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पैरिस समझौता

 प्रशान्त महासागर में तोकेलाउ के एक द्वीप-समूह में बच्चे खेल रहे हैं.
© UNICEF/Vlad Sokhin

जलवायु कार्रवाई पर ICJ से राय लेने के लिए, यूएन महासभा में प्रस्ताव पारित

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए देशों के लिए तय दायित्व के मुद्दे पर अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय की राय लेने का निर्णय लिया है. इस सिलसिले में बुधवार को आम सहमति से एक प्रस्ताव पारित किया गया है.

मिस्र के शर्म अल-शेख़ में सूर्यास्त का दृश्य.
Unsplash/Juanma Clemente-Alloza

कॉप27: वार्षिक यूएन जलवायु सम्मेलन मिस्र में, कुछ अहम जानकारी

संयुक्त राष्ट्र का वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप27), विश्व भर में चरम मौसम की घटनाओं, यूक्रेन में युद्ध के कारण उपजे ऊर्जा संकट और उन वैज्ञानिक तथ्यों व चेतावनियों की पृष्ठभूमि में, मिस्र के शर्म अल-शेख़ में 6 से 18 नवम्बर तक हो रहा है. इस सम्बन्ध में आगाह किया गया है कि कार्बन उत्सर्जन से निपटने और पृथ्वी के भविष्य की रक्षा के लिये पर्याप्त प्रयास नहीं किये जा रहे हैं.   

बांग्लादेश में युवा कार्यकर्ता, जलवायु परिवर्तन पर कारगर कार्रवाई की मांग के लिये प्रदर्शन कर रहे हैं.
© UNICEF/Jannatul Mawa

मौजूदा जलवायु कार्रवाई योजनाएँ, वैश्विक तापमान में 'विनाशकारी वृद्धि टालने के लिये अपर्याप्त'

जलवायु परिवर्तन मामलों के लिये यूएन संस्था (UNFCCC) ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में चेतावनी भरे शब्दों में कहा है कि पेरिस जलवायु समझौते के अधिकांश हस्तारक्षरकर्ता देशों द्वारा प्रस्तुत की योजनाओं से, वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी अवश्य आएगी, लेकिन ये योजनाएंँ इस सदी के अन्त तक, वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये पर्याप्त नहीं हैं.  

श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने यूएन महासभा के 77वें सत्र के दौरान जनरल डिबेट को सम्बोधित किया.
UN Photo/Cia Pak

श्रीलंका: मज़बूत लोकतांत्रिक व्यवस्था व आर्थिक स्थिरता के लिये सुधारों की तैयारी

श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने यूएन महासभा के 77वें सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा है कि देश में सामाजिक अशान्ति व विरोध प्रदर्शनों के लम्बे दौर के बाद, लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था व दीर्घकालीन आर्थिक स्थिरता बहाल करने के लिये संस्थागत फ़्रेमवर्क को मज़बूत किया जा रहा है.

कैनेडा के एक जंगल में आग.
Unsplash/Landon Parenteau

जलवायु संकट: ग़लत दिशा में आगे बढ़ रही है दुनिया, नई रिपोर्ट में चेतावनी

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और साझीदार संगठनों की एक नई रिपोर्ट में स्पष्ट शब्दों में एक गम्भीर चेतावनी जारी करते हुए कहा गया है कि जलवायु विज्ञान स्पष्टता से दर्शाता है कि मानवता ग़लत दिशा में आगे बढ़ रही है. रिपोर्ट के अनुसार आकाँक्षाओं और वास्तविकताओं के बीच की विशाल खाई है और महत्वाकाँक्षी कार्रवाई के अभाव में जलवायु परिवर्तन के विनाशनकारी सामाजिक-आर्थिक प्रभाव होंगे.

ग्लासगो में 31 अक्टूबर को यूएन के 26वें वार्षिक जलवायु सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत हुई है.
UNFCCC/Kiara Worth

जलवायु सम्मेलन - कॉप26, ग्लासगो में - महत्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई पर ज़ोर

जलवायु मामलों पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था (UNFCCC) की कार्यकारी सचिव पैट्रीशिया ऐस्पिनोसा ने रविवार को, संयुक्त राष्ट्र के 26वें वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप26) के उदघाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए आगाह किया है कि कार्बन उत्सर्जनों में त्वरित और व्यापक कटौती के अभाव में, मानवता के भविष्य के लिये गम्भीर संकट पैदा होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि जलवायु चुनौती पर पार पाने के लिये संसाधन मौजूद हैं और साझा उद्देश्य के प्रति एकता, भरोसे का स्रोत है. 

संयुक्त राष्ट्र का वार्षिक जलवायु सम्मेलन, कॉप26, 31 अक्टूबर को शुरू हो रहा है.
United Nations

यूएन न्यूज़: कॉप26 जलवायु प्रश्नोत्तरी

संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन कॉप26 और चर्चा में छाए रहने वाले अन्य बड़े मुद्दों के बारे में आप कितना जानते हैं? यूएन न्यूज़ ने एक जलवायु कार्रवाई प्रश्नोत्तरी (क्विज़) तैयार की है, जोकि आपके लिये, अपने ज्ञान को परखने का अवसर है (प्रश्नों के उत्तर नीचे उपलब्ध हैं)...

समुद्री तटों पर व महासागर की गहराई में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक, काग़ज़, लकड़ी, धातु और अन्य पदार्थ घुल गए हैं.
UN News/Laura Quinones

वर्ष 2030 तक, प्लास्टिक प्रदूषण दोगुना होने की राह पर - UNEP

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की एक नई रिपोर्ट में महासागरों और अन्य जल क्षेत्रों में प्लास्टिक प्रदूषण की तेज़ी से बढ़ती मात्रा पर चिन्ता जताई गई है, जिसके वर्ष 2030 तक दोगुना हो जाने का अनुमान है. यूएन के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप26) से 10 दिन पहले जारी इस रिपोर्ट में प्लास्टिक को भी एक जलवायु समस्या क़रार दिया गया है.   

मंगोलिया के उलानबाटर में कोयला-चालित बिजली संयंत्रों में उत्सर्जन से वायु प्रदूषित हो रही है.
ADB/Ariel Javellana

जलवायु परिवर्तन लक्ष्य प्राप्ति और जीवाश्म ईंधन उत्पादन योजनाओं के बीच गहरी खाई

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और साझीदार संगठनों ने कहा है कि जलवायु महत्वाकांक्षा में बढ़ोत्तरी और कार्बन तटस्थता संकल्पों के बावजूद, देशों की सरकारें, जीवाश्म ईंधन उत्पादन, वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी का लक्ष्य 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये, ज़रूरी मात्रा से दोगुनी मात्रा में उत्पादन की योजनाओं पर काम कर रही हैं. बुधवार को जारी एक नई रिपोर्ट में यह निष्कर्ष सामने आया है. 

डेनमार्क के कोपेनहागेन में पर्यटक साइकिल चला रहे हैं.
Unsplash/Febiyan

टिकाऊ परिवहन में निहित है हरित भविष्य की कुंजी - यूएन प्रमुख

चीन की राजधानी बीजिंग में गुरूवार को 'टिकाऊ परिवहन' के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र का दूसरा सम्मेलन शुरू हुआ है, जिसमें जलवायु कार्रवाई, आर्थिक प्रगति और टिकाऊ विकास में परिवहन तंत्रों के योगदान पर चर्चा हो रही है. टिकाऊ विकास के 2030 एजेण्डा और पैरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों की प्राप्ति के नज़रिये से, यह सम्मेलन महत्वपूर्ण माना जा रहा है.