समय पूर्व चेतावनी प्रणालियों के ज़रिये, सर्वजन की रक्षा सुनिश्चित करने का लक्ष्य
संयुक्त राष्ट्र ने चरम मौसम की घटनाओं व जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से विश्व भर में आमजन की रक्षा के लिये, अगले पाँच वर्षों के भीतर समय पूर्व चेतावनी प्रणालियाँ सुनिश्चित किये जाने का महत्वाकाँक्षी लक्ष्य स्थापित किया है.
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार, 23 मार्च, को ‘विश्व मौसम विज्ञान दिवस’ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने वीडियो सन्देश में कहा, “समय पूर्व चेतावनी और कार्रवाई जीवन की रक्षा करती है.”
इस क्रम में, उन्होंने विश्व मौसम विज्ञान एजेंसी (WMO) को इन प्रयासों की अगुवाई करने और नवम्बर 2022 में मिस्र में यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन के दौरान एक कार्रवाई योजना प्रस्तुत करने की ज़िम्मेदारी सौंपी है.
इस वर्ष अन्तरराष्ट्रीय दिवस की थीम समय पूर्व चेतावनी और समय रहते कार्रवाई (Early Warning and Early Action) रखी गई है.
यूएन प्रमुख ने कहा, “मानव-जनित जलवायु व्यवधान अब हर क्षेत्र को क्षति पहुँचा रहे हैं.”
उन्होंने समय पूर्व चेतावनी व समय रहते कार्रवाई की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा, “हमें अनुकूलन व सहनक्षमता में भी समान रूप से निवेश करना होगा.”
“इसमें वो जानकारी भी हो, जिससे हमें तूफ़ानों, ताप लहरों, बाढ़ों और सूखों का पता लगाने में मदद मिलती है.”
‘अस्वीकार्य विषमता’
जलवायु परिवर्तन पर अन्तरसरकारी आयोग (IPCC) की नई रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि वैश्विक तापमान में होने वाली हर छोटी वृद्धि से, चरम मौसम घटनाओं की आवृत्ति और गहनता बढ़ जाती है.
महासचिव के मुताबिक़, यह अस्वीकार्य है कि विश्व में एक-तिहाई आबादी के पास अब भी समय पूर्व चेतावनी प्रणालियाँ उपलब्ध नहीं हैं, और इनमें से अधिकाँश लोग, सबसे कम विकसित व लघु द्वीपीय विकासशील देशों में रहते हैं.
“अफ़्रीका में तो हालात और भी बदतर हैं: 60 फ़ीसदी लोगों के पास कवरेज नहीं है.”
मौजूदा दौर में, जलवायु परिवर्तन, विश्व के सभी हिस्सों में एक कटु वास्तविकता बन गया है, और चरम मौसम की घटनाओं – ताप लहरें, सूखा, वनों में आग समेत अन्य घटनाओं में वृद्धि हो रही है.
इस बीच, वातावरण में नमी बढ़ने से अत्यधिक वर्षा हो रही है, जोकि घातक बाढ़ की वजह भी बन रहा है. वहीं महासागर का तापमान बढ़ने के कारण शक्तिशाली चक्रवाती तूफ़ान पैदा हो रहे हैं और समुद्री जलस्तर बढ़ रहा है.
“हमें हर किसी के लिये पूर्वानुमान की शक्ति और कार्रवाई की क्षमता में बढ़ोत्तरी करनी होगी.”
समय पूर्व चेतावनी प्रणाली
एकीकृत समय पूर्व चेतावनी प्रणाली के ज़रिये बाढ़ व सूखे की घटनाओं, ताप लहरों और तूफ़ानों से, देशों की सरकारों, समुदायों और व्यक्तियों को बचाव व तैयारी के लिये आगाह किया जा सकता है, जिससे उनके असर को कम किया जा सके.
आधुनिकतम कम्पयूटर मॉडल के ज़रिये, भूमि व सागर की वास्तविक समय में निगरानी की जाती है.
इसके अतिरिक्त, तूफ़ानों की आशंका के जोखिमों को समझने के लिये, एक व्यापक समय पूर्व चेतावनी प्रणाली में, अतीत की घटनाओं से लिये गए सबक़ को समाहित करने पर भी बल दिया गया है, ताकि भविष्य में कार्रवाई को बेहतर बनाया जा सके.
बेहतरी के लिये निवेश
यूएन मौसम विज्ञान एजेंसी की 2021 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पाँच दशकों में, जलवायु और जल-सम्बन्धी आपदाओं के कारण, औसतन हर दिन, 115 लोगों की मौत हुई है और 20 करोड़ डॉलर का नुक़सान हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में आपदाओं की संख्या पाँच गुना बढ़ी है, मगर बेहतर समय पूर्व चेतावनी और आपदा प्रबन्धन की मदद से अनेक ज़िन्दगियों की रक्षा हुई है.
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के प्रमुख पेटेरी टालास ने कहा, “जलवायु परिवर्तन के कारण आपदाओं की संख्या बढ़ने की वजह से बड़ी संख्या में टिकाऊ विकास लक्ष्यों को पूरा किये जाने पर जोखिम पैदा हो रहा है.”
उन्होंने सचेत किया कि अगले पाँच वर्षों में सबसे कम विकसित देशों और लघु द्वीपीय विकासशील देशों में बुनियादी ढाँचों और सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये में डेढ़ अरब डॉलर के निवेश की ज़रूरत होगी.
यूएन एजेंसी की योजना
समय पूर्व चेतावनी सेवाओं की सार्वभौमिक कवरेज को साकार करने के लिये, यूएन एजेंसी हर देश में चेतावनी जारी करने के लिये क्षमताओं का विस्तार करने, पर्यवेक्षण सम्बन्धी खाइयों को पाटने पर ध्यान केंद्रित करेगी.
साथ ही, व्यक्ति-केंद्रित, समावेशी और सुलभ ढँग से जवाबी कार्रवाई की क्षमता को भी बेहतर बनाया जाएगा.
नई योजना में, विश्व मौसम विज्ञान संगठन की मौजूदा गतिविधियों व साझीदारियों को केंद्र में रखते हुए प्रयास किये जाएंगे.