जलवायु परिवर्तन: सहनसक्षम विश्व की ओर

धनी या निर्धन, सभी देश चरम मौसम के जोखिम का सामना कर रहे हैं.
विश्व के जलवायु संकट का मतलब है कि हम ज़्यादा सघन तूफ़ान, समुद्रों का बढ़ता जल स्तर, बढ़ता सूखा, और ज़्यादा इनसानी तकलीफ़ें देख रहे हैं. मगर, एक प्रमुख भारतीय पर्यावरणविद सुनीता नारायण का कहना है कि ज़रूरी नहीं कि हम इसे स्वीकार ही करके बैठ जाएँ. हम जानते हैं कि अपने गाँवों, खेतों, शहरों, रास्तों और घरों को किस तरह सुरक्षित बनाया जाए. हमें इंसाफ़ की ख़ातिर, तत्काल कार्रवाई करनी होगी. जलवायु मुद्दे पर यूएन वीडियो सिरीज़ में अगली कड़ी...