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यूक्रेनी राष्ट्रपति: शान्ति के लिये हो कार्रवाई, या फिर भंग हो सुरक्षा परिषद

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर ज़ेलेन्स्की ने 5 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सम्बोधित किया.
UN Photo/Loey Felipe
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर ज़ेलेन्स्की ने 5 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सम्बोधित किया.

यूक्रेनी राष्ट्रपति: शान्ति के लिये हो कार्रवाई, या फिर भंग हो सुरक्षा परिषद

शान्ति और सुरक्षा

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर ज़ेलेन्स्की ने सोमवार को सुरक्षा परिषद में अपने भावपूर्ण सम्बोधन में, बूचा में रूसी सैन्य बलों द्वारा कथित रूप से जानबूझकर आम नागरिकों का संहार किये जाने पर क्षोभ व्यक्त करते हुए आगाह किया है कि मौजूदा घटनाक्रम सुरक्षा परिषद और वर्ष 1945 के बाद स्थापित वैश्विक सुरक्षा तंत्र के अस्तित्व लिये एक नई चुनौती पेश कर रहा है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद को या तो शान्ति के लिये कार्रवाई करनी चाहिये, या फिर स्वयं को भंग कर लेना चाहिये. 

राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि, “हम एक ऐसे देश का सामना कर रहे हैं, जोकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वीटो को मृत्यु अधिकार में तब्दील कर रहा है.”

उन्होंने कहा कि अगर यह स्थिति जारी रही तो, देश सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये अन्तरराष्ट्रीय क़ानून या वैश्विक संस्थाओं के बजाय, अपने हथियारों की शक्ति पर भरोसा करेंगे. 

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यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बताया कि वह कुछ ही समय पहले बूचा से लौटे हैं, जोकि राजधानी कीयेफ़ के बाहरी इलाक़े में स्थित है और हाल ही में मुक्त कराया गया एक इलाक़ा है. 

यहाँ पिछले सप्ताहान्त, सड़कों पर बड़ी संख्या में आम लोगों के शव पड़े होने की तस्वीरें सामने आई थी.

राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की के मुताबिक़ रूसी सैन्य बलों ने यूक्रेन के लये सेवारत हर एक व्यक्ति की तलाश की और फिर उसे जानबूझकर मार दिया.

उन्होंने कहा कि पीड़ितों को यातना दिये जाने के बाद उनके सिर में गोली मार दी गई, उन्हें कुँओं में फेंक दिया गया, कारों में बैठे व्यक्तियों को टैंक से कुचल दिया गया और कुछ लोगों के हाथ-पाँव और जीभें काट दी गईं.

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए रूस पर आरोप लगाया कि यूक्रेनी नागरिकों को मूक दास बनाने की कोशिशें की गई हैं. 

साथ ही, खुले रूप से सब कुछ चुरा लिया गया है, “भोजन से शुरू करते हुए, सोने की बालियों तक, जिन्हें खींच लिया गया और जिन पर रक्त लगा था.” 

राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की ने कहा कि ये तिकड़मबाज़ी, आतंकवादी संगठन दाएश से अलग नहीं हैं; फ़र्क़ इतना है कि अब इन्हें सुरक्षा परिषद के एक स्थाई सदस्य द्वारा अंजाम दिया जा रहा है.  

“वो सुरक्षा कहाँ है जिसकी गारण्टी सुरक्षा परिषद को देनी होगी.”

शान्ति में निहित शक्ति

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने ध्यान दिलाया कि यहूदियों के जनसंहार (हॉलोकॉस्ट) को अंजाम देने वाला ऐडॉल्फ़ आइख़मान भी दण्ड से नहीं बच पाया, और कहा कि यह समय सुधारों का है.

“शान्ति में निहित शक्ति का दबदबा बनाया जाना होगा.”

उन्होंने सुरक्षा परिषद के समक्ष चुनौती पेश करते हुए कहा कि या रूसी महासंघ को या तो युद्ध का स्रोत होने के कारण हटाया जाना होगा ताकि अपनी स्वयं की आक्रामकता के सम्बन्ध में लिये गए निर्णयों में और रोड़े ना अटका सके.

या फिर अगर बातचीत में शामिल होने के बजाय कुछ और करने के लिये नहीं है, तो फिर परिषद को पूर्ण रूप से भंग कर दिया जाना चाहिये. 

“क्या आप संयुक्त राष्ट्र को बन्द करने के लिये तैयार हैं? क्या आप सोचते हैं कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के लिये समय चला गया है.”

“यूक्रेन को शान्ति की ज़रूरत है. योरोप को शान्ति की ज़रूरत है. दुनिया को शान्ति की आवश्यकता है.”

इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने उन दरारों पर गहरा खेद प्रकट किया है, जोकि सुरक्षा परिषद को ना सिर्फ़ यूक्रेन के मुद्दे पर, बल्कि दुनिया में शान्ति के लिये अन्य ख़तरों पर कार्रवाई से रोकते हैं. 

उन्होंने सुरक्षा परिषद से यूक्रेन में युद्ध का अन्त करने के लिये हरसम्भव प्रयास किये जाने की पुकार लगाई है.

मृतक संख्या दोगुनी

राजनैतिक व शान्तिनिर्माण मामलों के लिये संयुक्त राष्ट्र प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने भी बताया कि 17 मार्च के बाद से देश में हालात और बिगड़े हैं. 

हिंसा में मारे जाने वाले लोगों की संख्या दोगुने से अधिक हो चुकी है; यूक्रेनी शहरों पर बर्बर गोलाबारी और हवाई बमबारी जारी है; और लाखों लोग दुस्वप्न सरीखी परिस्थितियों मे घेराबन्दी वाले इलाक़ों में फँसे हुए हैं. 

“मारियुपोल और अन्य यूक्रेनी शहरों में मची बर्बादी इस नासमझी भरे युद्ध की एक शर्मनाक पहचान है.”

यूएन अवर महासचिव ने कीयेफ़ और मॉस्को से आग्रह किया कि वार्ताओं में अब तक हुई प्रगति को ज़मीनी धरातल पर उतारा जाना होगा.

राजनैतिक एवं शान्तिनिर्माण मामलों की यूएन प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो, यूक्रेन मुद्दे पर सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/Loey Felipe
राजनैतिक एवं शान्तिनिर्माण मामलों की यूएन प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो, यूक्रेन मुद्दे पर सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.

इस क्रम में, अन्धाधुन्ध हमलों को रोका जाना होगा जिन पर अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत पाबन्दी है और जिन्हें युद्धापराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.

राहत प्रयासों के लिये चुनौती

आपात राहत मामलों में समन्वय के लिये संयुक्त राष्ट्र प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने जिनीवा से जानकारी देते हुए बताया कि एक-चौथाई से अधिक यूक्रेनी आबादी घर छोड़कर जा चुकी है.

“ख़तरनाक परिस्थितियों के कारण, आम नागरिकों तक हमारे, या फिर उनके द्वारा हम तक पहुँचने के प्रयासों में अवरोध पेश आ रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि राहत सामग्री लेकर जाने वाला एक और क़ाफ़िला द्निप्रो से सुदूर पूर्व में सिवियेरोदोनेत्स्क के लिये रवाना किया गया है, जोकि प्रगति का एक संकेत है.

इस क़ाफ़िले के ज़रिये भोजन, कपड़े, ग़ैर-भोज्य सामग्री, दवा और स्वच्छता के लिये अन्य सामान भेजा गया है. 

मानवीय मामलों में समन्वय के लिये यूएन प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स.
UN Photo/Loey Felipe
मानवीय मामलों में समन्वय के लिये यूएन प्रमुख मार्टिन ग्रिफ़िथ्स.

एक लम्बा रास्ता

राहत मामलों के लिये यूएन के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि उनकी 4 अप्रैल को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लैवरॉफ़ और अन्य मंत्रियों से बातचीत हुई है.

वार्ता के दौरान सैन्य कार्रवाई पर विराम लगाने के मुद्दे पर चर्चा हुई ताकि आम नागरिकों को हिंसा प्रभावित इलाक़ों से सुरक्षित बाहर निकालना और राहत सामग्री पहुँचाया जाना सम्भव हो सके.

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स के मुताबिक़ इन बैठकों के बाद उनका मानना है कि अभी एक लम्बा रास्ता तय किया जाना बाक़ी है, मगर उस पर चलना ज़रूरी है और चला जाएगा.

यूएन अवर महासचिव का 7 अप्रैल को यूक्रेन जाने का कार्यक्रम है, जहाँ वह इन्हीं मुद्दों पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से बातचीत करेंगे.

बैकपैक्स में सिमटी ज़िन्दगियाँ

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिण्डा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड्स, सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.
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संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिण्डा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड्स, सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिण्डा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने कहा कि बामबारी में ध्वस्त हुई इमारतों की तस्वीरों के पीछे, बहुत से लोगों को अपनी ज़िन्दगियाँ बैकबैक्स में भरकर, अपने वो घर छोड़ने के लिये विवश होना पड़ा है जिन्हें वो हमेशा से जानते थे.

उन्होंने मोल्दोवा और रोमानिया की यात्रा से 4 अप्रैल को वापिस लौटने के बाद, योरोप के कुछ हिस्से में उत्पन्न हुए शरणार्थी संकट की आखों देखी सुनाई.

