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यूक्रेन: सुरक्षा परिषद की कार्रवाई पर रूस का वीटो

यूएन सुरक्षा परिषद में, यूक्रेन मुद्दे पर रूस की निन्दा करने वाले प्रस्ताव पर मतदान का एक दृश्य. 25 फ़रवरी 2022
UN Photo/Mark Garten
यूएन सुरक्षा परिषद में, यूक्रेन मुद्दे पर रूस की निन्दा करने वाले प्रस्ताव पर मतदान का एक दृश्य. 25 फ़रवरी 2022

यूक्रेन: सुरक्षा परिषद की कार्रवाई पर रूस का वीटो

शान्ति और सुरक्षा

रूस ने शुक्रवार देर रात सुरक्षा परिषद का एक प्रस्ताव वीटो कर दिया जिसमें यूक्रेन पर रूसी हमले को तुरन्त रोकने और तमाम रूसी सेनाएँ वहाँ से हटाने की मांग की गई थी. सुरक्षा परिषद के अनेक सदस्यों ने रूसी वीटो को एक निन्दनीय क़दम बताया, मगर रूस का रुख़ पहले से ही अपेक्षित था.

15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद के 11 सदस्यों ने इस प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया, जबकि चीन, भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.

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ध्यान रहे कि सुरक्षा परिषद के पाँच स्थाई सदस्यों में से, अगर कोई एक भी सदस्य विरोध में मतदान कर दे, तो सुरक्षा परिषद की कोई भी कार्रवाई या प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सकते. किसी स्थाई सदस्य के विरोध में मतदान को ही वीटो कहा जाता है.

सुरक्षा परिषद के पाँच स्थाई सदस्य हैं – चीन, फ्रांस, रूसी महासंघ, ब्रिटेन, और संयुक्त राज्य अमेरिका.

यूक्रेन संकट को हल करने के लिये, सुरक्षा परिषद का ये प्रयास, संयुक्त राष्ट्र के स्तर पर उन गतिविधियों का हिस्सा था जो देश में रूस की सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिये, लगभग पूरे सप्ताह और हर दिन, कूटनैतिक स्तर पर किये गए.

इन प्रयासों में, यूए महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी लगभग हर दिन पत्रकारों के सामने अपनी बात रखी और शान्ति की अपीलें कीं. सुरक्षा परिषद की तीन आपात बैठकें हुईं, और एक बैठक 193 सदस्य देशों वाली यूएन महासभा की भी हुई. इस बैठक में तमाम वक्ताओं ने यूक्रेन पर तनाव दूर करने की पुकारें लगाईं.

प्रस्ताव पर चर्चा

सुरक्षा परिषद की शुक्रवार को बुलाई गई एक बैठक में अमेरिका और अल्बेनिया द्वारा पेश किये गए एक प्रस्ताव के मसौदे पर चर्चा हुई.

प्रस्ताव के मसौदे में, यूक्रेन पर रूसी आक्रामकता की कड़े शब्दों में निन्दा की गई है और आम नागरिकों के हताहत होने पर गम्भीर चिन्ता व्यक्त की गई.

साथ ही, रूस द्वारा यूक्रेन में ताक़त के इस्तेमाल को तत्काल रोकने और यूक्रेन के क्षेत्र से सैन्य बलों की तत्काल, बिना शर्त वापसी का आग्रह किया गया.

प्रस्ताव के मसौदे में सभी पक्षों से यूक्रेन में सभी ज़रूरतमन्द लोगों तक त्वरित, सुरक्षित व निर्बाध ढंग से मानवीय राहत पहुँचाने के प्रयासों को सम्भव बनाने का भी आहवान किया गया.

प्रस्ताव में यूएन चार्टर के अन्तर्गत, यूक्रेन की सम्प्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखण्डता के प्रति संकल्प को फिर से पुष्ट किया गया.

'हिम्मत ना हारें'

UN chief on Ukraine: "We must give peace another chance" - Media Stakeout (25 February 2022)

यूएन प्रमुख ने सुरक्षा परिषद के इस सत्र के बाद, पत्रकारों से बातचीत में ज़ोर देकर कहा कि "हमें हिम्मत नहीं हारनी होगी."

