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सांसदों का उत्पीड़न रिकॉर्ड उच्च स्तर पर, आईपीयू

म्याँमार में, फ़रवरी 2021 में हुए तख़्तापलट के बाद से, देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
Unsplash/Justin Min
म्याँमार में, फ़रवरी 2021 में हुए तख़्तापलट के बाद से, देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.

सांसदों का उत्पीड़न रिकॉर्ड उच्च स्तर पर, आईपीयू

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र के एक साझीदार संगठन – अन्तर-संसदीय संघ – (IPU) ने गुरूवार को जारी वार्षिक आँकड़ों में राजनैतिक अस्थिरता को रेखांकित करते हुए कहा है कि दुनिया भर में संसद सदस्यों का उत्पीड़न रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गया है. ये रिपोर्ट 10 दिसम्बर को मनाए जाने वाले मानवाधिकार दिवस के अवसर पर जारी की गई है.

ताज़ा आँकड़ों से मालूम होता है कि 44 देशों में कम से कम 673 सांसद, ख़तरों का सामना कर रहे हैं, इनमें से ज़्यादातर देश ऐसे हैं जो राजनैतिक लड़ाई और अस्थिरता के शिकार हैं.

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2014 के बाद से लगातार बढ़ोत्तरी

आईपीयू की - सांसदों के मानवाधिकारों पर समिति द्वारा दर्ज किये गए आँकड़ों से, उत्पीड़न के मामलों में, वर्ष 2014 के बाद से लगातार बढ़ोत्तरी की पुष्टि होती है. 

ये संस्था दुनिया भर से शामिल किये गए सांसदों से बनती है, और सांसदों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार या किसी भी तरह के उत्पीड़न से सम्बन्धित शिकायतों पर कार्रवाई करती है.

आईपीयू के अनुसार, दुनिया भर में बहुत से सांसद, दुर्व्यवहार, गाली-गलौज और यहाँ तक कि मौत की धमकियों का भी सामना करते हैं, और इस समिति की भूमिका, उन सांसदों की हिफ़ाज़त करना व उनकी पैरोकारी करना है.

पिछले वर्ष की तुलना में, वर्ष 2021 के दौरान, ऐसे मामलों में 22 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है और 42 देशों में 552 सांसदों ने अपने साथ उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज कराई हैं.

आईपीयू का कहना है कि इनमें ज़्यादातर मामले, विपक्षी सांसदों से जुड़े होते हैं, जिन्हें अपना कामकाज करते हुए, सरकारी ताक़तों के इशारे पर या उनके हाथों दुर्व्यवहार या उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है.

आईपीयू द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सांसदों के विशेषाधिकारों के हनन के ज़्यादातर मामले, संसदीय शासनादेश के अनुचित स्थगन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन, परेशान करने या धमकियाँ देने, और निष्पक्ष मुक़दमे की कमी होने के हैं.

आईपीयू की निर्णय संस्था – गवर्निंग काउंसिल ने हाल ही में, स्पेन के मैड्रिड में हुई 143वीं सभा में, सांसदों के मानवाधिकारों पर समिति द्वारा दाख़िल किये गए अनेक निर्णयों को स्वीकृत किया था.

ये मामले 13 देशों से सम्बन्धित थे, जो ब्राज़ील, पाकिस्तान, इराक़ और लीबिया सहित अनेक अन्य देशों से थे.

म्याँमार में स्थिति

म्याँमार में, फ़रवरी 2021 में, सेना द्वारा संसद को बर्ख़ास्त करने और तख़्तापलट करके सत्ता पर क़ब्ज़ा करने के बाद से, आईपीयू को 55 सांसदों के मानवाधिकार हनन की विशिष्ट रिपोर्टें मिली थीं, जो नवम्बर 2020 में हुए चुनाव में निर्वाचित हुए थे और जिन्हें 1 फ़रवरी के तख़्तापलट में निशाना बनाया गया था.

संगठन का कहना है कि सांसदों के मानवाधिकार उल्लंघन मामलों में धमकियाँ, उत्पीड़न की गतिविधियाँ, मनमाने ढंग से गिरफ़्तारियाँ, प्रताड़ना, दुर्व्यवहार, और बिना किसी ठोस सबूत या वजह के आपराधिक आरोप निर्धारित किया जाना शामिल हैं.
संगठन के अनुसार ट्यूनीशिया और वेनेज़ुएला में भी ऐसे ही मामलों की रिपोर्टों मिली हैं.

वर्ष 2021 में सांसदों के मानवाधिकार हनन के मामलों की एक प्रतिनिधिक झलक
IPU
वर्ष 2021 में सांसदों के मानवाधिकार हनन के मामलों की एक प्रतिनिधिक झलक