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दक्षिण एशिया में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये सुरक्षित हैलमेट कार्यक्रम

सड़क दुर्घटनाएँ, 10-19 वर्ष आयु वर्ग में होने वाली मौतों का एक बड़ा कारण है.
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सड़क दुर्घटनाएँ, 10-19 वर्ष आयु वर्ग में होने वाली मौतों का एक बड़ा कारण है.

दक्षिण एशिया में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये सुरक्षित हैलमेट कार्यक्रम

एसडीजी

सड़क सुरक्षा पर, 2022 के मध्य में संयुक्त राष्ट्र की उच्च स्तरीय बैठक बैठक होने वाली है. विश्व बैंक ने हाल ही में, कुछ दक्षिण एशियाई देशों में संयुक्त राष्ट्र के मानकों वाले हैलमेट उपलब्ध करवाने के लिये एक कार्यक्रम शुरू किया है, जिससे इस क्षेत्र में सड़क दुर्घनाओं में मौतों की उच्च दर को बहुत कम किये जाने की उम्मीद है. दुर्घटनाओं की रोकथाम और सुरक्षित यातायात के लिये, सड़क सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष दूत, ज्याँ टॉड और विश्व बैंक में दक्षिण एशिया क्षेत्र के उपाध्यक्ष, हार्टविग शेफ़र का संयुक्त ब्लॉग.

दक्षिण एशिया की सड़कों पर यह नज़ारा आम है - पूरा परिवार मोटरसाइकिल पर चढ़ा हुआ – एक बच्चा पिता के आगे बैठा हुआ, जिसे भारी ट्रैफ़िक के बीच मोटरसाइकिल चलाते हुए पिता सन्तुलित करता रहता है, और वहीं माँ दूसरे बच्चे को कसकर पकड़े रहती है. यदि कोई गम्भीर दुर्घटना होती है, तो तेज़ गति से आने वाले भारी मोटर वाहनों के बीच इस परिवार की स्थिति बहुत सम्वेदवशील हो सकती है. फिर, अक्सर चालक ही हैलमेट पहनता है, जिससे परिवार के अन्य लोग असुरक्षित रहते हैं.

दुनिया भर में, अन्य सड़क यातायात दुर्घटनाओं की तुलना में, दुपहिया वाहन दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु दर सबसे अधिक है. दक्षिण एशिया में स्थिति विशेष रूप से ख़तरनाक है, जहाँ कुल मोटर चालित वाहनों में दोपहिया वाहनों की संख्या 70 प्रतिशत तक है, और उनके उपयोग की दर कारों से कहीं अधिक है. साथ ही, प्रति किलोमीटर यात्रा के आधार पर देखा जाए तो भी, कारों की तुलना में मोटर चालित दोपहिया वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की सम्भावना 30 गुना अधिक है.

घातक दुर्घटनाओं के सन्दर्भ में, हालाँकि दक्षिण एशिया वैश्विक वाहन बेड़े का केवल 10 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन यहाँ हर साल 25 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएँ होती हैं, जिनसे होने वाली मौतों में 40 प्रतिशत तक के लिये, दोपहिया वाहन दुर्घटना ज़िम्मेदार होते हैं.

पीड़ितों में से अधिकतर, कम आय वाले परिवारों और युवा यात्रियों समेत वो कमज़ोर सड़क उपयोगकर्ता होते हैं, जिनकी अक्सर चिकित्सा और सामाजिक सुरक्षा नैटवर्क तक पर्याप्त पहुँच भी नहीं होती. इसलिये दुर्घटना का भार न केवल पीड़ित, बल्कि पूरे परिवार को वहन करना पड़ता है, जो पहले से ही आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहा है.

यह, एक भयावह मानवीय त्रासदी होने के अलावा, एक विकास सम्बन्धी चुनौती भी है, जो स्वास्थ्य, आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण को प्रभावित करती है.

सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम

अच्छी ख़बर यह है कि दोपहिया वाहनों से होने वाली ज़्यादातर मौतों को रोका जा सकता है, और हताहतों की संख्या भी एक सरल उपाय से कम की जा सकती हैं: वो उपाय है, सभी सवारों द्वारा प्रमाणित हैलमेट का उचित प्रयोग.

संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन के अनुसार, 2008 और 2020 के बीच वैश्विक स्तर पर 34 लाख लोग मोटरसाइकिल दुर्घटनाओं के कारण मारे गए, जिनमें से 14 लाख लोगों की जान हैलमेट के उचित उपयोग से बचाई जा सकती थी. एक प्रमाणित गुणवत्ता वाला हैलमेट, मृत्यु के जोखिम को 42 प्रतिशत और चोटों को 69 प्रतिशत तक कम कर सकता है.

दक्षिण एशियाई देशों को क़ानून, प्रवर्तन, उपलब्धता और जागरूकता सहित हैलमेट सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की व्यापक जाँच करने और एक प्रभावी रणनीति विकसित करने की आवश्यकता है.
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दक्षिण एशियाई देशों को क़ानून, प्रवर्तन, उपलब्धता और जागरूकता सहित हैलमेट सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं की व्यापक जाँच करने और एक प्रभावी रणनीति विकसित करने की आवश्यकता है.

