यूएन सुरक्षा परिषद में यूक्रेन युद्ध का अन्त किए जाने की गूंज

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए यूक्रेन में शान्ति की आवश्यकता को रेखांकित किया है और अनेक मोर्चों पर तत्काल कार्रवाई की पुकार लगाई है. 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों के आक्रमण का एक वर्ष पूरा हो रहा है. अब तक इस युद्ध में 20 हज़ार से अधिक लोग हताहत हुए हैं और यूक्रेन की लगभग 40 फ़ीसदी आबादी मानवीय सहायता पर निर्भर है.
15 सदस्य देशों वाली सुरक्षा परिषद में, यूक्रेन पर 24 फ़रवरी 2022 को रूसी आक्रमण के बाद से, अब तक युद्ध के मुद्दे पर 40 से अधिक बार चर्चा की जा चुकी है.
महासचिव गुटेरेश ने क्षोभ प्रकट करते हुए कहा कि यूक्रेन के लोग एक नारकीय जीवन जी रहे हैं.
शुक्रवार को परिषद में एक मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिससे एक दिन पहले ही यूएन महासभा ने अपने 11वें आपात विशेष सत्र के दौरान, एक प्रस्ताव पारित करके रूस से तत्काल यूक्रेन से वापिस लौटने की मांग की है.
“अभी बन्दूकों का बोलबाला है, लेकिन अन्त में हम सभी जानते हैं कि यूएन चार्टर और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप, कूटनीति और जवाबदेही का मार्ग ही न्याय व सतत शान्ति की ओर जाता है.”
यूक्रेन में युद्ध के कारण हिंसक टकराव से पहले कुल रोज़गारों में से, 30 फ़ीसदी ख़त्म हो गए, लाखों लोग विस्थापन का शिकार हुए हैं और 40 प्रतिशत आबादी को सहायता व संरक्षण की आवश्यकता है.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि रूस को भी इस युद्ध के घातक दुष्परिणाम झेलने पड़ रहे हैं.
“हमें हालात को और अधिक भड़कने से रोकना होगा, इस रक्तपात का अन्त करने के लिए हर अर्थपूर्ण प्रयास को प्रोत्साहन देना होगा, और अन्तत:, शान्ति को एक अवसर प्रदान करना होगा.”
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमोत्रो कुलेबा ने आक्रामक कृत्य के ज़रिये यूएन चार्टर के स्पष्ट उल्लंघन का उल्लेख करते हुए रूस को इस दुनिया की समस्या बताया.
“न्याय सुनिश्चित किया जाना होगा.” इस क्रम में, उन्होंने एक विशेष ट्राइब्यूनल गठित करने की मांग की है, जिसके न्यायिक क्षेत्र में यूक्रेन में आक्रामकता के अपराधों के लिए जवाबदेही तय करनी होगी.
“शान्ति का अर्थ न्याय से है, और सभी शान्तिप्रिय देश, रणभूमि पर और कूटनीति की मेज़ पर शान्ति हासिल करेंगे.”
यूक्रेन के विदेश मंत्री इस आक्रामकता के पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए एक मिनट का मौन रखे जाने का अनुरोध किया.
रूस के राजदूत वसीलि नेबेन्ज़िया ने कहा कि उनके सैन्य अभियान का लक्ष्य, यूक्रेन को बर्बाद करना नहीं है, लेकिन शान्ति स्थापना का अवसर गँवा दिया गया है.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि यह हिंसक टकराव वर्ष 2014 में एक तख़्तापलट के साथ शुरू हुआ था, यूक्रेन पीड़ित नहीं है, और उसके हाथ ख़ून व नात्सी टैटू से सने हैं.
रूसी राजदूत ने कहा कि यदि यूक्रेन ने दोनेत्स्क और लुहान्स्क के लोगों के विरुद्ध युद्ध नहीं छेड़ा होता, तो रूस को यह विशेष सैन्य अभियान शुरू करने की ज़रूरत नहीं पड़ती.
“अगर, रूस टकराव को रोकता है, तो यूक्रेन द्वारा रूसी-भाषी जनता के साथ भेदभाव और नात्सीवाद का महिमामंडन जारी रहेगा.”
