यूक्रेन: रूस द्वारा क़ाबिज़ इलाक़ों को अपनी सीमाओं में मिलाने की योजना की निन्दा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि यूक्रेन में रूस द्वारा पहले से क़ाबिज़, चार इलाक़ों को रूसी महासंघ में मिलाने की योजना, एक ग़ैरक़ानूनी क़दम और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन होगा, जिसकी निन्दा की जानी चाहिये. उन्होंने चेतावनी जारी की है कि सात महीने से जारी युद्ध का यह ख़तरनाक दिशा की ओर बढ़ना होगा.
महासचिव गुटेरेश ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया, “जोखिम के इस क्षण में, मुझे महासचिव के तौर पर यूएन चार्टर को बनाए रखने के लिये, अपने दायित्व को रेखांकित करना होगा.”
“यह चार्टर स्पष्ट है. किसी एक देश द्वारा धमकी देकर या बल प्रयोग करके, किसी अन्य देश के क्षेत्र को अपनी सीमाओं में शामिल करना, यूएन चार्टर के सिद्धान्तों व अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन है.”
In this moment of peril, I must underscore my duty as Secretary-General to uphold the @UN Charter.
The Charter is clear.
Any annexation of a State’s territory by another State resulting from the threat or use of force is a violation of the Principles of the Charter & int’l law.
antonioguterres
रूस ने मॉस्को में शुक्रवार को एक आयोजन की घोषणा की है, जिसमें दोनेत्स्क, लुहान्स्क, ख़ेरसॉन और ज़ैपोरिझिझिया के क्षेत्रों को रूसी महासंघ में मिलाने के लिये औपचारिक प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
इन क्षेत्रों को रूसी महासंघ का हिस्सा बनाए जाने के मुद्दे पर कुछ ही दिन पहले जनमत संग्रह का आयोजन हुआ और स्थानीय निवासियों ने एक मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया है.
संयुक्त राष्ट्र में राजनैतिक मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने मंगलवार को कहा था कि इस प्रक्रिया को क़ानूनी नहीं ठहराया जा सकता.
महासचिव गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा कि सुरक्षा परिषद के पाँच स्थाई सदस्य देशों में से एक के तौर पर, रूस का यह विशेष दायित्व है कि यूएन चार्टर का सम्मान किया जाए.
उन्होंने कहा कि रूस द्वारा दोनेत्स्क, लुहान्स्क, ख़ेरसॉन और ज़ैपोरिझिझिया को अपनी सीमाओं में मिलाने के किसी भी निर्णय का कोई क़ानूनी मूल्य नहीं होगा और इसकी निन्दा की जानी चाहिये.
महासचिव गुटेरेश के अनुसार, यह क़दम अन्तरराष्ट्रीय क़ानूनी ढाँचे के तहत नहीं है, और यह घटनाक्रम, हर उस बात के विरुद्ध है, जिसके समर्थन में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय खड़ा होता है.
“यह संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों और सिद्धान्तों का मखौल उड़ाता है. यह एक ख़तरनाक उकसावा है. इसका आधुनिक युग में कोई स्थान नहीं है. इस स्वीकार नहीं करना होगा.”
यूएन प्रमुख ने यूक्रेन की सम्प्रभुता, एकता, स्वाधानीता और क्षेत्रीय अखण्डता के लिये सुस्पष्ट संकल्प को रेखांकित किया है.
उन्होंने कहा कि ये तथाकथित जनमत संग्रह, जिन्हें सशस्त्र संघर्ष के दौरान और यूक्रेन के क़ाबिज़ इलाक़ों में क़ानूनी व संवैधानिक फ़्रेमवर्क के दायरे से बाहर अंजाम दिया गया, उन्हें लोकप्रिय इच्छा की अभिव्यक्ति नहीं माना जा सकता है.
संयुक्त राष्ट्र के शीर्षतम अधिकारी ने सचेत किया कि रूस द्वारा आगे बढ़ने के किसी भी निर्णय से शान्ति के लिये सम्भावनाओं पर जोखिम पैदा होगा.
“इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नाटकीय असर की अवधि खिंचेगी, विशेष रूप से विकासशील देशों में, और यूक्रेन व उससे परे जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने की हमारी क्षमता पर भी असर पड़ेगा.”
महासचिव ने कहा कि यह समय कगार से क़दम वापिस खींचने का है.
उनके अनुसार इस विवेकहीन व विनाशकारी युद्ध पर विराम लगाया जाना होगा और यूएन चार्टर व अन्तरराष्ट्रीय क़ानून को बरक़रार रखना होगा.