बच्चों के ख़िलाफ़ ऑनलाइन हिंसा को कम करने के लिए 'स्पष्ट दिशा-निर्देश'

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बच्चों के ख़िलाफ़ ऑनलाइन हिंसा के बढ़ते संकट से निपटने के लिए, विश्व भर के साझीदारों की सहायता करने के इरादे से, शुक्रवार को एक नवीन रिपोर्ट जारी की है.
एजेंसी की यह नई रिपोर्ट में इंटरनैट के माध्यम से युवाओं को सिखाने, यौन छवि के दुरुपयोग व साइबर हमले, साइबर धमकी, हैकिंग और निजी पहचान से जुड़ी जानकारी चुराने (identity theft) के कारण हुए उत्पीड़न को रोकने के तरीक़ों पर ध्यान दिया गया है.
🆕 report by WHO on what works to prevent online violence against children, addressing the growing worldwide concern of keeping children safe online
WHO
ये उपाय बच्चों की बेहतर सुरक्षा के लिए रणनीतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को भी उजागर करते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन में स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों के विभाग के निदेशक एटिएन क्रुग ने कहा, “हमारे बच्चे अधिकतर समय ऑनलाइन उपकरणों पर बिताते हैं, इसलिए यह हमारा कर्तव्य है कि हम ऑनलाइन वातावरण को सुरक्षित बनाएँ.”
स्वास्थ्य एजेंसी की ये रिपोर्ट, बच्चों और माता-पिता को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है. इसमें ऑनलाइन हिंसा को रोकने के लिए, शैक्षिक कार्यक्रम लागू करने के महत्व को रेखांकित किया गया है.
अध्ययन दर्शाते हैं कि ये शैक्षिक कार्यक्रम पीड़ा को कम करने, दुर्व्यवहारियों को रोकने और शराब व नशीले पदार्थों के दुरुपयोग जैसे ख़तरों को कम करने में बहुत प्रभावशाली हैं.
स्वास्थ्य एजेंसी के अधिकारी एटिएन क्रुग का कहना है, "यह नया दस्तावेज़ पहली बार देशों की सरकारों, दान दाताओं और अन्य विकास भागीदारों द्वारा कार्रवाई के लिए एक स्पष्ट दिशा दिखाता है और दर्शाता है कि यदि हमें सफल होना है तो हमें ऑनलाइन और ऑफ़लाइन हिंसा दोनों से एक साथ निपटना होगा."
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ये नई रिपोर्ट स्कूल-आधारित शैक्षिक कार्यक्रमों को लागू करने, युवाओं के बीच बातचीत को बढ़ावा देने और माता-पिता को साथ लेकर चलने की सिफ़ारिश करती है.
इस अध्ययन में युवा लोगों को दृढ़ता, सहानुभूति, समस्या-समाधान, भावना प्रबन्धन और अन्य कौशलों सहित, मदद हासिल करने के प्रशिक्षण के महत्व को भी रेखांकित किया गया है.
WHO ने ध्यान दिलाया कि अगर सिखाने के तरीक़ों में वीडियो, गेम, पोस्टर, इन्फोग्राफ़िक्स और निर्देशित चर्चा जैसे प्रारूपों को शामिल किया जाए, तो ये शैक्षिक कार्यक्रम अधिक सफल होते हैं.
‘What Works’ नामक इस रिपोर्ट का तर्क है कि यौन शिक्षा के व्यापक रूप, शारीरिक और यौन आक्रामकता को कम कर सकते हैं. विशेष रूप से ऑनलाइन डेटिंग में, साथी की हिंसा को कम करने और डराने-धमकाने की गतिविधियों से निपटने में ये तरीक़े कारगर हैं.
स्वास्थ्य एजेंसी की इस रिपोर्ट के अनुसार, अनेक क्षेत्रों में सुधार किए जाने की आवश्यकता है.
समस्याओं और समाधानों के परस्पर व्याप्त होने के कारण ऑफ़लाइन हिंसा की रोकथाम के साथ-साथ, समस्या का समाधान करने के लिए, अधिक हिंसा निवारण कार्यक्रमों की आवश्यकता है.
केवल अजनबी लोग ही प्रमुख दोषी नहीं है. अजनबी ख़तरे पर कम ज़ोर दिया जाना चाहिए.
इसके विपरात, परिचित लोगों और साथियों व सह निवासियों पर अधिक ध्यान दिया जाना होगा, क्योंकि वे ज़्यादातर अपराधों के लिए ज़िम्मेदार होते हैं.
ऑनलाइन प्रेम-सम्बन्धों की तलाश (Dating or romance), युवाओं को अतिसंवेदनशील बना देती है. इस रिपोर्ट में स्वस्थ सम्बन्ध कौशल पर ज़ोर देने की आवश्यकता को भी उजागर किया गया है.
इंटरनेट सीखने को प्रोत्साहन देने से लेकर व्यक्तिगत और पेशेवर कौशल विकसित करने और रचनात्मकता को दिखाने तक, बच्चों और युवाओं को बहुत कुछ प्रदान करता है.
हालाँकि, सरकारों को डिजिटल अवसर विकसित करने और उपयोग कर्ताओं को नुक़सान से बचाने के बीच सही सन्तुलन बिठाना होगा.
संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी, बच्चों के ख़िलाफ़ अनेक प्रकार की हिंसा को बेहतर ढंग से समझने में योगदान देने और अन्तरराष्ट्रीय सहायता को सही दिशा दिखाने के लिए प्रतिबद्ध है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (WHO), सार्वजनिक स्वास्थ्य परिदृश्य के रूप में, वर्तमान में बच्चों के ख़िलाफ़ हिंसा पर आँकड़ों के संकलन में समर्थन देती है. और साथ ही उन कारकों पर शोध करती है जो हिंसा को बढ़ा या घटा सकते हैं; कार्यान्वयन और नीति-कार्यक्रमों का मूल्यांकन; और साक्ष्य-आधारित कार्यक्रमों व गतिविधियों को बढ़ावा देना भी इन प्रयासों में शामिल हैं, जैसे कि INSPIRE: Seven strategies for Ending Violence Against Children में बताया गया है.