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यूएन पुलिस, शान्ति व रक्षा चुनौतियों से निपटने के लिये 'बेहतर तैयार'

माली के गाओ में गश्त के दौरान एक यूएन मिशन शान्तिरक्षक.
MINUSMA/Marco Dormino
माली के गाओ में गश्त के दौरान एक यूएन मिशन शान्तिरक्षक.

यूएन पुलिस, शान्ति व रक्षा चुनौतियों से निपटने के लिये 'बेहतर तैयार'

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र में शान्ति अभियानों के प्रमुख ज़्याँ-पियेर लाक्रोआ ने यूएन पुलिस (UNPOL) को शान्तिरक्षा का एक अहम स्तम्भ क़रार देते हुए कहा है कि शान्तिरक्षा के लिये कार्रवाई (Action for Peacekeeping / A4P) पहल के अन्तर्गत यूएन पुलिस अधिकारी, हज़ारों शान्तिरक्षकों को मौजूदा चुनौतियों से निपटने में मदद प्रदान करते हैं.

अवर महासचिव लाक्रोआ ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद को यूएन शान्ति अभियानों में पुलिस बल की भूमिका और रणनैतिक प्राथमकिताओं से अवगत कराया.

‘एक्शन फ़ॉर पीसकीपिंग’ (A4P) पहल का उद्देश्य, यूएन शान्तिरक्षा मिशनों को मज़बूत, सुरक्षित और भविष्य के लिए उपयुक्त बनाना है.

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इस क्रम में, A4P+, इस पहल को लागू करने और आगे ले जाने की रणनीति है. 

यूएन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि A4P पहल, शान्तिरक्षा मिशनों को मज़बूत व सुरक्षित बनाने, उम्मीदों को वास्तविक रखने, राजनैतिक समाधानों और बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त व सुसज्जित बलों के लिये ज़्यादा समर्थन लामबन्द करने पर केन्द्रित है. 

उन्होंने कहा कि इसके ज़रिये, शान्ति व सुरक्षा चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना किया जा सकता है और उन लोगों की ज़िन्दगी बेहतर बनाई जा सकती है, जिनके लिये यूएन सेवारत हैं. 

अवर महासचिव ने बताया कि A4P+ की दो प्राथमिकताओं – राजनैतिक रणनीतियों में एकरूपता और अभियानों में बेहतर तालमेल के लिये, Inter-Agency Task Force on Policing गठित की गई है.

उनका विभाग और मादक पदार्थों एवं अपराध पर यूएन कार्यालय (UNODC) इसकी सह-अध्यक्षता कर रहे हैं. 

उनके मुताबिक़ इस टास्क फ़ोर्स की मदद से यूएन प्रणालियों में प्रयासों में एकजुटता लाने और उनके सामूहिक असर बढ़ाने में मदद मिलेगी.

इस क्रम में, यूएन पुलिस क्षेत्रीय और उप-क्षेत्रीय संगठनों के साथ अपनी साझेदारी को मज़बूत करेगी, विशेष रूप से रणनैतिक दिशानिर्देश और प्रशिक्षण विकसित करने में. 

क्षमता व जवाबदेही को मज़बूती

A4P+ का लक्ष्य क्षमताओं व मानसिकताओं को मज़बूती देना है, और इसके लिये बलों की तैनाती से पहले, सदस्य देशों द्वारा दिये जाने वाले प्रशिक्षण को यूएन शान्तिरक्षा मिशनों की ज़रूरत के अनुरूप बनाया जा सकता है. 

इसके अतिरिक्त, शान्तिरक्षकों के प्रति जवाबदेही के उच्चतम स्तर सुनिश्चित करने के लिये, यूएन कर्मचारियों की सुरक्षा को बेहतर बनाया जाना महत्वपूर्ण है.

इसके लिये समर्थक माहौल का निर्माण किया जाना होगा, मिशनों में महिलाओं के नैटवर्कों को बढ़ावा देना होगा, और महिला शान्तिरक्षकों के लिये परिस्थितियों के सम्बन्ध में मिशन के नेतृत्व को परामर्श दिया जाना होगा. 

यूएन अवर महासचिव ने कहा कि यूएन पुलिस, शान्तिरक्षकों की जवाबदेही बढ़ाने के लिये यौन शोषण व दुर्व्यवहार के मामलों में शून्य सहिष्णुता की नीति पर काम करती है. 

बताया गया है कि सोशल मीडिया सहित संचार माध्यमों के रणनैतिक इस्तेमाल, समुदाय-आधारित पुलिस कामकाज, और जागरूकता अभियानों के ज़रिये भ्रामक व ग़लत सूचनाओं के प्रसार पर रोक लगाने में मदद मिली है, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान. 

मेज़बान देशों के साथ सहयोग में निरन्तर बेहतरी के ज़रिये, संक्रमणकालीन प्रक्रिया को सुचारू रूप से आगे बढ़ाया जा सकता है.

उदाहरणस्वरूप, दारफ़ूर में, यूएन पुलिस ने सूडान पुलिस बलों के साथ मिलकर काम करते हुए, यूएन मिशन (UNAMID) के समाप्त होने की प्रक्रिया में मदद की है.

यूएन एकीकृत संक्रमणकालीन सहायता मिशन (UNITMAS) के ज़रिये अन्तरिम पुलिस व्यवस्था के लिये सहायता और पुलिस योजना क्षमताएँ प्रदान की गई हैं.

लैंगिक मुद्दों पर ध्यान

अवर महासचिव के मुताबिक़, A4P+ के सभी आयामों में महिला, शान्ति व सुरक्षा के मुद्दे शामिल किये गए हैं, और यह प्रभावशीलता को बेहतर बनाने की एक बुनियाद है. 

यूएन पुलिस के कामकाज में लैंगिक मुद्दों व ज़रूरतों का ध्यान में रखने से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि पुरुषों, महिलाओं, लड़के व लड़कियों की विशिष्ट आवश्यकताओं का पूर्ण रूप से ख़याल रखा जाए.

उन्होंने कहा कि यूएन पुलिस ने वर्ष 2025 के लिये निर्धारित लैंगिक बराबरी के अपने लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिये हैं – इसके पाँच दलों की बागडोर महिलाओं के हाथ में है.