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वैश्विक सुरक्षा: तमाम तनाव, तत्काल दूर करने की ज़रूरत पर बल

यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में, सरकार नियंत्रित और सरकार विरोधी गुटों के नियंत्रण वाले इलाक़ों के बीच सम्पर्क रेखा के इर्द-गिर्द यूक्रेन की सेना की तैनाती. (फ़ाइल)
© UNICEF/Ashley Gilbertson V
यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में, सरकार नियंत्रित और सरकार विरोधी गुटों के नियंत्रण वाले इलाक़ों के बीच सम्पर्क रेखा के इर्द-गिर्द यूक्रेन की सेना की तैनाती. (फ़ाइल)

वैश्विक सुरक्षा: तमाम तनाव, तत्काल दूर करने की ज़रूरत पर बल

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, यूक्रेन के इर्द-गिर्द बढ़ते तनाव के बीच, शुक्रवार को कहा है कि उन्हें अब भी विश्वास है कि योरोप में सैन्य संघर्ष नहीं होगा, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो, बहुत विनाशकारी होगा.

यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में विरोधी पक्षों द्वारा गोलाबारी में तेज़ी देखी गई है और यूक्रेन की सीमाओं के इर्द-गिर्द, रूसी सेनाओं का जमावड़ा भी बढ़ा है.

यूएन प्रमुख ने इन हालात के बीच शुक्रवार को म्यूनिख़ सुरक्षा सम्मेलन में विश्व नेताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि यही सबसे सटीक समय है – संकट कम करने के लिये गम्भीर प्रयास करने का.

अत्यन्त नाज़ुक हैं हालात

यूएन प्रमुख ने कहा कि राजनय का कोई विकल्प नहीं है और किसी भी तरह के जटिल मुद्दों सहित, तमाम मुद्दों का हल, कूटनैतिक ढाँचे के ज़रिये ही निकाला जाना होगा.

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के बुनियादी स्तम्भ के रूप में, यूएन चार्टर की हिमायत करते हुए कहा कि तमाम देशों को अपने अन्तरराष्ट्रीय विवादों का निपटारा, शान्तिपूर्ण तरीक़ों से करना होगा, कुछ इस तरह कि अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा, और न्याय ख़तरे में ना पड़ें.

उन्होंने कहा कि तमाम पक्षों को अपनी जुमलेबाज़ी में बहुत सावधान रहना होगा क्योंकि आज के दौर में वैश्विक सुरक्षा के लिये ख़तरा, शीत युद्ध के दौर से भी कहीं ज़्यादा जटिल है.

उन्होंने बताया कि शीत युद्ध के दौरान, कुछ ऐसे सुरक्षा कवच और ऐहतियाती उपाय मौजूद थे, जिनके ज़रिये, देश, गुप्त चैनलों का प्रयोग करके संकटों की रोकथाम कर सकते थे.

भड़काव का ख़तरा

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर ये भी कहा कि अलबत्ता, उनमें से बहुत सी प्रणालियाँ आज के दौर में मौजूद नहीं हैं और उन प्रणालियों का प्रयोग करने के लिये प्रशिक्षित बहुत से लोग भी आज मौजूद नहीं हैं.

“ये ध्यान देने की बात है कि संचार में कुछ नासमझी या स्थिति को समझने में हुई ज़रा सी भूल से, ताक़तवर देशों के बीच एक मामूली घटना भी नियंत्रण के बाहर भड़क सकती है.”

जर्मनी के म्यूनख़ शहर में हुए इस वार्षिक सम्मेलन में, 100 से ज़्यादा देशों के विदेश मंत्रियों के शिरकत करने की सम्भावना है, अलबत्ता रूस के विदेश मंत्री इस सम्मेलन में शामिल नहीं हुए.

शान्ति में निवेश

यूएन महासचिव ने यूक्रेन से ध्यान हटाते हुए, वैश्विक परिदृश्य में बढ़ी अनिश्चितता और भंगुरता को भी रेखांकित किया, जिनमें यमन और लीबिया शामिल हैं.

एंतोनियो गुटेरेश ने वैश्विक आतंकवाद के विश्वव्यापी ख़तरे का ज़िक्र करते हुए कहा कि कुछ अफ़्रीकी देशों में स्थिति बहुत अस्थिर है...

“हमें एक ठोस अफ़्रीकी शान्ति क्रियान्वयन और आतंकवाद निरोधक अभियानों की ज़रूरत है जिसका शासनादेश यूएन सुरक्षा परिषद ने यूएन चार्टर के अध्याय 7 में दिया है, और टिकाऊ और निश्चित धन उपलब्धता की भी ज़रूरत है.”

यूएन प्रमुख ने कहा कि बढ़ती विषमता, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 महामारी ने भी वैश्विक सुरक्षा को ख़तरे में डाला है. उन्होंने तमाम देशों से इन ख़तरों के समाधानों के लिये समर्थन बढ़ाने का भी आग्रह किया.