यूक्रेन: खाद्य संकट को टालने के लिये, डेढ़ करोड़ डॉलर की कृषि-केन्द्रित पहल
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने कहा है कि खाद्य संकट को टालने के लिये यूक्रेन में किसानों व लघु उद्यमों को तत्काल अतिरिक्त समर्थन दिये जाने की आवश्यकता है. इसके मद्देनज़र, यूएन एजेंसी और योरोपीय संघ ने कृषि उत्पादन व वैल्यू चेन की बहाली व विकास पर केन्द्रित एक पहल के तहत, डेढ़ करोड़ डॉलर की सहायता धनराशि की घोषणा की है.
योरोपीय संघ के साथ साझेदारी से पोषित परियोजना की मदद से यूक्रेन में ग्रामीण परिवारों, लघु स्तर पर कृषि आधारित उद्यमों को कृषि, मछली पालन और वनों पर केन्द्रित वैल्यू चेन उत्पादन को जारी रखने और उसे मज़बूती देने में मदद मिलेगी.
🔴Press release:
A new $15.5 million EU-@FAO project aims to respond to disruptions to the agricultural sector caused by war in #Ukraine.
Rural households, smallholder farmers and small-scale agricultural enterprises will benefit from the initiative.
FAOnews
साथ ही, युद्धकाल के दौरान उन्हें परिस्थितियों के अनुरूप ढाल पाना भी सम्भव होगा.
फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से ही, देश में बड़ी संख्या में किसानों को ग्रामीण इलाक़ों में अपनी कृषि सम्बन्धी गतिविधियाँ सीमित करने के लिये मजबूर होना पड़ा है.
इसके अलावा, भीषण बमबारी में फ़सलें और खेती में इस्तेमाल किये जाने वाले उपकरण बर्बाद हुए हैं और सप्लाई चेन में व्यवधान आया है.
बताया गया है कि यूक्रेन के ग्रामीण इलाक़ों में रहने वाले क़रीब एक करोड़ 30 लाख लोग, खेतीबाड़ी पर निर्भर हैं.
पश्चिमी यूक्रेन में स्थानीय और विस्थापित को अल्पकाल में सहायता की आवश्यकता होगी, चूँकि खाद्य असुरक्षा बढ़ रही है और लोगों की बचत ख़त्म होती जा रही है.
यूएन एजेंसी के अनुसार, देश में युद्ध के असर के आकलन के लिये हाल ही में एक राष्ट्रव्यापी समीक्षा कराई गई.
कृषि उत्पादन पर असर
नतीजे बताते हैं कि कुल पाँच हज़ार 200 प्रतिभागियों में, हर चार में से एक व्यक्ति को लड़ाई के कारण कृषि उत्पादन घटाने या उसे रोकने पर मजबूर होना पड़ा है.
खाद्य एवं कृषि संगठन ने चेतावनी जारी की है कि जितने लम्बे समय तक हिंसक टकराव जारी रहेगा, उतने ही समय तक बड़ी संख्या में घर-परिवारों, पारिवारिक खेतों, वैयक्तिक उत्पादकों व अन्य लोगों को कामकाज में परेशानी होगी.
संगठन ने स्पष्ट किया है कि कृषि पर निर्भर घर-परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान की जानी होगी, ताकि हालात को बदतर होने से रोका जा सके.
मार्च 2023 में एक हज़ार डॉलर से लेकर 25 हज़ार डॉलर तक का अनुदान उपलब्ध होगा, जिससे लिविफ़, ज़करपत्स्का और चेरनिवियेत्स्का के क्षेत्रों में कृषि उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी.
लाभार्थियों को वित्तीय सहायता पाने के लिये उसी राशि के बराबर योगदान देना होगा, जिसमें कृषि, भेड़-बकरी पालन और वाइन (शराब) बनाने का उपाय शामिल है.
किसानों के लिये समर्थन
संगठन का कहना है कि इस परियोजना का उद्देश्य, कृषि उत्पादकों और छोटे स्तर के किसान उद्यमों को समय पर वित्तीय, तकनीकी, और व्यापार विकास समेत अन्य विषयों पर समर्थन मुहैया कराना है.
अगले कुछ महीनों में सबसे बड़ी चुनौतियों में बाज़ार में कृषि व मवेशी उत्पादों में गिरावट, उर्वरक व कीटनाशक की कमी, और बिजली-कृषि उपकरणों के लिये ईंधन या बिजली की क़िल्लत है.
योरोपीय संघ द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त इस परियोजना के अन्तर्गत मार्च और मई 2022 के दौरान, आपात कृषि समर्थन प्रदान किया जा चुका है.
इससे छह हज़ार घर-परिवारों को कृषि कार्य में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री, नक़दी, सब्ज़ियों के बीज समेत अन्य प्रकार की सहायता से खाद्य उत्पादन जारी रखने में मदद मिली थी.
इस परियोजना का एक उद्देश्य, पौधों के अनुवांशिक संसाधनों को राष्ट्रीय स्तर पर एकत्र व संरक्षित रखना है, जिसे अपनी मात्रा व विविधता की दृष्टि से अहम बताया गया है.