उन्होंने कहा, "हमें शान्ति को एक और मौक़ा देना होगा. सैनिकों को अपने बैरकों में वापिस लौटना होगा. नेताओं को सम्वाद और शान्ति की ओर रुख़ करना होगा."

और बढ़ती अभियानजनक चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने आश्वासन दिया कि संयुक्त राष्ट्र, यूक्रेन में सम्पर्क रेखा के दोनों तरफ़, जीवनरक्षक सामग्री की आपूर्ति तेज़ कर रहा है.

समर्पित यूएन संयोजक

यूएन प्रमुख ने, यूक्रेन में रूस की आक्रामक कार्रवाई के कारण तेजी से बढ़ती मानवीय जरूरतों, हताहत होते आम लोगों, और लगभग एक लाख लोगों के विस्थापन की पृष्ठभूमि में, अमीन अवाद को, यूक्रेन के लिये समर्पित संकट संयोजक नियुक्त किये जाने की घोषणा की है.

ध्यान रहे कि बहुत से लोग, सुरक्षित स्थानों की तलाश में, पड़ोसी देशों का भी रुख़ कर रहे हैं.

अमीन अवाद, सम्पर्क रेखा के दोनों तरफ़ संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यों का संयोजन करेंगे. वह, एंतोनियो गुटेरेश के यूएन शरणार्थी उच्चायुक्त के समय में, एक निकट सहयोगी के रूप में काम कर चुके हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा, "तमाम सम्बद्ध पक्षों को अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून का सम्मान करना होगा और यूएन स्टाफ़ व अन्य मानवीय सहायता कर्मचारियों की सुरक्षा और आवागमन की स्वतंत्रता की गारण्टी देनी होगी."

"विशेष रूप में, इस तरह की घड़ी में, ये याद रखना अहम है कि संयुक्त राष्ट्र, दुनिया भर में मौजूद लाखों महिलाओं और पुरुषों के कार्यबल का नाम है."

चिन्ताजनक घटनाक्रम

ग़ौरतलब है कि रूसी महासंघ ने यूक्रेन के दो पूर्वी क्षेत्रों – दोनेत्स्क और लूहान्स्क के कुछ हिस्सों की कथित स्वतंत्रता को मान्यता देने की घोषणा की है, जिसके बाद से ही विश्व भर में चिन्ता व्याप्त है.

यूक्रेन में एक महिला, अपने बनाए हुए गुलाब बाग़ीचे की तबाही को देखते हुए (फ़ाइल)
Danish Red Cross/Jakob Dall
यूक्रेन में एक महिला, अपने बनाए हुए गुलाब बाग़ीचे की तबाही को देखते हुए (फ़ाइल)

इसके बाद, बुधवार को सुरक्षा परिषद की आपात बैठक के दौरान ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोनबास क्षेत्र में एक विशेष अभियान की घोषणा कर दी और यूक्रेन की सेनाओं से अपने हथियार डालने को कहा.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि रूसी सैन्य बलों द्वारा यूक्रेन के भीतर सैन्य अभियान शुरू किये जाने के बाद अब तक कम से कम 127 लोगों के हताहत होने की ख़बरें मिली हैं.

यूएन मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने कहा कि बमबारी और हवाई कार्रवाई में 25 लोगों की मौत हुई है और 102 घायल हुए हैं, जबकि हताहतों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि यूक्रेन पर रूस की "विशेष सैनिक कार्रवाई" ग़लत है और यूएन चार्टर के सिद्धान्तों का भी उल्लंघन है.

यूएन प्रमुख ने न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में, गुरूवार को पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनिया को युद्ध की विभीषिका की नहीं, बल्कि शान्ति की ज़रूरत है.

यूएन महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने भी तत्काल युद्धविराम, तनाव में कमी लाने और कूटनीति व सम्वाद की ओर लौटने का आग्रह किया है.