वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

सड़क हादसों में हर साल 13 लाख मौतें, यूएन के पास बेहतरी की योजना

यमन में स्कूल जाती लड़कियाँ, सड़क पार करते हुए.
© UNICEF/Ahmed Al-Basha
यमन में स्कूल जाती लड़कियाँ, सड़क पार करते हुए.

सड़क हादसों में हर साल 13 लाख मौतें, यूएन के पास बेहतरी की योजना

एसडीजी

दुनिया भर में अब भी सड़क हादसों में हर साल क़रीब 13 लाख लोगों की मौत हो जाती है और पाँच करोड़ लोग ज़ख़्मी होते हैं. मगर संयुक्त राष्ट्र के पास सड़क दुर्घटनाओं में हताहत होने वालों की संख्या में वर्ष 2030 तक, कम से कम आधी कमी करने के लिये एक वैश्विक योजना का प्रस्ताव है.

यह योजना, सड़क सुरक्षा दशक 2021-2030 का एक प्रमुख हिस्सा है और इस पर शुक्रवार को न्यूयॉर्क स्थित यूएन महासभा में एक उच्चस्तरीय कार्यक्रम के दौरान चर्चा हुई.

यह कार्यक्रम वैश्विक सड़क सुरक्षा पर बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक को समर्थन देने के लिये आयोजित  किया गया.

यूएन महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने इस कार्यक्रम में चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि दुनिया को, परिवारों, समुदायों और अर्थव्यवस्थाओं पर इस ग़ैर-ज़रूरी व दुखद बोझ को दूर करने के लिये ठोस उपाय करने होंगे.

उन्होंने कहा कि सड़क हादसों को पूरी तरह रोका जा सकता है और हमारी प्राथमिकता भी यही है – ऐहतियाती व रोकथाम वाले उपाय लागू करने की.

ज़रूरी कार्रवाई

महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने वैश्विक योजना की महत्ता को रेखांकित किया, मगर साथ ही आगाह भी किया कि अगर इस योजना को प्रभावशाली तरीक़े से लागू नहीं किया जाता है, तो यह एक काग़ज़ी योजना भर से ज़्यादा कुछ नहीं बचेगी.

उन्होंने कहा कि अगर भविष्य की बात करें तो राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारों को, दो प्रमुख तत्वों की ज़रूरत होगी – वित्त व सम्बन्धित और प्रासंगिक पक्षों व हस्तियों के साथ तालमेल.

ज़्यादातर देशों में, सड़क सुरक्षा के लिये समुचित संसाधन उपलब्ध नहीं हैं, मगर सड़क हादसों में होने वाली मौतों में से 90 प्रतिशत, निम्न व मध्यम आय वाले देशों में होती हैं.

ध्यान रहे कि दुनिया भर में पाँच वर्ष से लेकर 29 वर्ष की उम्र के बच्चों व युवजन की मौतों के लिये, सड़क हादसे भी एक प्रमुख कारण हैं.

मौजूदा स्तरों के मद्देनज़र, अनुमान हैं कि अगले दशक के दौरान, सड़क हादसों में, लगभग एक करोड़ 30 लाख लोगों की मौत होगी और लगभग 50 करोड़ लोग घायल होंगे.

दुखद आपबीतियाँ

शुक्रवार के इस कार्यक्रम में सदस्य देशों ने, ऐसे परिवारों की आपबीतियाँ भी सुनीं जिनके प्रियजन सड़क हादसों के शिकार हुए, रास्ता दिखाने वाले राजनेताओं के अनुभव सुने, बदलाव के लिये ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले युवाओं की बात सुनी और सरकारी व ग़ैरसरकारी संगठनों के विचार भी सुने.

यूएन महासभा अध्यक्ष की नज़र में, हर एक आपबीती और अनुभव एक ऐसी कहानी है जिसके ज़रिये इस बारे में ज़्यादा समझ व जानकारी बढ़ेगी कि हम वैश्विक सड़क सुरक्षा के लिये बेहतर प्रयास व उपाय किस तरह कर सकते हैं.

अब्दुल्ला शाहिद ने सदस्य देशों, सिविल सोसायटी और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को, इस विचार विमर्श को, सामूहिक प्रतिबद्धताएँ करने व साझेदारियाँ मज़बूत करने के एक अवसर के रूप में इस्तेमाल करने के लिये आमंत्रित किया.

उन्होंने दलील देते हुए कहा कि वैश्विक सड़क सुरक्षा एक सामूहिक व साझा ज़िम्मेदारी है जिसे प्राथमिकता देनी होगी.

उनकी नज़र में, सड़क सुरक्षा हासिल करने से शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण के सथ-साथ अन्य टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान होगा.