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विश्व हिन्दी दिवस: बहुभाषावाद में हिन्दी का व्यापक योगदान रेखांकित

विश्व हिन्दी दिवस हर वर्ष, 10 जनवरी को मनाया जाता है.
World Hindi Secretariat (screenshot)
विश्व हिन्दी दिवस हर वर्ष, 10 जनवरी को मनाया जाता है.

विश्व हिन्दी दिवस: बहुभाषावाद में हिन्दी का व्यापक योगदान रेखांकित

संस्कृति और शिक्षा

विश्व भर में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, हर वर्ष 10 जनवरी को, विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन – यूनेस्को ने भी हिन्दी को अपनी एक आधिकारिक भाषा बनाया हुआ है. यूनेस्को ने इस वर्ष के विश्व हिन्दी दिवस पर, हिन्दी को, विभिन्न देशों के लोगों को आपस में जोड़ने में एक सूत्रधार का काम करने वाली भाषा क़रार दिया है और आशा व्यक्त की है कि हिन्दी जल्द ही, यूनेस्को की एक कामकाजी भाषा भी बन सकेगी.

यूनेस्को के संस्कृति सहायक महानिदेशक, ओटोन रेमिरेज़, ने इस अवसर पर हिन्दी भाषियों व प्रेमियों को बधाई देते हुए कहा कि हिन्दी अब केवल एक भारतीय भाषा भर नहीं है, बल्कि हिन्दी अब भारतीय मूल की एक वैश्विक भाषा बन चुकी है.

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उन्होंने यूनेस्को में भारत के स्थाई प्रतिनिधिमण्डल द्वारा आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में कहा कि विश्व भर में लगभग 70 करोड़ लोग हिन्दी बोलते व समझते हैं और आज के दौर में बहुभाषावाद, दरअसल बहुपक्षवाद का एक बुनियादी हिस्सा है.

उन्होंने हिन्दी में एक वाक्य बोलने की कोशिश करते हुए कहा – “हिन्दी विभिन्न देशों के लोगों को जोड़ती है, विश्व हिन्दी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ.”

यूनेस्को की - सामाजिक व मानव विज्ञानों के लिये सहायक महानिदेशक गैबरीयेला रमोस ने विश्व हिन्दी दिवस सम्बन्धी कार्यक्रम में शिरकत करते हुए, दुनिया भर में हिन्दी भाषियों व प्रेमियों को बधाई दी और दोहराया कि हिन्दी आज केवल एक भारतीय भाषा भर नहीं बची है बल्कि दुनिया भर में 70 करोड़ से ज़्यादा लोग इस भाषा का प्रयोग करते हैं.

उन्होंने कहा कि यूनेस्को, 1948 से ही, हिन्दी को अपनी आधिकारिक भाषाओं की सूची में रखने पर गौरवान्वित महसूस करता है. 

उन्होंने ये उम्मीद भी जताई कि हिन्दी, जल्द ही यूनेस्को की एक कामकाजी भाषा भी बनेगी क्योंकि बहुभाषावाद, एक मज़बूत बहुपक्षवाद का मूलभूत आधार है.

विभिन्न देशों को जोड़ने वाली भाषा

उन्होंने भी अपने सम्बोधन में ये वाक्य हिन्दी में बोलने की कोशिश की – “हिन्दी विभिन्न देशों के लोगों को जोड़ती है – विश्व हिन्दी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ.”

यूनेस्को के संचार व सूचना मामलों के सहायक महानिदेशक तौफ़ीक जेलासी ने भी इस वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व हिन्दी दिवस, हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है जो दुनिया भर में भाषाई विविधता को दर्शाता है, और साझा मानवीय संस्कृतियों में भाषाओं के योगदान व मूल्य को भी रेखांकित करता है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि किसी भी अन्तर – सांस्कृतिक सम्वाद और वार्ता, टिकाऊ विकास और शान्ति के लिये, भाषाओं की अनिवार्यता सर्वविदित है.

उन्होंने कहा कि यूनेस्को देशीय भाषाओं और भाषाई विविधता के अन्तरराष्ट्रीय दशक पर काम आगे बढ़ाते हुए, इसी नज़रिये व दृष्टिकोण के साथ अपना काम आगे बढ़ा रहा है.

उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने, इस अन्तरराष्ट्रीय दशक के लिये, यूनेस्को को, अग्रणी एजेंसी मनोनीत किया है, और यूनेस्को ये ज़िम्मेदारी, संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक व सामाजिक विभाग के साथ मिलकर पूरी करेगा.

इस मौक़े पर उन्होंने भाषाई विविधता की संरक्षा व प्रोत्साहन, और अन्तरराष्ट्रीय स्थलों पर बहुभाषावाद को मज़बूत करने के लिये, यूनेस्को की प्रतिबद्धता भी दोहराई.

यूनेस्को की शिक्षा के लिये सहायक महानिदेशक स्तेफ़ानिया गियान्निनी ने भी दुनिया भर में मौजूद 70 करोड़ से ज़्यादा हिन्दी भाषियों व प्रेमियों को बधाई दी.

यूनेस्को में बांग्लादेश, श्रीलंका, जापान, ब्राज़ील, रूस, ग्रीस, ईरान, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, मंगोलिया, फ़लस्तीन, वियतनाम, के स्थाई प्रतिनिधियों, और अनेक क्षेत्रों व देशों से, हिन्दी सीखने-जानने वालों और हिन्दी प्रेमियों ने भी विश्व हिन्दी दिवस पर शुभकामनाएँ दीं.

ग़ौरतलब है कि भारत के अलावा, फ़िज़ी, सूरीनाम, त्रिनिदाद, केनया, यूगाण्डा, तंज़ानिया, बांग्लादेश, नेपाल जैसे देशों में भी हिन्दी काफ़ी व्यापक दायरे में बोली और समझी जाती है, और हिन्दी विश्व में चौथी सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है.

यूनेस्को में भारत के स्थाई प्रतिनिधिमण्डल के आँकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में हिन्दी बोलने और समझने वाले लगभग 10 लाख लोग रहते हैं. 

ब्रिटेन (UK) में लगभग 50 हज़ार हिन्दी भाषी बसते हैं, जबकि जर्मनी में भी लगभग 20 हज़ार हिन्दी भाषी व प्रेमी रहते हैं. न्यूज़ीलैण्ड और सिंगापुर में भी बड़ी संख्या में हिन्दी भाषी लोग हैं.

विश्व हिन्दी सचिवालय मॉरीशस में स्थित है और अनेक देशों में हिन्दी को सरकारी संरक्षण हासिल है.

भारत ने, वर्ष 2006 में विश्व हिन्दी दिवस मनाने की शुरुआत की थी और उसके बाद भारत व मॉरीशस की सरकारें, विश्व हिन्दी सचिवालय के माध्यम से भी, विश्व भर में हिन्दी के प्रोत्साहन में सक्रिय हैं.