संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षकों की सेवा, साहस व बलिदान का सम्मान

संयुक्त राष्ट्र ने 29 मई को मनाये जाने वाले अन्तरराष्ट्रीय यूएन शान्तिरक्षक दिवस के लिये, गुरूवार को न्यूयॉर्क में आयोजित एक समारोह में, विश्व के सर्वाधिक ख़तरनाक स्थानों पर यूएन के झण्डे तले सेवाएँ प्रदान करने वाले शान्तिरक्षकों को श्रृद्धांजलि अर्पित की है.
#PKDay is an opportunity to thank all peacekeepers for their service & sacrifice. Our Head @Lacroix_UN explains this year's theme: #PeoplePeaceProgress - The Power of Partnerships.Standing alone we can never succeed. But together, we are strong & changing lives for the better. pic.twitter.com/bgjsnNYuz4
UNPeacekeeping
यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश द्वारा संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में शान्तिरक्षकों के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित किये जाने से कार्यक्रम की शुरुआत हुई.
यह चार हज़ार से अधिक, उन सभी ‘ब्लू हैलमैट’ शान्तिरक्षकों को श्रृद्धांजलि थी, जिन्होंने पिछले सात दशकों से अभी अधिक समय में, वैश्विक शान्ति व सुरक्षा के लिए अपने प्राण निछावर किए हैं.
यूएन प्रमुख ने पिछले वर्ष दायित्व के निर्वहन में अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले 117 शान्तिरक्षकों को भी सम्मानित किया.
उन्होंने बताया कि ये सभी शान्तिरक्षक 42 देशों और विविध पृष्ठभूमियों से थे. लेकिन वे एक साझा लक्ष्य, शान्ति के लिये एकजुट थे.
महासचिव ने पीड़ितों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी सम्वेदनाएँ व्यक्त करते हुए कहा कि, "हमारे दिल में सदैव उनके लिये जगह रहेगी.”
यूएन के शान्ति अभियानों में ज़मीनी स्तर पर सेवारत वर्दीधारी और असैनिक शान्तिरक्षकों के योगदान को रेखांकित करने के इरादे से हर वर्ष 29 मई को ‘अन्तरराष्ट्रीय यूएन शान्तिरक्षक दिवस’ मनाया जाता है
यूएन प्रमुख ने कहा कि गम्भीर और विशाल चुनौतियों का सामना करते हुए अपना दायित्व निभा रहे यूएन शान्तिरक्षकों के कार्य पर उन्हें गर्व है.
शान्तिरक्षकों को बढ़ते राजनैतिक दबावों, बिगड़ी सुरक्षा परिस्थितियों, आतंकवादी हमलों के ख़तरों और ग़लत व भ्रामक सूचनाओं के प्रसार से भड़की हिंसा समेत अन्य कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
“वे कठिनतम हालात में अथक प्रयास करते हैं. वे ज़मीन पर तेज़ी से बदलती स्थिति के प्रति ढल जाते हैं. और विविध वैश्विक समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए, सबसे निर्बलों की रक्षा के लिये निरन्तर नवाचारी उपाय अपनाते हैं.”
यूएन प्रमुख ने कहा कि मगर कभी-कभी कुछ शान्तिरक्षक अपने घर फिर नहीं लौट पाते हैं.
उन्होंने चाड के कैप्टन और यूएन शान्तिरक्षक अब्देलरज़्ज़ाख़ हामित बहार का उल्लेख किया, जिन्हें असाधारण साहस के लिये, इस सप्ताह मरणोपरान्त संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षा के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गई है.
34-वर्षीय कैप्टन अब्देलरज़्ज़ाख़ जनवरी 2021 से माली में संयुक्त राष्ट्र मिशन (MINUSMA) में एक शान्तिरक्षक के रूप में सेवारत थे. उसी वर्ष अप्रैल महीने में हथियारबन्द आतंकी गुटों के हमले का निडरतापूर्वक जवाब दिये जाने के दौरान गोली लगने से उनकी मौत हो गई.
न्यूयॉर्क में एक समारोह के दौरान, कैप्टन अब्देलरज़्ज़ाख़ को मरणोपरान्त ‘अभूतपूर्व साहस के लिये कैप्टन म्बाये डियाने मैडल' से (Captain Mbaye Diagne Medal for Exceptional Courage) से सम्मानित किया गया, जो उनके परिजनों को सौंपा गया.
यह मैडल, सेनेगल के शान्तिरक्षक कैप्टन म्बाये डियाने की स्मृति में दिया जाता है, जिन्होंने वर्ष 1994 में रवाण्डा में एक शान्तिरक्षक के तौर पर सैकड़ों ज़िन्दगियों की रक्षा की. इन्ही प्रयासों के दौरान उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान किया था.
यूएन प्रमुख ने परिजनों से कहा कि उनके प्रिय बेटे और भाई को हमेशा याद रखा जाएगा. “वो यूएन परिवार, चाड में घर पर, और दुनिया भर में एक प्रेरणा हैं.”
महासचिव गुटेरेश ने माली में यूएन मिशन (MINUSMA) को योगदान देने के लिये चाड सरकार का आभार प्रकट किया है.
इस मिशन को विश्व में सबसे ख़तरनाक शान्तिरक्षा अभियान के रूप में देखा जाता है, और पिछले कुछ वर्षों में 74 शान्तिरक्षकों ने अपनी जान गँवाई है.
यूएन प्रमुख ने लैफ़्टिनेंट कर्नल चहाता अली महामत को एक प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया, जिन्होंने कैप्टन अब्देलरज़्ज़ाख़ के साथ, कन्धे से कन्धा मिलकर 16 घायल साथियों को सुरक्षित बाहर निकाले में मदद की.
इसके अलावा, दो अन्य यूएन शान्तिरक्षकों, ग्वाटेमाला के सार्जेंट क्रिस्टोफ़र खोसे सिटान रामोस और बांग्लादेश के कैप्टन मोहम्मद मैहताब उद्दीन को भी सराहना पत्र से सम्मानित किया गया है.
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षक और ज़िम्बाब्वे की मेजर विन्नेट ज़हरारे को, लैंगिक अधिकारों की पैरोकारी के लिये वर्ष 2021 के पुरस्कार (UN Military Gender Advocate of the Year) से सम्मानित किया गया.
पूर्व सैन्य पर्यवेक्षक ने दक्षिण सूडान में अपना मिशन पूरा किया है, जहाँ उन्होंने लैंगिक समानता व महिलाओं को नेतृत्व कर्ताओं व निर्णय-निर्धारकों की भूमिकाओं में लाने के लिये प्रयास किये.
मेजर विन्नेट ज़हरारे ने अपनी टीम, स्थानीय सैन्य बल व मेज़बान समुदाय में लैंगिक समता का आग्रह किया है.
महासचिव ने कहा कि, “दक्षिण सूडान में उनकी लगन और कूटनैतिक कौशल ने स्थानीय सैन्य कमाण्डर्स का विश्वास प्राप्त किया, जिन्होंने महिला अधिकारों व संरक्षण पर उनकी सलाह ली.”
“उनके तौर-तरीक़ों से UNMISS को स्थानीय समुदायों के साथ अपने सम्बन्ध मज़बूत करने और अपना शासनादेश पूरा करने में मदद मिली.”
यूएन महासचिव ने कहा कि यह दर्शाता है कि महिला शान्तिरक्षक किस तरह गहरा बदलाव ला सकती हैं. वे ना सिर्फ़ यूएन को ज़्यादा कारगर व समावेशी ढंग से अपना कार्य करने में मदद करती हैं, बल्कि वे ज़िन्दगियों की रक्षा और जीवन में बदलाव भी लाती हैं.