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सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या 2030 तक 50 फ़ीसदी कम करने का लक्ष्य

मलेशिया के क्वालालम्पुर में सड़क यातायात.
World Bank/Trinn Suwannapha
मलेशिया के क्वालालम्पुर में सड़क यातायात.

सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या 2030 तक 50 फ़ीसदी कम करने का लक्ष्य

एसडीजी

सड़क सुरक्षा पर स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में वर्ष 2030 तक कम से कम 50 फ़ीसदी की कमी लाने की पुकार लगाई गई है. सड़क दुर्घटनाओं में हर साल 13 लाख से ज़्यादा मौतें होती हैं, पांच करोड़ से ज़्यादा लोग घायल होते हैं और देशों को उनके सकल घरेलू उत्पाद में तीन फ़ीसदी तक का नुक़सान उठाना पड़ता है.

सड़क सुरक्षा विकास और स्वास्थ्य से जुड़ा एक बेहद अहम मुद्दा है. वैश्विक स्तर पर सभी आयु-वर्गों में मौतों की संख्या के मामले में सड़क यातायात संबंधी दुर्घटनाओं का स्थान आठवां हैं, जबकि पांच से 29 वर्ष के आयु वर्ग में बच्चों और युवाओं की मौतों का यह सबसे बड़ा कारण है.

दुनिया भर में सड़कों पर 93 फ़ीसदी मौतें निम्न और मध्य आय वाले देशों में होती हैं जबकि उन देशों में दुनिया भर में मौजूद वाहनों की कुल संख्या का महज़ 60 फ़ीसदी हिस्सा ही है.

घोषणा-पत्र पारित

सड़क सुरक्षा पर ‘स्टॉकहोम घोषणा-पत्र’ को पारित करते हुए सड़क सुरक्षा के संबंध में टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा को पूर्ण रूप से लागू करने का संकल्प ज़ाहिर किया गया है.

घोषणा-पत्र में मज़बूत राजनैतिक इच्छाशक्ति, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समाज के विभिन्न वर्गों में साझेदारी पर ज़ोर दिया गया है और अगले दस साल में सड़कों पर होने वाली मौतों में कम से कम पचास फ़ीसदी की कमी का लक्ष्य रखा गया है.

सुरक्षित, स्वच्छ, किफ़ायती और ऊर्जा दक्ष परिवहन साधनों को बढ़ावा देने की अहमयित को रेखांकित करते हुए, जोखिम भरे इलाक़ों में 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति निर्धारित किए जाने की बात कही गई है.  

सड़क दुर्घटनाओं में बच्चों और युवाओं के घायल होने को अस्वीकार्य क़रार देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसे प्राथमिकता के तौर पर लेते हुए समाधान की तलाश करने का आहवान किया गया है.

स्वीडन के स्टॉकहोम में सड़क सुरक्षा पर मंत्रिस्तर का तीसरा सम्मेलन. (19 व 20 फ़रवरी 2020)
Mikael Ullén
स्वीडन के स्टॉकहोम में सड़क सुरक्षा पर मंत्रिस्तर का तीसरा सम्मेलन. (19 व 20 फ़रवरी 2020)

सड़क सुरक्षा और सुरक्षित प्रणाली को भूमि के इस्तेमाल, सड़क डिज़ाइन, परिवहन प्रणाली योजना व प्रंबधन से एकीकृत किया जाना अहम होगा.

साथ ही टिकाऊ विकास लक्ष्यों में तय संकल्पों के अनुरूप सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले व घायल होने वाले लोगों की संख्या में कमी लाने के लिए नए लक्ष्य  निर्धारित किए जाएंगे.

सम्मेलन में ‘संयुक्त राष्ट्र सड़क सुरक्षा कोष’ ने 10 नई परियोजनाएँ पेश की हैं जिनके ज़रिए 12 देशों में सड़क सुरक्षा प्रणाली में मौजूद ख़ामियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा.

दुर्घटनाओं की रोकथाम संभव

दो दिन (19-20 फ़रवरी) तक चले इस सम्मेलन में यातायात दुर्घटनाओं को सार्वजनिक स्वास्थ्य और विकास के लिए एक बड़ी समस्या माना गया जिसके दूरगामी सामाजिक और आर्थिक नतीजे होते हैं. इनमें अधिकांश दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने बुधवार को सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अधिकांश सड़क यातायात दुर्घटनाओं में लोगों की मौतों व उनके घायल होने को रोका जा सकता है.

उनके मुताबिक आवाजाही की यह क़ीमत चुकाना अस्वीकार्य है.

“यह सम्मेलन विश्व के लिए एक नया एजेंडा अपनाने का बेहतरीन अवसर है ताकि सड़कों पर होने वाली मौतों में भारी कमी लाई जा सके, और फिर से सोचा जा सके कि सब के लिए सुरक्षित, किफ़ायती, सुलभ और टिकाऊ परिवहन प्रणाली को हम किस तरह संभव बना सकते हैं.”

अनेक देशों में सड़क सुरक्षा प्रबंधन के मामले में प्रगति दर्ज की गई है और जोखिमों को दूर करने के लिए क़ानूनी रास्तों का भी सहारा लिया है.

इनमें तेज़ गति से वाहन चलाने, शराब पीकर वाहन चलाने, सीट बेल्ट ना पहनने के अलावा ज़रूरी बुनियादी ढांचे जैसे फ़ुटपाथ, और सायकिल लेन की उपलब्धताओं पर ध्यान दिया गया है.

लेकिन अन्य देशों में हालात स्थिति की गंभीरता की ओर इशारा करते हैं.

सड़क यातायात सुरक्षा में सकारात्मक और असरदार बदलाव के लिए मज़बूत नेतृत्व व राजनैतिक इच्छाशक्ति के साथ-साथ निजी क्षेत्र और नागरिक समाज की भी प्रमुख भूमिका है.