सोमालिया: गम्भीर कुपोषण का शिकार बच्चों के लिये अभूतपूर्व संकट
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने मंगलवार को एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि सोमालिया में गम्भीर कुपोषण का शिकार हज़ारों लड़कों व लड़कियों पर मौत का जोखिम मंडरा रहा है. इसके मद्देनज़र, यूनीसेफ़ ने दानदाताओं से देश में ज़रूरतमन्द समुदायों तक राहत पहुँचाने के लिये अपना समर्थन बढ़ाने का आग्रह किया है.
यूनीसेफ़ प्रवक्ता जेम्स ऐडलर ने जिनीवा में पत्रकारों को बताया कि विशाल स्तर पर कार्रवाई और निवेश के अभाव में, जिस स्तर पर बच्चों की मौतें होने की आशंका है, वैसा पिछली आधी सदी में नहीं देखा गया है.
उन्होंने कहा कि हर दिन हर एक मिनट में गम्भीर कुपोषण के शिकार एक बच्चे को उपचार के लिये स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती किया जाता है.
Very brave mothers in #Somalia. Very dangerous times. https://t.co/R6DFPn4vbC
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नवीनतम आँकड़ों के अनुसार अगस्त महीने से अब तक 44 हज़ार बच्चों को भर्ती किया जा चुका है.
यूएन एजेंसी के प्रवक्ता के अनुसार गम्भीर कुपोषण का शिकार बच्चों की दस्त व ख़सरा से मौत होने की सम्भावना, बेहतर पोषित बच्चों की तुलना में 11 गुना अधिक होती है.
“इन दरों के साथ, सोमालिया एक ऐसी त्रासदी के कगार पर है, जिसे दशकों से नहीं देखा गया है.”
यूएन एजेंसियों ने पिछले कई महीनों से लगातार चेतावनी जारी की है कि हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका में अकाल का ख़तरा मंडरा रहा है.
इस क्षेत्र में पिछले 40 वर्षों में सबसे ख़राब सूखा पड़ा है, जिससे अनेक देशों में दो करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
सोमालिया के बाइडोआ और बुरहकाबा ज़िलों में मानवीय सहायता के अभाव में अक्टूबर और दिसम्बर महीनों के दौरान अकाल का जोखिम है.
हालात और बिगड़ने का जोखिम
यूनीसेफ़ प्रवक्ता ने आगाह किया कि सोमालिया में मौजूदा संकट की तुलना 2011 के भयावह अकाल से की जा रही है, जब दो लाख 60 हज़ार लोगों की मौत हुई थी.
“मगर, मैं ज़मीनी हालात के बारे में जो कुछ भी सुन रहा हूँ – पोषण विशेषज्ञों से लेकर चरवाहों तक – उसके अनुसार स्थिति आज उससे भी बदतर है.”
अनेक माताओं ने कई दिनों तक पैदल चलने के बाद, हज़ारों कुपोषित बच्चों को उपचार केन्द्रों में भर्ती कराया है.
मगर, सोमालिया के अनेक इलाक़ों में आतंकवाद के कारण विकट हालात हैं और सहायताकर्मियों के लिये जोखिम हैं, इसलिये स्वास्थ्य देखभाल के दायरे से बाहर बच्चों के लिये चिन्ता जताई गई है.
जेम्स ऐडलर ने बताया कि यूनीसेफ़ ने सचल मोबाइल दस्तों को तैनात किया है ताकि ज़रूरतमन्द बच्चों का पता लगाकर उनका कुपोषण के लिये उपचार किया जा सके, विशेष रूप से उन इलाक़ों में जहाँ पहुँच पाना आसान नहीं है.
बताया गया है कि इस वर्ष अब तक गम्भीर कुपोषण का शिकार तीन लाख बच्चों का उपचार किया जा चुका है, और यूनीसेफ़ के आपात जल सेवा ट्रक ने पिछले तीन महीनों में पाँच लाख लोगों तक मदद पहुँचाई है.
मगर, राहत प्रयासों के लिये वित्त पोषण अब भी एक बड़ी चुनौती है.
मानवीय सहायता अपील
यूनीसेफ़ को पिछले कुछ महीनों में अमेरिका, ब्रिटेन और योरोपीय आयोग से सहायता धनराशि प्राप्त हुई है, लेकिन अकाल को बार-बार होने से रोकने के लिये दीर्घकालिक राहत उपाय की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है.
इस बीच, सोमालिया में मानवीय राहत में संयोजन के लिये संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने वर्ष 2022 के लिये जारी अपनी अपील में बदलाव करते हुए अब दो अरब 26 करोड़ डॉलर की रक़म की पुकार लगाई है.
यह पिछले आँकड़े 1.46 अरब डॉलर से 55 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जिसे इस साल के शुरू में जारी किया गया था.
इसमें से 80 फ़ीसदी धनराशि का इस्तेमाल सूखे से उपजे हालात से निपटने के लिये किया जाना है, जिससे 78 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 11 लाख विस्थापित हुए हैं.
संशोधित राहत योजना में अतिरिक्त संख्या में लोगों तक सहायता पहुँचाने – 55 लाख से बढ़कर 76 लाख तक – का लक्ष्य रखा गया है. अब तक इसमें से क़रीब 45 प्रतिशत धनराशि का प्रबन्ध हो चुका है.