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बाल स्वास्थ्य

यूनिसेफ़ के सद्भावना दूत और महान भारतीय बल्लेबाज़ सचिन तेन्दुलकर ने श्रीलंका का दौरा किया और बच्चों की शिक्षा और पोषण कार्यक्रमों में निवेश बढ़ाने की सिफारिश की.
UNICEF

बच्चों की शिक्षा और पोषण में संसाधन निवेश ज़रूरी, सचिन तेंदुलकर

महान क्रिकेटर रह चुके सचिन तेन्दुलकर ने, यूनीसेफ़ के दक्षिण-एशिया सदभावना दूत के रूप मेंश्रीलंका का दौरा किया है. सचिन ने साबरागामूवा प्रान्त में यूनीसेफ़ द्वारा संचालित कार्यक्रमों का जायज़ा लिया. सचिन तेन्दुलकर का मानना है कि बच्चों की शिक्षा और पोषण में संसाधन निवेश करकेहम ना केवल उनके भविष्य मेंबल्कि हर एक देश के भविष्य में निवेश कर रहे हैं. (वीडियो)

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक मोबाइल टीकाकरण इकाई में 6 महीने के एक लड़के का टीकाकरण.
© UNICEF/Saiyna Bashir

WHO: वैश्विक टीकाकरण कवरेज, पटरी पर लौटने के संकेत

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( (WHO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के नवीन आँकड़ों से मालूम होता है कि कुछ देशों में टीकाकरण सेवाओं के बहाल होने के संकेत नज़र आ रहे हैं, अलबत्ता टीकाकरण कवरेज अब भी कोविड-19 महामारी के पूर्व स्तरों से कम है, विशेष रूप से निम्न व मध्य-आय वाले देशों में. इस स्थिति ने बच्चों को, बीमारियाँ फैलने के गम्भीर जोखिम में धकेल दिया है.

फ़ास्ट फूड रेस्तराँ में भोजन.
Unsplash/Christopher William

खाद्य वस्तुओं के आक्रामक प्रचार से बच्चों को बचाने के लिए नए दिशानिर्देश

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बच्चों को खाद्य वस्तुओं के प्रचार या मार्केटिंग के हानिकारक प्रभावों से बचाने के उद्देश्य से नीतियाँ तैयार करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इन दिशानिर्देशों में व्यापक स्तर पर ऐसे अनिवार्य उपायों को अपनाने पर बल दिया गया हैजिनसे सभी उम्र के बच्चों में संतृप्त वसा, ट्रांस फ़ैटअत्य़धिक चीनी या नमक के इस्तेमाल से तैयार किए गए भोजन और ऐल्कॉहॉल-रहित पेय पदार्थों के आक्रामक प्रचार को रोका जा सके.

© UNICEF/Aleksey Filippov

यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 30 जून 2023

इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...

  • 2022 में सशस्त्र संघर्षों में फँसे बच्चों पर गम्भीर असर, स्कूलों व अस्पतालों पर हुए बढ़े हमले
  • बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य व विकास के लिए, आरम्भिक बचपन में निवेश पर बल, WHO की नई रिपोर्ट
  • यूक्रेन में भारी हथियारों की आपूर्ति और हताहतों की संख्या बढ़ने पर चिन्ता
  • अफ़ग़ानिस्तान में आम नागरिक चुका रहे हैं IED विस्फोटों की बड़ी क़ीमत, नई रिपोर्ट
  • स्वच्छ व स्वस्थ महासागरों पर लक्षित, 11.5 करोड़ डॉलर की नई पहल
ऑडियो
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सूडान में संघर्ष से भागे सूडानी शरणार्थी, चाड के कौफ्रॉन में अस्थायी आश्रयों में.
© WFP/Jacques David

सूडान: आम नागरिकों की रक्षा के लिए, युद्धरत पक्षों ने उठाया ‘अहम क़दम’

सूडान में संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि देश में लगभग तीन हफ़्तों से जारी भीषण लड़ाई के बाद, युद्धरत पक्षों ने आम नागरिकों की रक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है, जोकि सही दिशा में लिया गया एक पहला, महत्वपूर्ण क़दम है.

यूनिसेफ सोमालिया कुपोषित बच्चों को पोषण संबंधी हस्तक्षेप सेवाएं प्रदान करता है.
UNICEF/Ismail Taxta

सोमालिया: गम्भीर कुपोषण का शिकार बच्चों के लिये अभूतपूर्व संकट

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने मंगलवार को एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि सोमालिया में गम्भीर कुपोषण का शिकार हज़ारों लड़कों व लड़कियों पर मौत का जोखिम मंडरा रहा है. इसके मद्देनज़र, यूनीसेफ़ ने दानदाताओं से देश में ज़रूरतमन्द समुदायों तक राहत पहुँचाने के लिये अपना समर्थन बढ़ाने का आग्रह किया है.

अफ़ग़ानिस्तान के हेरात शहर के बाहरी इलाक़ में, विस्थापित लोगों के लिये बनाए गए एक शिविर में, यूनीसेफ़ के पदाधिकारियों का दौरा.
© UNICEF/Sayed Bidel

अफ़ग़ानिस्तान: पाँच वर्ष से कम उम्र के आधे बच्चे गम्भीर कुपोषण की चपेट में

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने मंगलवार को आगाह करते हुए कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में इस वर्ष के अन्त तक, पाँच वर्ष से कम उम्र के लगभग 32 लाख बच्चों के, अत्यन्त गम्भीर कुपोषण की चपेट में आने की सम्भावना है. एजेंसियों ने ये भी कहा है कि अगर तुरन्त इस समस्या का उपयुक्त समाधान नहीं मुहैया कराया गया तो कम से कम 10 लाख बच्चों की मौत भी हो सकती है.

एक बच्ची, सीरिया के पूर्वोत्तर इलाक़े में संघर्ष से सुरक्षित बच निकलने के बाद, इराक़ में पोलियो और खसरा से बचाने वाले टीके लगवाते हुए.
© UNICEF/Anmar Rfaat

महामारी का एक और असर, बाल टीकाकरण में गिरावट

संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियों ने कहा है कि कोविड-19 महामारी ने बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिये बचपने में किये जाने वाले टीकाकरण को दरकिनार कर दिया है और वर्ष 2020 के दौरान दुनिया भर में लगभग 2 करोड़ 30 लाख बच्चे नियमित टीकाकरण से वंचित रह गए.

स्कूलों में हिंसा और बदमाशी दुनिया भर में नज़र आती है और इसके कारण बड़ी संख्या में बच्चे और किशोर व्यापक रूप में प्रभावित होते हैं. इसमें साइबर बदमाशी भी शामिल है.
Unsplash/James Sutton

स्कूलों में बदमाशी के ख़िलाफ़ एकजुटता की ज़रूरत

स्कूलों में बढ़ती बदमाशी, साथियों को तंग करने व हिंसा जैसे मामलों की रोकथाम के लिये ठोस क़दम उठाना ज़रूरी हो गया है. बच्चों को शिक्षा का ऐसा सुरक्षित वातावरण मिलना बेहद आवश्यक है, जिससे वो अपने अनुभव साझा करने और आवश्यकता पड़ने पर मदद लेने में न हिचकिचाएँ. भारत में यूनेस्को के निदेशक, एरिक फॉल्ट और भारत की राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद -  NCERT के प्रोफ़ेसर हृषिकेश सेनापति का संयुक्त ब्लॉग.