2030 एजेंडा की प्राप्ति के लिए, एकजुटता, नेतृत्व व ठोस कार्रवाई का क्षण

संयुक्त राष्ट्र उपमहासचिव आमिना मोहम्मद ने मंगलवार को निजेर की राजधानी नियामे में अफ़्रीकी मंत्रियों और नीतिनिर्धारकों को सम्बोधित करते हुए कहा है कि विकास मार्ग पर मेहनत से दर्ज की गई प्रगति को, सिलसिलेवार संकटों के कारण झटका लगा है, लेकिन यह हिम्मत हारने का समय नहीं है.
उन्होंने टिकाऊ विकास के लिए नौंवें अफ़्रीकी क्षेत्रीय फ़ोरम को बताया कि अफ़्रीकी महाद्वीप कोविड-19 महामारी, जलवायु परिवर्तन और यूक्रेन युद्ध के व्यापक प्रभावों से जूझ रहा है.
इसके मद्देनज़र, संयुक्त राष्ट्र और अफ़्रीकी संघ के रोडमैप की प्राप्ति के लिए पुरज़ोर कार्रवाई की अहमियत को रेखांकित किया गया है, ताकि सर्वजन के लिए एक समावेशी व सतत भविष्य सुनिश्चित किया जा सके.
“टिकाऊ विकास लक्ष्यों और एजेंडा 2063 के आधे पड़ाव पर, हमें जहाँ होना चाहिए था, हम वहाँ से दूर हैं.”
“मगर, यह निराश होने का समय नहीं है. इसके विपरीत, यह समय एकजुटता, नेतृत्व और उन क़दमों के लिए संकल्प लेने का है, जिनकी हमें इस एजेंडा को लागू करने में आवश्यकता होगी.”
यूएन उपप्रमुख ने कहा कि देश अपना रास्ता बदल कर, चुनौतियों का सामना कर सकते हैं – अफ़्रीकियों के नेतृत्व में, अफ़्रीकी मिट्टी पर उपजे समाधानों के ज़रिए.
आमिना मोहम्मद ने ज़ोर देकर कहा कि अफ़्रीकी महाद्वीप पर मुक्त-व्यापार समझौते में तीन करोड़ लोगों को अत्यधिक निर्धनता से बाहर खींचने की सम्भावना है.
फ़ोरम में नेताओं ने टिकाऊ औद्योगिकीकरण और आर्थिक विविधीकरण पर केन्द्रित एक कार्रवाई योजना को अपना समर्थन दिया है.
यूएन उपप्रमुख ने कहा, “हमें सुनिश्चित करना होगा कि उभर रहीं हरित व डिजिटल अर्थव्यवस्थाएँ अफ़्रीकी लोगों और प्राकृतिक पर्यावरण की भलाई के लिए काम करें.”
उपमहासचिव के अनुसार, इन पर अमल करने की कुंजी, हमारी युवा आबादी के समावेशन में है, और अफ़्रीकी ऊर्जा क्षेत्र में रूपान्तरकारी बदलाव, इन प्रयासों के केन्द्र में हैं.
यूएन उपप्रमुख ने कहा कि सितम्बर में टिकाऊ विकास लक्ष्यों पर होने वाली बैठक में हिस्सा ले रहे विश्व नेताओं को, इन्हीं प्रकार के समाधानों में निवेश और अपना समर्थन देना होगा.
इस बैठक के ज़रिए मुख्यत: तीन अहम क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा. पहला, राष्ट्रीय स्तर पर टिकाऊ विकास लक्ष्यों के वादों को पुन: स्फूर्ति प्रदान करना.
“शिखर बैठक में, विश्व नेताओं को 2027 और 2030 तक निर्धनता व असमानता घटाने के लिए अपनी महत्वाकांक्षाओं को स्पष्ट करना होगा.”
“और उन्हें ऐसा अफ़्रीका में निवेश, हमारी अर्थव्यवस्था में निवेश और हमारे लोगों में निवेश के ज़रिए करना होगा, विशेष रूप से महिलाओं व बच्चों पर.“
आमिना मोहम्मद ने कहा कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों के लिए वित्तीय संसाधनों के प्रबन्ध पर ठोस प्रगति को, शिखर बैठक का एक अहम निष्कर्ष बनाया जाना होगा.
उन्होंने स्पष्ट किया कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति और जलवायु सहन-सक्षमता और उनके लिए ज़रूरी वित्त पोषण के बीच की खाई निरन्तर बढ़ रही है.
अफ़्रीका में लगभग 43 प्रतिशत देशों पर या तो क़र्ज़ का दबाव है, या फिर उन्हें इस बोझ में आने की आशंका है, जिसकी वजह मूलत: वे कारण है, जिन पर उनका नियंत्रण नहीं है.
उपमहासचिव ने यूएन प्रमुख की अपील का उल्लेख किया है, जिसमें जी20 समूह से विकासशील देशों के लिए हर वर्ष 500 अरब डॉलर के एसडीजी स्फूर्ति पैकेज का आग्रह किया गया है.
इसके साथ ही, उन्होंने वैश्विक वित्तीय तंत्र में व्यवस्थागत सुधारों की आवश्यकता पर भी बल दिया है, जोकि उनके अनुसार मौजूदा दौर व उसकी ज़रूरतों के अनुरूप नहीं हैं.
यूएन उपप्रमुख ने कहा कि शिखर बैठक के ज़रिए वास्तविक साझेदारियों के सिद्धान्त में फिर से नई ऊर्जा फूँकी जानी होगी, जिसके लिए युवजन, नागरिक समाज और दुनिया भर के आम लोगों के साथ सम्पर्क व बातचीत महत्वपूर्ण है.
इसका अर्थ है, व्यवसायों, निजी सैक्टर द्वारा कहीं अधिक विश्वसनीय एसडीजी महत्वाकांक्षा, जिसके साथ-साथ स्थानीय प्रशासन, पारम्परिक माताओं-पिताओं के साथ सम्पर्क में विस्तार लाना होगा, और विज्ञान व नीति के मिलन में निवेश किया जाना होगा.
उपमहासचिव ने बताया कि आगामी महीनों में उनकी योजना, संयुक्त राष्ट्र, सरकारों व अन्य साझीदारों के साथ मिलकर, इन क्षेत्रों में क़दम आगे बढ़ाना है.
इनमें वो कार्य भी शामिल हैं, जोकि पहले से ही रैज़ीडेंट कोऑर्डिनेटर (RC), देश में टीमों और क्षेत्रीय संस्थाओं के साथ मिलकर किए जा रहे हैं.