यूक्रेन में शान्ति के लिये, सुरक्षा परिषद में 'एक सुर में उठी आवाज़'

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूक्रेन में शान्ति स्थापना के समर्थन में, सुरक्षा परिषद की एकजुटता का स्वागत किया है. यूएन प्रमुख ने शुक्रवार को जारी अपने एक वक्तव्य में भरोसा दिलाया है कि ज़िन्दगियों की रक्षा करने, पीड़ाओं को कम करने और शान्ति के लिये रास्ते की खोज करने में वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
Today the @UN Security Council adopted a “presidential statement” on #Ukraine recalling Member States' obligation to settle their international disputes by peaceful means and expressing strong support for the efforts of @antonioguterres in search for a peaceful solution. pic.twitter.com/TJW37BPNpA
UNDPPA
महासचिव गुटेरेश ने अपने वक्तव्य में कहा, “जैसाकि मैंने अक्सर कहा है, बन्दूकों को शान्त करने और यूएन चार्टर के मूल्यों को सर्वोपरि रखने के लिये, दुनिया को एक साथ आना होगा.”
“पहली बार, सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन में शान्ति के लिये एक सुर में बात की है.”
यूएन शीर्षतम, यूक्रेन पर सुरक्षा परिषद के अध्यक्षीय वक्तव्य का उल्लेख कर रहे थे, जिसे कुछ ही समय पहले जारी किया गया था.
मई महीने के लिये सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता अमेरिका के पास है.
अमेरिका की राजदूत लिण्डा थॉमस ग्रीनफ़ील्ड ने सदस्य देशों के प्रतिनिधियों की ओर से कहा, “सुरक्षा परिषद यूक्रेन की शान्ति व सुरक्षा बनाये रखने के सम्बन्ध में गहरी चिन्ता व्यक्त करती है.”
“सुरक्षा परिषद ध्यान दिलाती है कि सभी सदस्य देशों ने, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत, उनके अन्तरराष्ट्रीय विवादों को शान्तिपूर्ण ज़रियों से निपटाने का दायित्व तय किया है.”
सुरक्षा परिषद के वक्तव्य में, यूक्रेन संकट के लिये एक शान्तिपूर्ण समाधान की तलाश करने के इरादे से यूएन महासचिव द्वारा किये जा रहे प्रयासों का मज़बूती से समर्थन किया गया है.
इस क्रम में, मौजूदा वक्तव्य को जारी किये जाने के बाद, महासचिव गुटेरेश से उपयुक्त समय पर सुरक्षा परिषद को हालात से अवगत कराये जाने का अनुरोध किया गया है.
इससे पहले, यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने गुरूवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन, रूस और पूरी दुनिया की भलाई के लिये युद्ध को रोका जाना होगा.
महासचिव गुटेरेश पिछले सप्ताह रूस व यूक्रेन के दौरे पर थे, और इसी सिलसिले में उन्होंने सदस्य देशों को वहाँ हालात से अवगत कराते हुए मौत, विध्वंस और व्यवधान के इस चक्र पर विराम लगाये जाने की पुकार लगाई.