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सूडान: जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिए, सुरक्षित मार्ग तत्काल मुहैया कराए जाने पर बल

सूडान में हिंसक टकराव के कारण विस्थापितों ने मिस्र के असवान शहर में शरण ली है.
© UNHCR/Christine Beshay
सूडान में हिंसक टकराव के कारण विस्थापितों ने मिस्र के असवान शहर में शरण ली है.

सूडान: जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिए, सुरक्षित मार्ग तत्काल मुहैया कराए जाने पर बल

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आगाह किया है कि सूडान और वृहद क्षेत्र को बर्बादी और मानवीय विनाश से बचाने के लिए, देश में हिंसक टकराव को जल्द से जल्द रोका जाना होगा. इस बीच, मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन अवर महासचिव मार्टन ग्रिफ़िथ्स ने सूडान में युद्धरत पक्षों से राहत आपूर्ति के लिए सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया है.

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यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने बुधवार को केनया की राजधानी नैरोबी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह बात कही, जहाँ वह सम्पूर्ण यूएन प्रणाली के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करने के लिए पहुँचे हैं.

सूडान में 15 अप्रैल को हिंसक टकराव शुरू होने के बाद से अब तक, तीन लाख 34 हज़ार से अधिक लोग बेघर हुए हैं और एक लाख से अधिक लोगों ने पड़ोसी देशों में शरण ली है.

पिछले लगभग तीन हफ़्तों से, परस्पर विरोधी सूडान सशस्त्र बलों और त्वरित समर्थन बल (RSF) के बीच टकराव जारी है, जबकि संघर्षविराम पर सहमति बनाने और उसकी अवधि बढ़ाए जाने के लिए अनेक अपीलें जारी की जा चुकी हैं.

हिंसा में कम से कम 528 लोग मारे गए हैं और साढ़े चार हज़ार से अधिक घायल हुए हैं. मगर, हताहतों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका है, चूँकि स्वास्थ्य देखभाल समेत अन्य आवश्यक सेवाओं में व्यवधान दर्ज किया गया है.

शान्ति, नागरिक शासन

यूएन प्रमुख ने कहा, “सभी पक्षों को सूडानी लोगों के हितों को सर्वोपरि रखना होगा, और इसका अर्थ है, शान्ति व नागरिक शासन की ओर लौटना, ताकि देश को विकास की ओर ले जाया जा सके.”

महासचिव गुटेरेश ने बताया कि युद्धरत पक्षों से बातचीत के दौरान, इन लक्ष्यों को केन्द्र में रखा गया है, इस क्रम में, अफ़्रीकी संघ और अन्तर-सरकारी विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर काम किया जा रहा है.

उन्होंने दोहराया कि सूडान की जनता एक मानवीय आपदा का सामना कर रही है और लाखों लोगों के समक्ष खाद्य असुरक्षा का संकट है.

यूएन प्रमुख ने भरोसा दिलाया कि विशेष प्रतिनिधि और सूडान में यूएन के प्रमुख वोल्कर पर्थेस के नेतृत्व में, संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता के लिए तैयार है.

“सहायता को सूडान पहुँचने की अनुमति दी जानी होगी, और हमें सर्वाधिक ज़रूरतमन्दों तक उसे वितरित करने के लिए तत्काल सुरक्षित व सुलभ मार्ग की आवश्यकता है, ताकि हम ऐसा कर पाने में सक्षम हों.”

सुरक्षित मार्ग के लिए सहमति पर बल

मानवीय सहायता मामलों में संयोजन के लिए यूएन प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने बुधवार को सूडान में युद्धरत पक्षों से राहत आपूर्ति के लिए सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया है.

देश में भीषण संकट के कारण, बड़ी संख्या में लोग अपनी जान बचाने के लिए घर और देश छोड़ कर जा रहे हैं.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स बुधवार को सूडान में लाल सागर तट पर स्थित शहर पोर्ट सूडान पहुँचे हैं, जोकि यूएन सहायता का केन्द्र है.

“हम दारफ़ूर के विभिन्न हिस्सों, ख़ारतूम में सहायता पहुँचा सकते हैं और ऐसा करना चाहिए...और मैंने, आज सुबह जिन एजेंसी प्रतिनिधियों से मुलाक़ात की, उन सभी का एक मत है.”

“मगर, ऐसा कर पाने के लिए, हमें रास्ता चाहिए, हमें विमान से आपूर्ति की ज़रूरत है, हमें सामग्री की ज़रूरत है, जो लूटपाट का शिकार ना हो.”

सूडान की राजधानी ख़ारतूम में मिसाइल हमले में क्षतिग्रस्त एक रिहायशी इमारत.
Mohammed Shamseddin

लूटपाट की आशंका

मानवीय सहायता मामलों के लिए यूएन के शीर्ष अधिकारी मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि विश्व खाद्य कार्यक्रम के अनुसार, दारफ़ूर की ओर जा रहे छह ट्रक, बुधवार को लूट लिए गए, जबकि सुरक्षा व सलामती के आश्वासन दिए गए थे.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सूडान में सर्वाधिक ज़रूरतमन्द समुदायों तक मदद पहुँचाने के लिए और राहत आपूर्ति की लूटपाट टालने के लिए, दोनों सैन्य धड़ों द्वारा मानवीय सहायता की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक व स्पष्टतापूर्ण संकल्प व्यक्त किए जाने होंगे.

यूएन अवर महासचिव के अनुसार, किसी औपचारिक राष्ट्रीय संघर्षविराम को लागू किए बिना भी, स्थानीय स्तर पर ऐसे प्रबन्ध किए जाने होंगे जिन पर निर्भर रहा जा सके.

बढ़ती स्वास्थ्य ज़रूरतें

इस बीच, मानवीय राहतकर्मियों ने आशंका जताई है कि युद्धरत पक्षों से सहायता गारंटी के अभाव में, सूडान में हालात बदतर हो जाने की आशंका है.

मानवीय सहायता संयोजक ने बताया कि गोलीबारी और हवाई कार्रवाई से सबसे अधिक प्रभावित इलाक़ों में विशाल स्तर पर आवश्यकताएँ उपजी हैं और चिकित्सा सहायता जल्द से जल्द बहाल की जानी होगी.

राजधानी ख़ारतूम में हर दस में से छह स्वास्थ्य केन्द्र बन्द हैं और केवल हर सात में से एक में ही सुचारू रूप से कामकाज हो पा रहा है.

गुर्दे का रोग, डायबिटीज़ और कैंसर समेत अन्य लम्बे समय की बीमारियों से पीड़ित मरीज़ों के लिए स्वास्थ्य केन्द्र जाना या ज़रूरी दवाएँ ले पाना मुश्किल साबित हो रहा है.

इससे इतर, सुरक्षित जल की सुलभता भी एक अहम प्राथमिकता है. मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने बताया कि उनके पास एक योजना है, जिसके ज़रिए आवश्यक आपूर्ति ज़रूरतमन्द इलाक़ों तक पहुँचाई जा सकती है, और इस पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा.