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जलवायु व अन्य विनाशकारी आपदाओं से रक्षा के लिये सहनक्षमता विकास पर बल

इण्डोनेशिया की राजधानी जकार्ता में एक बाढ़ प्रभावित इलाक़े में एक माँ अपने बच्चे के साथ.
© UNICEF/Arimacs Wilander
इण्डोनेशिया की राजधानी जकार्ता में एक बाढ़ प्रभावित इलाक़े में एक माँ अपने बच्चे के साथ.

जलवायु व अन्य विनाशकारी आपदाओं से रक्षा के लिये सहनक्षमता विकास पर बल

जलवायु और पर्यावरण

आपदा जोखिम न्यूनीकरण के विषय पर इण्डोनेशिया के बाली शहर में आयोजित संयुक्त राष्ट्र की एक फ़ोरम के समापन पर सुदृढ़ता व सहनसक्षम को बढ़ावा देने और समय पूर्व चेतावनी प्रणालियों को तत्काल अपनाये जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है ताकि आपदा की बढ़ती घटनाओं के ख़तरों को कम किया जा सके.

आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये वैश्विक प्लैटफ़ॉर्म की बैठक में लगभग 184 देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जहाँ उन्होंने जलवायु जोखिमों व अन्य विनाशकारी घटनाओं से समुदायों की रक्षा करने के प्रयासों की समीक्षा की.

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शुक्रवार को फ़ोरम के समापन पर Bali Agenda for Resilience नामक एक दस्तावेज़ को जारी किया गया है, जिसका उद्देश्य, वर्ष 2030 तक हर दिन 1.5 आपदाओं को घटने से रोकना है. 

पिछले महीने जारी एक वैश्विक समीक्षा रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि रोकथाम उपायों के अभाव में दुनिया को प्रति दिन 1.5 आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है.

आपदाओं के कारण टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयासों पर असर हुआ है और अवरोध पैदा हुए हैं.

दस्तावेज़ के सारांश के अनुसार, “समय पूर्व चेतावनी प्रणालियों को उपयुक्त संस्थागत, वित्त पोषण व मानव क्षमता के साथ सर्वाधिक जोखिम झेल रहे समुदायों के लिये समावेशी बनाना होगा, ताकि समय रहते चेतावनी पर क़दम उठाये जा सकें.”

बैठक के दौरान, केवल 95 देशों ने अपने पास बहु-जोखिम समय पूर्व चेतावनी प्रणाली उपलब्ध होने की बात कही है, जिससे सरकारों, एजेंसियों और आम जनता को आपदा से पहले ही भान हो जाता है.

अफ़्रीका, सबसे कम विकसित देशों और लघु द्वीपीय विकासशील देश, इन प्रणालियों के दायरे में कम ही हैं.

इन उपायों से बाढ़, सूखा व ज्वालामुखी विस्फोट जैसी आपदाओं के विरुद्ध एक महत्वपूर्ण रक्षा कवच मिलता है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने इस वर्ष मार्च में पृथ्वी पर हर व्यक्ति के लिये समय पूर्व चेतावनी प्रणालियों की कवरेज सुनिश्चित करने की पुकार लगाई थी.

समय पूर्व चेतावनी

बाली एजेण्डा की एक अहम सिफ़ारिश, सभी निवेश व निर्णय-निर्धारण प्रक्रियाओं में सुदृढ़ता का ख़याल रखे जाने की है, जिसमें आपदा जोखिम न्यूनीकरण को सम्पूर्ण समाज व सम्पूर्ण सरकार पद्धति के तहत एकीकृत किया जाना होगा. 

निष्कर्ष दस्तावेज़ में नीतियों को आकार देने और जोखिम प्रबन्धन के तौर-तरीक़ों की समीक्षा किये जाने का आग्रह किया गया है.

इसके अलावा, वैश्विक, क्षेत्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर इनके लिये आवश्यक संस्थागत उपायों को भी अपनाये जाने पर बल दिया गया है. 

कोविड-19 का असर

वैश्विक महामारी कोविड-19 के फैलाव के बाद यह पहली बार है जब आपदा जोखिम के विषय पर, संयुक्त राष्ट्र की फ़ोरम को आयोजित किया गया है.

विशेषज्ञों ने ध्यान दिलाया है कि पुनर्बहाली व पुनर्निर्माण के मौजूदा तौर-तरीक़े ना तो अब तक दर्ज की गई प्रगति की रक्षा करने में पर्याप्त हैं और ना ही बेहतर, हरित व ज़्यादा न्यायसंगत विश्व की ओर आगे बढ़ने में.

“कोविड-19 महामारी से लिये गए रूपान्तरकारी सबक़ को समयावधि पूरा होने से पहले ही लागू किया जाना होगा.”

इण्डोनेशिया के बाली शहर में आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये वैश्विक प्लैटफ़ॉर्म का सातवाँ सत्र.
UNDRR/Antoine Tardy
इण्डोनेशिया के बाली शहर में आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये वैश्विक प्लैटफ़ॉर्म का सातवाँ सत्र.

इस तीन-दिवसीय बैठक के दौरान, वर्ष 2015 में हुए ‘सेण्डाई फ़्रेमवर्क’ समझौते को लागू करने में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा भी की गई.

इस फ़्रेमवर्क का उद्देश्य आपदा जोखिमों से अब तक हुई प्रगति की रक्षा सुनिश्चित करना है.

भावी दिशा 

जोखिमों से निपटने के लिये मौजूदा व्यवस्था को बेहतर बनाया जाना ज़रूरी है, चूँकि फ़िलहाल जोखिमों में कमी आने की रफ़्तार, जोखिमों के पैदा होने से कहीं कम है.

संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप27), जी20 समूह के देशों की अगली बैठक और सेण्डाई फ़्रेमवर्क की मध्यावधि समीक्षा के दौरान ‘बाली एजेण्डा’ दस्तावेज़ सम्बन्धी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.

आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस हर वर्ष 13 अक्टूबर को मनाया जाता है और इस वर्ष, यह अवसर समय पूर्व चेतावनी प्रणालियों पर केन्द्रित है.