से स्पष्ट होगा.”
इसके समानान्तर, UNITAD ने भविष्य में अदालती कार्रवाई के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है.
यूएन जाँच दल ने इराक़ी न्यायपालिका में अपने समकक्षों के साथ सहयोग में तेज़ी दिखाई है, और चुनिन्दा व्यक्तियों और कथित दोषियों के विरुद्ध साझा रूप से मामले तैयार किए जा रहे हैं. इस प्रक्रिया में इराक़ से बाहर रहने वाले लोगों को प्राथमिकता दी गई है.
उन्होंने बताया कि यूएन जाँचकर्ता, फ़िलहाल 17 देशों को समर्थन प्रदान कर रहे हैं, जिसके तहत गवाहों के साथ इंटरव्यू किए गए हैं, और आइसिल सदस्यों व समर्थकों के विरुद्ध आपराधिक प्रक्रिया में तकनीकी विश्लेषण भी किया गया है.