लिण्डा थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड्स ने कहा कि अमेरिका का ये आकलन है कि रूसी बलों ने यूक्रेन में युद्धापराध किये हैं. अमेरिका ने यूएन मानवाधिकार परिषद से, रूस को बर्ख़ास्त किये जाने की मांग की है क्योंकि उनके अनुसार, रूस, अपनी इस सदस्यता का प्रयोग, अपने प्रचार के लिये करता है.

रूसी राजदूत की प्रतिक्रिया

रूस के राजदूत वैसिली नेबेन्ज़िया ने इन आरापों का खण्डन करते हुए कहा कि उनके देश ने दरअसल, मारियूपोल में, यूक्रेन की मदद के बिना ही, एक लाख 23 हज़ार 500 लोगों को बचाया है. रूस का “विशेष अभियान” शुरू होने के बाद से, छह लाख लोग सुरक्षित, रूसी क्षेत्र में पहुँचाए गए हैं.

संयुक्त राष्ट्र में रूसी महासंघ के राजदूत वैसिली नेबेन्ज़िया, यूक्रेन मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए
UN Photo/Manuel Elias
संयुक्त राष्ट्र में रूसी महासंघ के राजदूत वैसिली नेबेन्ज़िया, यूक्रेन मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए

रूसी राजदूत ने स्पष्ट करते हुए कहा, “हम प्रताड़ना या अपहरण की बात नहीं कर रहे हैं.” इन स्वैच्छिक निर्णयों के बारे में सोशल मीडिया पर वीडियो देखे जा सकते हैं.

रूसी राजदूत ने, यूक्रेन के राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए कहा, “हम रूसी सेना पर लगाए गए निराधार आरोप आपकी अन्तर आत्मा पर छोड़ते हैं”, जिनके कोई चश्मदीद गवाह नहीं हैं.

रूसी राजदूत ने कहा कि राष्ट्रपति के चुनाव से सम्बन्धित जुड़ी कोई भी उम्मीदें, डोनबास क्षेत्र में रूसी भाषियों के ख़िलाफ़ भाषाई जाँच शुरू किये जाने के बाद नाकाम हो गई हैं. उन्होंने ध्यान दिलाते हुए कहा कि हम मायदान में 2014 के घटनाक्रमों से भड़के “अन्यायों को दुरुस्त करने के कगार पर थे”.

रूसी राजदूत ने बूचा में रूसी सेनाओं द्वारा किये गए तथाकथित अपराधों के आरोपों के बारे में यूक्रेन और पश्चिमी मीडिया पर जानबूझकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया, और कहा कि दरअसल यूक्रेनी अतिवादियों द्वारा आम लोगों पर गोलियाँ चलाए जाने के भी सबूत मौजूद हैं.

उन्होंने ये भी कहा कि राष्ट्रपति ज़ेलेन्सकी ने सुरक्षा परिषद में जिन शवों की वीडियो दिखाई है, वो इन दावों से बिल्कुल भी मेल नहीं खाती है कि ये शव कथित तौर पर चार दिनों ज़मीन पर मौजूद रहे हैं. 

रूसी राजदूत ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से यह पहचानने का अनुरोध किया कि उनका देश, रूसी महासंघ के ख़िलाफ़ एक भूराजनैतिक खेल में, केवल एक मोहरा है.

संयुक्त राष्ट्र में योरोपीय संघ के प्रतिनिधि ओलॉफ़ स्कूग, यूएन चार्टर पर सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए
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संयुक्त राष्ट्र में योरोपीय संघ के प्रतिनिधि ओलॉफ़ स्कूग, यूएन चार्टर पर सुरक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए

योरोपीय नज़रिया

योरोपीय प्रतिनिधिमण्डल के मुखिया ओलॉफ़ स्कूग ने कहा कि रूस के आक्रामक युद्ध ने नियम आधारित व्यवस्था के साथ-साथ, योरोपीय और वैश्विक सुरक्षा को ख़तरे में डाल दिया है.

यूक्रेन से सुरक्षा के लिये बाहर निकलने वाले लाखों लोगों को योरोपीय देशों में ही पनाह मिली है.

उन्होंने बूचा से आने वाली तस्वीरों को “साझा इनसानियत पर एक धब्बा” क़रार दिया, और मांग की कि रूस अपना सैनिक हमला तुरन्त रोके, यूक्रेन से अपनी सेनाएँ बिना शर्त वापिस हटाए और अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं के तहत मान्य, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखण्डता, सम्प्रभुता और स्वतंत्रता का पूर्ण सम्मान करे.