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यूक्रेन: ज़ैपोरिझिझिया परमाणु संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने की पुकार

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के मुद्दे पर, सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.
UN Photo/Loey Felipe
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के मुद्दे पर, सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए.

यूक्रेन: ज़ैपोरिझिझिया परमाणु संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूक्रेन के ज़ैपोरिझिझिया परमाणु संयंत्र  के आस-पास के इलाक़े में लड़ाई रोकने और संयंत्र की सुरक्षा के लिये जोखिम में कमी लाने की अहमियत को रेखांकित किया है. यूएन प्रमुख ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद को मौजूदा घटनाक्रम से अवगत कराते हुए यह बात कही है. 

यूक्रेन के ज़ैपोरिझिझिया शहर में योरोप का सबसे बड़ा परमाणु बिजली संयंत्र स्थित है, जोकि हाल के हफ़्तों में लगातार गोलाबारी की चपेट में आया है, और जिसकी वजह से परमाणु त्रासदी की आशंका गहरी हुई है.

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यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने वर्तमान परिस्थिति पर गहरी चिन्ता जताते हुए सचेत किया कि ज़ौपोरिझिझिया या यूक्रेन के किसी अन्य परमाणु संयंत्र को क्षति पहुँचने की स्थिति में व्यापक पैमाने पर विनाश हो सकता है.  

“ऐसे परिदृश्य को टालने के लिये हर क़दम उठाया जाना होगा. सहज बोध और सहयोग के ज़रिये आगे बढ़ा जाना होगा.”

उन्होंने आगाह किया कि ऐसा कोई भी कृत्य जिससे परमाणु संयंत्र की ढाँचागत अखण्डता, सुरक्षा या सलामती के लिये ख़तरा उत्पन्न होता हो, वो अस्वीकार्य है. 

महासचिव गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा कि परमाणु संयंत्र को फिर से पूर्ण रूप से नागरिक प्रतिष्ठान के रूप में बहाल किये जाने के प्रयास अहम है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि, “पहले क़दम के तौर पर, रूसी और यूक्रेनी सैन्य बलों को संयंत्र स्थल से या संयंत्र स्थल की ओर किसी भी सैन्य गतिविधि में संलिप्त ना होने का संकल्प लेना होगा.”

“ज़ैपोरिझिझिया केन्द्र और उसके इर्द-गिर्द लक्ष्य या सैन्य अभियान के लिये मंच नहीं होना चाहिये.”

दूसरा क़दम, असैन्यकरण के लिये इलाक़े की परिधि पर सहमति बनानी होगी. 

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि इसका अर्थ होगा कि उस परिधि से रूस अपने सभी सैन्यकर्मियों और उपकरण को पीछे हटाने का संकल्प ले, और यूक्रेन भी वहाँ ना दाख़िल होने का संकल्प ले.

“संयंत्र में मौजूद संचालकों के लिये अपनी ज़िम्मेदारी निभा पाना सम्भव होना होगा, और संचार बनाए रखना होगा.”

यूएन प्रमुख ने प्लांट पर मौजूद अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के निरीक्षकों को समर्थन देने के लिये संकल्प की पुकार लगाई है. 

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के विशेषज्ञों की टीम, कई महीनों से जारी कूटनैतिक प्रयासों के परिणामस्वरूप, पिछले सप्ताह वहाँ पहुँची.

बताया गया है कि दो विशेषज्ञ संयंत्र में मौजूद रहेंगे, जोकि युद्ध की शुरुआत के कुछ समय बाद ही रूसी सैन्य बलों के नियंत्रण में है. 

महासचिव गुटेरेश ने कहा, “मुझे भरोसा है कि अब ज़ैपोरिझिझिया में तैनात IAEA विशेषज्ञ, बिना किसी अवरोध के अपना कार्य कर पाएंगे, और प्लांट पर स्थाई रूप से परमाणु सुरक्षा व सलामती को सुनिश्चित करने में योगदान देंगे.”

“इस महत्वपूर्ण मिशन की सफलता में हम सभी का हित दाँव पर लगा हुआ है.”

‘ऐतिहासिक’ IAEA मिशन

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी  ने इस मिशन का नेतृत्व किया और उन्होंने इसे ऐतिहासिक क़रार दिया है. 

उन्होंने ध्यान दिलाया कि यूएन एजेंसी कर्मचारी अभी वहाँ मौजूद है, जोकि अभूतपूर्व बात है.

यूएन परमाणु एजेंसी प्रमुख ने चेर्नोबिल और फ़ुकुशिमा में परमाणु आपदाओं के प्रति ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि निरीक्षकों को कठिन हालात में काम करना पड़ा है.

महानिदेशक ग्रॉस्सी ने कहा कि यह ऐतिहासिक व नैतिक रूप से अनिवार्य है कि कुछ भी घटित होने से रोका जाए.

और वहाँ मौजूदगी स्थापित करने और सुरक्षा के लिये एक क्षेत्र बनाने पर सहमति की मदद से इसकी रोकथाम का अवसर है.

यूक्रेन के ज़ैपोरिझझिया में ड्नीपेर जलविद्युत संयंत्र.
Unsplash/Yehor Milohrodskyi
यूक्रेन के ज़ैपोरिझझिया में ड्नीपेर जलविद्युत संयंत्र.

नाज़ुक हालात

यूएन मिशन ने अपनी रिपोर्ट मंगलवार को प्रकाशित की है, जिसमें परमाणु सुरक्षा के सात स्तम्भों के लिये ठोस अनुशंसाएँ प्रस्तुत की गई हैं.  

पहले स्तम्भ में परमाणु संयंत्रों की ढाँचागत अखण्डता का उल्लंघन ना करने पर ज़ोर दिया है.

उन्होंने कहा कि मगर ऐसा हुआ है, यह अस्वीकार्य है कि और इसकी रोकथाम की जानी होगी, चूँकि यह आग के साथ खेलने जैसा है और विनाशकारी साबित हो सकता है. 

रिपोर्ट में परमाणु सुरक्षा व सलामती संरक्षण क्षेत्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है, जोकि संयंत्र और उसके इर्द-गिर्द परिधि तक सीमित होगा. 

अन्य सिफ़ारिशों में सभी सैन्य वाहनों व उपकरणों को परमाणु संयंत्र की इमारतों से हटाने, कर्मचारियों के लिये स्पष्ट व नियमित दायित्व के निर्वहन के लिये परिस्थितियाँ सृजित करने और उपयुक्त कामकाजी माहौल फिर से स्थापित करने पर बल दिया गया है.