कोविड-19: संक्रमण मामलों में उछाल, 'ओमिक्रॉन' वैरीएण्ट ने 'डेल्टा' को छोड़ा पीछे

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि इस बात के लगातार साक्ष्य मिल रहे हैं कि कोरोनावायरस के ‘ओमिक्रॉन’ वैरीएण्ट के फैलने की रफ़्तार अब डेल्टा नामक वैरीएण्ट से तेज़ हो रही है. कोविड-19 महामारी से हर सप्ताह क़रीब 50 हज़ार लोगों की मौत हो रही है.
ओमिक्रॉन, कोरोनावायरस का नया रूप व प्रकार है और इसकी वजह से, आगामी छुट्टियों के दौरान कोविड-19 महामारी के तेज़ फैलाव की आशंका जताई गई है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने सोमवार को जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि ओमिक्रॉन से संक्रमण मामलों की गति बढ़ी है.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों का टीकाकरण हो चुका है, या जो वायरस संक्रमण से उबर चुके हैं, उनके भी संक्रमित होने या फिर से संक्रमित होने का जोखिम है.
“इस बात में कोई सन्देह नहीं हो सकता कि छुट्टियों के दौरान, सामाजिक रूप से मिलना-जुलना बढ़ने से अनेक देशों में मामले बढ़ेंगे, स्वास्थ्य प्रणालियों पर बोझ बढ़ेगा और ज़्यादा मौतें होंगी.”
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि, “हम सभी इस वैश्विक महामारी से तंग आ चुके हैं. हम सभी अपने मित्रों व परिजनों के साथ समय बिताना चाहते हैं. हम सभी सामान्य हालात में लौटना चाहते हैं.”
महानिदेशक घेबरेयेसेस ने सचेत किया कि इसे तेज़ी से सम्भव बनाने के लिये नेताओं और व्यक्तियों को कठिन फ़ैसले लेने होंगे, ताकि अपनी और अन्य लोगों की रक्षा की जा सके.
यूएन एजेंसी के मुताबिक़, आयोजनों में देरी या उन्हें स्थगित करना, एक ज़िम्मेदारी भरा फ़ैसला है.
“एक आयोजन टलना, किसी की जान जाने से कहीं अच्छा है. अभी स्थगित करना और बाद में उत्सव मनाना, अभी उत्सव मनाने और बाद में शोक मनाने से बेहतर है.”
कोविड-19 महामारी से इस वर्ष 33 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. यह आँकड़ा, वर्ष 2020 में एचआईवी, मलेरिया, तपेदिक (टीबी) से होने वाली कुल मौतों से कहीं अधिक है.
अफ़्रीकी देशों में फ़िलहाल संक्रमण मामलों में तेज़ी से उछाल दर्ज किया गया है, जिसकी वजह, ओमिक्रॉन वैरीएण्ट का फैलना है.
एक महीने पहले, अफ़्रीका में पिछले 18 महीनों में सबसे कम संख्या में मामले दर्ज किये जा रहे थे, मगर अब स्थिति में तेज़ी से बदलाव आया है.
पिछले सप्ताह, किसी एक हफ़्ते में दर्ज किये गए, संक्रमण मामलों का यह चौथा सबसे बड़ा आँकड़ा है.
“हम में से कोई भी यहाँ 12 महीनों में फिर नहीं आना चाहता, खोए हुए अवसरों, व्याप्त विषमताओं, या नए वैरीएण्ट के बारे में बात करते हुए.”
महानिदेशक घेबरेयेसस ने ज़ोर देकर कहा कि वर्ष 2022 में वैश्विक महामारी के अन्त के लिये, वैक्सीन वितरण में विषमता का अन्त ज़रूरी है.
इस क्रम में, अगले वर्ष के मध्य तक, हर देश में 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाना होगा. उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 को इस महामारी का अन्त होने का वर्ष बनाना होगा.
यूएन एजेंसी प्रमुख के मुताबिक़, इस स्तर पर फैलने वाली भावी महामारियों की रोकथाम के लिये सभी देशों को सुदृढ़ स्वास्थ्य प्रणालियों में निवेश करना होगा.
इन प्रणालियों की नींव प्राथमिक देखभाल सेवाओं पर तैयार की जानी होगी, और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य को हासिल किया जाना होगा.
उन्होंने कहा कि जब लोगों के लिये स्वास्थ्य सेवाएँ सुलभ नहीं होती, या फिर उन्हें पाने के लिये उनके पास वित्तीय संसाधन नहीं होते, तो इससे परिवारों, समुदायों व पूर्ण समाजों के लिये जोखिम पनपता है.
यूएन एजेंसी प्रमुख ने अगले वर्ष वैश्विक महामारी के अन्त के लिये हरसम्भव प्रयास किये जाने और वैश्विक स्वास्थ्य में एक नई शुरुआत को सम्भव बनाने का संकल्प जताया है.
इसके तहत, हर देश की विकास योजनाओं के केंद्र में स्वास्थ्य को रखा जाएगा.