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चार करोड़ से अधिक लोग अकाल के कगार पर – WFP की चेतावनी

पीड़ितों तक मदद पहुँचाने के लिये छहर अब डॉलर की आवश्यकता बताई गई है.
UNOCHA/Eve Sabbagh
पीड़ितों तक मदद पहुँचाने के लिये छहर अब डॉलर की आवश्यकता बताई गई है.

चार करोड़ से अधिक लोग अकाल के कगार पर – WFP की चेतावनी

मानवीय सहायता

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने मंगलवार को एक चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अकाल के हालात चार देशों में पहले से ही मौजूद हैं, मगर अन्य देशों में लाखों लोग भी इसका शिकार होने का जोखिम झेल रहे हैं. 

यूएन एजेंसी के प्रमुख डेविड बीज़ली ने ज़रूरतमन्दों तक जीवनदायी सहायता पहुँचाने के लिये तत्काल वित्तीय संसाधनों और मानवीय रास्तों को सुलभ बनाये जाने की पुकार लगाई है. 

हाल ही में यूएन एजेंसियों का एक सर्वेक्षण दर्शाता है कि 43 देशों में चार करोड़ 10 लाख लोग अकाल के कगार तक पहुँच गए हैं. दो वर्ष पहले इन हालात में दो करोड़ 70 लाख लोग रह रहे थे. 

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WFP प्रमुख डेविड बीज़ली ने संगठन के कार्यकारी बोर्ड को जानकारी देते हुए बताया, “हम 2021 में जिसका सामना कर रहे हैं, मेरे लिये वो हृदयविदारक है. हमारे सामने अब चार ऐसे देश हैं जहाँ अकाल जैसे हालात मौजूद हैं.”

उन्होंने हालात को त्रासदीपूर्ण क़रार दिया और कहा कि वास्तविक जीवन में लोग इन हालात में रहने के लिये मजबूर हैं. 

यूएन एजेंसी के मुताबिक पाँच लाख 84 हज़ार लोग, इथियोपिया, मैडागास्कर, दक्षिण सूडान और यमन में, पहले से ही अकाल जैसे हालात का अनुभव कर रहे हैं. 

नाइजीरिया और बुरकिना फ़ासो में भी चिन्ताजनक हालात हैं, और वहाँ के कुछ इलाक़ों में अकाल जैसी परिस्थितियाँ मौजूद हैं. 

डेविड बीज़ली ने ध्यान दिलाते हुए कहा, “2011 में, सोमालिया में, दो लाख 60 हज़ार लोगों की भुखमरी की वजह से मौत हो गई – और जब तक अकाल की असल में घोषणा की गई – तब तक इनमें से आधे लोगों की मौत हो चुकी थी.”

“जब लोगों को अब हमारी ज़रूरत है, तब हम मौतों की संख्या पर बहस नहीं करते रह सकते हैं.”

खाद्य क़ीमतों में उछाल

WFP का कहना है कि हिंसक संघर्ष व टकराव, जलवायु परिवर्तन, और आर्थिक झटकों की वजह से भुखमरी बढ़ी है. मगर, बुनियादी खाद्य सामग्री की आसमान छू रही क़ीमतों से परिस्थितियाँ और भी जटिल हो गई हैं. 

उदाहरणस्वरूप, साल-दर-साल आधार पर मक्का की वैश्विक क़ीमतों में लगभग 90 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. 

अनेक देशों में, मुद्रा के मूल्य में तेज़ गिरावट आई है जो कि एक बड़ा कारण है. 

इस वजह से क़ीमतें और भी अधिक बढ़ गई हैं और लेबनान, नाइजीरिया, सूडान, वेनेज़्वेला और ज़िम्बाब्वे सहित अन्य देशों में खाद्य असुरक्षा का संकट गहरा गया है. 

विश्व खाद्य कार्यक्रम इस वर्ष अपने अब तक के सबसे बड़े अभियान के संचालन की तैयारियों में जुटा है, जिसके तहत 13 करोड़ 90 लाख लोगों तक पहुँचने का लक्ष्य रखा गया है.  

WFP के मुताबिक पर्याप्त वित्त पोषण और मानवीय रास्तों की सुलभता से, प्रभावितों तक जीवनदायी भोजन और पोषण सहायता को सुनिश्चित किया जा सकता है.

यूएन एजेंसी प्रमुख ने इस क्रम में, तत्काल समर्थन की आवश्यकता को रेखांकित किया है. 

“मैं ज़ोर देकर बताना चाहता हूँ कि वहाँ कितने ख़राब हालात हैं. आज, चार करोड़ से अधिक लोग वस्तुत: अकाल के दरवाज़े पर हैं.” 

ज़रूरतमन्दों की मदद के लिये छह अरब डॉलर की आवश्यकता है, जिसे जल्द से जल्द उपलब्ध कराये जाने की अपील की गई है.