हालाँकि, विकासशील देशों के अनुभव से पता चला है कि हैलमेट सुरक्षा के मुद्दे का सामना करना आसान नहीं है और इसके लिये विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वित बहु-आयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता पड़ती है.

उदाहरण के लिये, भारत में हैलमेट की गुणवत्ता पर एक मज़बूत राष्ट्रीय मानक है, लेकिन शहरों के बाहर हैलमेट कम पहनने की दर और अनुचित मानकों वाले सस्ते विकल्पों की उपलब्धता इस प्रगति को कमज़ोर करती है. वहीं, बांग्लादेश और नेपाल में, एक मज़बूत राष्ट्रीय मानक की कमी से, आयातित और स्थानीय रूप से उत्पादित, अनियमित, निम्न-गुणवत्ता वाले हैलमेट के प्रकार स्थानीय बाज़ारों में भर गए हैं.

परिणामस्वरूप, दक्षिण एशिया में उपलब्ध अधिकतर हैलमेट पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने की गुणवत्ता के नहीं हैं. और जो गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हैं वे, या तो बहुत महंगे हैं या फिर गर्म और आर्द्र जलवायु के अनुरूप नहीं हैं.

समय की मांग है कि हर देश, क़ानून, प्रवर्तन, उपलब्धता और जागरूकता सहित विभिन्न पहलुओं की व्यापक जाँच करे और सभी हितधारकों की भागीदारी से, हैलमेट सुरक्षा के लिये एक अनुरूप एवं प्रभावी रणनीति बनाए.

सुरक्षित कल की राह पर अग्रसर

विश्व बैंक और सड़क सुरक्षा के लिये संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष दूत का कार्यालय, दक्षिण एशिया में संयुक्त राष्ट्र-मानक हैलमेट अपनाने हेतु, सुरक्षित और वहनीय हैलमेट कार्यक्रम शुरू करने के लिये, हाल ही में, एक साथ आए हैं.

इस कार्यक्रम के ज़रिये, संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा मानकों को पूरा करने वाले, गर्म व आर्द्र जलवायु में आरामदायक, और 20 अमेरिकी डॉलर से कम क़ीमत पर हैलमेट उपलब्ध करवाने पर काम किया जा रहा है.

इस पहल में, दक्षिण एशियाई देशों के भीतर इन मानक गुणवत्ता वाले हैलमेटों का उत्पादन करने के लिये, स्थानीय कम्पनियों की क्षमता की भी खोज की जा रही है. साथ ही, स्थानीय निर्माताओं को, संयुक्त राष्ट्र-मानक हैलमेटों का उत्पादन या आयात करने के लिये प्रोत्साहित करने के अवसर भी तलाश किये जा रहे हैं.

सुरक्षित मोटरसाइकिल हैलमेट के सम्पूर्ण तत्व.
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सुरक्षित मोटरसाइकिल हैलमेट के सम्पूर्ण तत्व.

हाल ही में, अन्तरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों का अनुपालन करने वाले हैलमेट वितरित करने के लिये, सरकारों और स्थानीय हितधारकों के साथ साझेदारी करते हुए, ढाका और काठमाण्डू में सुरक्षित और किफ़ायती हैलमेट कार्यक्रम शुरू किया गया है.

इन आयोजनों ने विभिन्न हितधारकों के बीच जागरूकता बढ़ाने, युवाओं के बीच सुरक्षित व्यवहार को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण सड़क सुरक्षा चुनौतियों व समाधानों को उजागर करके, संयुक्त राष्ट्र-मानक हैलमेट उपलब्ध कराने के महत्व पर ज़ोर दिया. हम विशेष रूप से बेहतर हैलमेट मानकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के प्रति, स्थानीय निर्माताओं के उत्साह को देखकर बेहद प्रभावित हुए.

अभी आगे की राह बहुत लम्बी है. यदि हमें 2030 तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या को आधा करने और सभी को सुरक्षित, किफ़ायती व टिकाऊ परिवहन प्रदान करने के दृष्टिकोण को प्राप्त करना है, तो हमें कई क्षेत्रों में एक समन्वित प्रयास की आवश्यकता है: सरकार, क़ानून प्रवर्तन, निजी क्षेत्र, नागरिक समाज और विकास भागीदार.

सड़क सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र की जो उच्च स्तरीय बैठक, 2022 की ग्रीष्म त्रृतु में होने की उम्मीद है, वो हितधारकों के बीच समनन्वय स्थापित का एक अवसर है. यह हमारे लिये अवसर है, पिछले दशक से मिली सीख को आत्मसात करके, ठोस प्रतिबद्धताएँ पेश करने का, व राजनैतिक और वित्तीय नेतृत्व जुटाने का, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि 2030 का सड़क सुरक्षा क्षितिज, वास्तव में कार्रवाई करने एवं कार्य पूर्ण करने का दशक होगा.

अब समय कार्रवाई करने का है. साथ मिलकर, हम सड़क सुरक्षा के इस वैश्विक संकट को कम कर सकते हैं, और एक दिन ऐसा आएगा कि दक्षिण एशिया में सड़क सुरक्षा उपायों के कारण किसी की जान नहीं जाएगी.

यह लेख पहले यहाँ प्रकाशित हुआ.