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श्रीलंका: ज़रूरतमन्द गर्भवती महिलाओं को नक़दी वाउचर के साथ, यूएन खाद्य सहायता शुरू

श्रीलंका में भोजन पकाने में काम आने वाली गैस की आपूर्ति कम होने के कारण, बहुत से परिवारों को परम्परागत आग शैलियों का प्रयोग करने के लिये विवश होना पड़ रहा है.
WFP/Josh Estey
श्रीलंका में भोजन पकाने में काम आने वाली गैस की आपूर्ति कम होने के कारण, बहुत से परिवारों को परम्परागत आग शैलियों का प्रयोग करने के लिये विवश होना पड़ रहा है.

श्रीलंका: ज़रूरतमन्द गर्भवती महिलाओं को नक़दी वाउचर के साथ, यूएन खाद्य सहायता शुरू

आर्थिक विकास

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने श्रीलंका में आपात सहायता उपायों की शुरूआत के तहत, गुरूवार को राजधानी कोलम्बो के कुछ कमज़ोर हालात वाले इलाक़ों में गर्भवती महिलाओं को खाद्य वाउचर वितरित करने शुरू कर दिये हैं. यह देश अपनी स्वतंत्रता के बाद से सर्वाधिक गम्भीर राजनैतिक व आर्थिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है. 

संयुक्त राष्ट्र की यह खाद्य एजेंसी श्रीलंका में बेहद कमज़ोर हालात वाले ऐसे लगभग 30 लाख लोगों तक जीवनरक्षक खाद्य, नक़दी और वाउचर सहायता पहुँचाने के लिये काम कर रही है, जो लोग अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल व मन्दी के कारण, अपनी खाद्य ज़रूरती पूरी नहीं कर सकते.

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कार्रवाई योजना

संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों ने गत सप्ताह, श्रीलंका में मानवीय ज़रूरतों और प्राथमिकताओं की योजना (HNP) के लिये, चार करोड़ 70 लाख डॉलर की सहायता अपील जारी की थी जिसके ज़रिये, उन लगभग 17 लाख लोगों की मदद करने का लक्ष्य है, जो गहराए आर्थिक संकट से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. 

इस आर्थिक संकट के कारण देश, ज़रूरी सामान के आयात का भुगतान करने में सघर्ष कर रहा है जबकि क़र्ज़ बढ़ रहा है और खाद्य सामग्रियों, ईंधन व चिकित्सा सामान की भारी क़िल्लत है.

देश में इस बहुकोणीय संकट के कारण, व्यापक स्तर पर जन प्रदर्शन हुए हैं और ये संकट कोविड-19 महामारी व पूरे देश में पर्यटन क्षेत्र में भारी मन्दी के कारण भी और ज़्यादा गहरा हुआ है.

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा है कि राजधानी कोलम्बो में, मई महीने में महंगाई 57.4 प्रतिशत की रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँच गई थी, और भोजन पकाने व परिवहन में प्रयोग होने वाले ईंधन की व्यापक क़िल्लत का असर ये हुआ है कि निर्धन परिवार, अपनी भोजन ज़रूरतें पूरी करने में जद्दोजेहद कर रहे हैं. 

एजेंसी का कहना है कि श्रीलंका में लगभग 22 प्रतिशत आबादी यानि, लगभग 50 लाख लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं और उन्हें सहायता की आवश्यकता है. सब्ज़ियाँ, फल व प्रोटीन समृद्ध उत्पादों जैसे पोषक खाद्य पदार्थ, अब बहुत से लोगों की पहुँच से बाहर हैं.

माताओं के लिये वाउचर मदद

विश्व खाद्य कार्यक्रम ने गर्भवती महिलाओं को जो वाउचर वितरित करने शुरू किये हैं उनका मूल्य स्थानीय मुद्रा में 40 डॉलर के बराबर है, और उनके ज़रिये लगभग 2000 महिलाएँ, अति आवश्यक खाद्य सामग्री ख़रीद सकती हैं. 

इसके अलावा इन गर्भवती महिलाओं को राजधानी में सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य देखभाल भी मुहैया कराई जाएगी.

एशिया और प्रशान्त के लिये एजेंसी के उप क्षेत्रीय निदेशिका एन्थी वैब ने कोलम्बो से बताया, “गर्भवती महिलाओं को हर दिन पोषक भोजन ख़ुराक खाने की ज़रूरत है, मगर इनमें निर्धन महिलाओं को, बुनियादी ख़ुराक का प्रबन्ध करना भी कठिन से कठिनतर होता जा रहा है. जब उन्हें पोषक भोजन ख़ुराक नहीं मिल पाती है तो वो स्वयं और अपने बच्चे के स्वास्थ्य के लिये जोखिम उत्पन्न करती हैं.”

“शहरों में रहने वाले और खेतों में काम करने वाले निर्धन परिवारों की आमदनियाँ बहुत कम हो गई हैं जबकि आवश्यक वस्तुओं की क़ीमतें आसमान छू रही हैं. हर दिन गुज़रने के साथ, दुनिया भर में खाद्य वस्तुओं और ईंधन क़ीमतों में कुछ वृद्धि देखी जाती है, इसलिये यह मदद कार्य अभी शुरू करना, हमारे लिये अति महत्वपूर्ण है.”

श्रीलंका में, आर्थिक मन्दी के कारण, ईंधन की भारी क़िल्लत हो रही है.
WFP/Josh Estey
श्रीलंका में, आर्थिक मन्दी के कारण, ईंधन की भारी क़िल्लत हो रही है.