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यूक्रेन: 'मानव कल्याण और मानवाधिकारों के लिए विनाशकारी स्थिति', युद्ध समाप्ति के आसार नहीं

यूक्रेन में युद्ध के शुरुआती दिनों में बोरोड्यान्का का 90 प्रतिशत केन्द्रीय इलाक़ा क्षतिग्रस्त हो गया.
© UNICEF/Diego Ibarra Sánchez
यूक्रेन में युद्ध के शुरुआती दिनों में बोरोड्यान्का का 90 प्रतिशत केन्द्रीय इलाक़ा क्षतिग्रस्त हो गया.

यूक्रेन: 'मानव कल्याण और मानवाधिकारों के लिए विनाशकारी स्थिति', युद्ध समाप्ति के आसार नहीं

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र अवर महासचिव और राजनैतिक एवं शान्तिनिर्माण मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन में जारी युद्ध और आमजन की पीड़ा का फ़िलहाल कोई अन्त नज़र नहीं आ रहा है.

रोज़मैरी डीकार्लो ने यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के उस मत को दोहराया कि पिछले वर्ष 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण, यूएन चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन था.

“इससे मानव कल्याण और मानवाधिकारों के लिए विनाश उपजा है, बच्चों की एक पीढ़ी सदमे में है, और वैश्विक खाद्य व ऊर्जा संकट में तेज़ी आई है.”

“इसके बावजूद, यह गम्भीर क्षति, इस टकराव के लम्बा खिंचने के नतीजों की तुलना में फीकी पड़ सकती है.”

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रूसी सैन्य बलों ने 2022 के अन्तिम दिनों में ड्निप्रो, ख़ेरसॉन, किरोवोह्रड, और कीयव को निशाना बनाया और ख़ारकीव, ओडेसा, लिविफ़ में भी हमलों के समाचार थे.

अवर महासचिव के अनुसार, नव वर्ष की पूर्व संध्या पर देश के सभी प्रशासनिक क्षेत्रों में हवाई हमलों की चेतावनी जारी कर दी गई थी. इस साल के शुरू में भी हमले जारी हैं, जिसके कारण खेरसॉन, बख़मूट और सोलेडार में फँसे आम नागरिकों के लिए ख़तरा है.

हाल के दिनों में लड़ाई के बाद, यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय द्वारा जारी किए गए आँकड़ों के अनुसार, रूसी आक्रमण के बाद से अब तक 18 हज़ार से अधिक लोग हताहत हुए हैं.

इनमें छह हज़ार 952 लोगों की मौत हुई है और 11 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं. हताहतों का वास्तविक आँकड़ा इससे कहीं अधिक होने की आशंका है.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने पिछले वर्ष फ़रवरी से अब तक हिंसक संघर्ष सम्बन्धी यौन हिंसा के 90 से अधिक मामलों को दर्ज किया है.

यातना व बुरे बर्ताव के अधिकाँश मामलों में पीड़ित पुरूष हैं, जबकि रूसी नियंत्रण वाले इलाक़ों में लड़कियों व महिलाओं का सामूहिक बलात्कार किए जाने समेत अन्य यौन अपराधों के आरोप लगे हैं.

बुनियादी ढाँचे को क्षति

अवर महासचिव ने बताया कि यूक्रेन में अति-महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को व्यवस्थागत ढँग से निशाना बनाया गया है, जिसमें स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र और ऊर्जा प्रतिष्ठान भी हैं.

मौजूदा हालात में 59 लाख से अधिक महिलाओं व लड़कियों को देश के भीतर ही विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ा है.

4 जनवरी तक स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों पर 745 हमलों की पुष्टि हुई है, जोकि हाल के समय में किसी भी हिंसक टकराव के लिए सबसे बड़ा आँकड़ा है. लड़ाई के कारण 57 लाख छात्रों पर प्रत्यक्ष असर हुआ है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशंका जताई है कि युद्ध के कारण देश की एक-चौथाई आबादी पर मानसिक स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न होने का जोखिम है.

जीवनरक्षक सहायता प्रयास

5 जनवरी तक, मानवीय सहायता संगठनों ने लगभग 90 लाख ज़रूरतमन्दों के लिए खाद्य व अहम स्वास्थ्य देखभाल सेवा सुनिश्चित की है.

73 लाख लोगों को स्वच्छ जल और साफ़-सफ़ाई के लिए ज़रूरी उत्पाद प्रदान किए गए हैं, और 30 लाख विस्थापितों को आपात आश्रय व घर-परिवार के लिए ज़रूरी सामान दिए गए हैं.

युद्ध की शुरुआत के बाद से अब तक, एक करोड़ 40 लाख लोगों को 740 साझेदार संगठनों द्वारा राहत प्राप्त हुई है. इनमें 10 लाख लोग उन इलाक़ों में रह रहे हैं, जोकि फ़िलहाल यूक्रेन सरकार के नियंत्रण में नहीं हैं.

यूएन की शीर्ष अधिकारी ने ज़ोर देकर कहा कि अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण क़ानून के अनुरूप, सभी पक्षों को मानवीय राहत के लिए त्वरित व निर्बाध रास्ता उपलब्ध कराना होगा.

यूक्रेन के ख़ारकीव के एक अस्पताल में एक मरीज़ की देखभाल की जा रही है.
© UNICEF/Evgeniy Maloletka
यूक्रेन के ख़ारकीव के एक अस्पताल में एक मरीज़ की देखभाल की जा रही है.

काला सागर अनाज निर्यात पहल

रोज़मैरी डीकार्लो ने बताया कि चुनौतियों के बावजूद, काला सागर अनाज निर्यात पहल के ज़रिए हालात में बदलाव ला पाना सम्भव हुआ है और वैश्विक खाद्य क़ीमतों में भी कमी आई है.

खाद्य एवं कृषि संगठन ने अपने खाद्य क़ीमत सूचकाँक में गिरावट जारी रहने की बात कही है.

अवर महासचिव ने बताया कि इस पहल के तहत अब तक, एक करोड़ 70 लाख मीट्रिक टन खाद्य सामग्री को 43 देशों में पहुँचाया जा चुका है.

इसके समानान्तर, यूएन ने रूस से खाद्य सामग्री व उर्वरक के निर्यात में पेश आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए अपने प्रयास जारी रखे हैं, जोकि खाद्य असुरक्षा और महंगाई की चुनौती से निपटने के लिए ज़रूरी बताए गए हैं.  

लड़ाई पर विराम के आसार नहीं

राजनैतिक एवं शान्तिनिर्माण मामलों की प्रमुख ने अपनी समापन टिप्पणी में दोहराया कि इस युद्ध का फ़िलहाल कोई संकेत नहीं है.

उन्होंने कहा कि अभी सैन्य तर्क का ही दबदबा है और सम्वाद के लिए ज़्यादा स्थान नहीं है. “लेकिन, हर युद्ध का अन्त होता है, और इसलिए इसका भी होगा.”

रोज़मैरी डीकार्लो ने ज़ोर देकर कहा कि दुनिया इस युद्ध के जारी रहने का जोखिम मोल नहीं ले सकती है.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि इस हिंसक संघर्ष को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है, और यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश इस बेतुके युद्ध का अन्त करन के लिए सभी पक्षों की सहायता करने के लिए तत्पर हैं.