“यदि, यूक्रेन टकराव रोकता है, तो इससे अनेक ज़िन्दगियों की रक्षा होगी. रूस शान्ति वार्ता के लिए तैयार खड़ा है.”
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि यदि यूक्रेन को उसके हाल पर छोड़ दिया जाता है, तो हम यूएन चार्टर को अपने आप छोड़ देंगे और एक ऐसी दुनिया को आमंत्रण देंगे, जहाँ ताक़तवर सही होते हैं और कमज़ोर पर उसका दबदबा होता है.
अमेरिकी विदेश मंत्री के अनुसार, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन यूक्रेन की जनता की जज़्बे को तोड़ पाने में विफल रहे हैं.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों को एक न्यायोचित शान्ति के लिए प्रयास करने होंगे और जवाबदेही सुनिश्चित की जानी होगी.
यूक्रेन में युद्ध जारी रहने से विश्व को अनेक मोर्चों पर गम्भीर संकट से जूझना पड़ रहा है, विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए चुनौतियाँ बढ़ी हैं.
मोज़ाम्बीक़ के प्रतिनिधि डोमिन्गोस ऐस्तेवाओ फ़र्नांडेज़ ने कहा कि कोविड-19 से उबरने में जो प्रगति दर्ज की गई थी, वो इस युद्ध के कारण धूमिल हो गई है. मोज़ाम्बीक़ ने यूएन महासभा में यूक्रेन के मुद्दे पर लाए गए प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया था.
उन्होंने कहा कि अफ़्रीकी नज़रिए से, युद्ध के कारण आमजन के लिए हमेशा पीड़ा उपजती है. इसके मद्देनज़र, उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से सामूहिक सुरक्षा पर यूएन चार्टर के प्रावधानों को सर्वोपरि रखे जाने का आग्रह किया.
योरोपीय संघ में विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के लिए उच्च प्रतिनिधि जोसेप बॉरेल ने कहा कि यह रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन द्वारा चुना गया युद्ध है, और इसे रोके जाने की आवश्यकता है, अभी.
यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने सुरक्षा परिषद की बैठक में विविध प्रकार के क़दमों का सुझाव प्रस्तुत किया.
उन्होंने कहा कि नागरिकों के संरक्षण को प्राथमिकता दी जानी होगी, उनके विरुद्ध लक्षित हमलों का अन्त किया जाना होगा, और रिहायशी इलाक़ों में विस्फोटक हथियारों के इस्तेमाल को रोका जाना होगा.
महासचिव गुटेरेश के अनुसार, कुछ उपलब्धियाँ दर्शाती हैं कि अन्तरराष्ट्रीय सहयोग सम्भव है, हिंसक टकराव के दौरान भी.
इस क्रम में, उन्होंने काला सागर अनाज निर्यात पहल के लिए निरन्तर सम्पर्क व बातचीत जारी रखने की अहमियत पर बल दिया है, जिसके ज़रिये अब तक, 700 जहाज़ों पर दो करोड़ मीट्रिक टन खाद्य सामग्री रवाना की जा चुकी है.
अनाज निर्यात पहल की अवधि मार्च महीने में समाप्त हो रही है, जिसे आगे बढ़ाए जाने का आग्रह किया गया है.
यूएन प्रमुख ने ज़रूरतमन्द आबादी तक, जीवनरक्षक सहायता व निर्बाध मानवीय राहत पहुँचाने और पुनर्निर्माण प्रयासों के लिए मार्ग सुनिश्चित किए जाने की अपील की है.
इसके अलावा, सभी पक्षों से जल्द से जल्द, योरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र, ज़ैपोरिझझिया में एक परमाणु सुरक्षा व संरक्षण ज़ोन पर सहमति बनाने का अनुरोध किया गया है.
महासचिव ने कहा कि हिंसक टकराव के सन्दर्भ में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की पर्दे के पीछे से दी जाने वाली धमकियों से परमाणु जोखिम बढ़ा है, जोकि शीत युद्ध के स्याह दिनों के बाद से पहले कभी नहीं देखा गया था.
“ये धमकियाँ अस्वीकार्य हैं.”