सीरिया: सैन्य हैलीकॉप्टर द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के 'पर्याप्त आधार'

विश्व को रासायनिक हथियारों से मुक्त कराने के लिये समर्पित संस्था (OPCW) की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके पास ऐसा विश्वास करने के पर्याप्त आधार हैं कि सीरियाई सेना के एक हैलीकॉप्टर ने, 2018 में सराक़िब क़स्बे पर रासायनिक हमला किया था.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित अन्तरराष्ट्रीय रासायनिक शस्त्र निषेध आयोग (OPCW) ने अपनी जाँच व शिनाख़्त टीम की दूसरी रिपोर्ट के निष्कर्ष जारी किये हैं.
#OPCW releases second report by Investigation and Identification Team — IIT concludes that units of the Syrian Arab Air Force used chemical weapons in Saraqib, #Syria in February 2018https://t.co/xSdAUmOcoH
OPCW
इन निष्कर्षों में कहा गया है कि 4 फ़रवरी 2018 की रात को किये गए इस हमले में, घातक क्लोरीन गैस का कम से कम एक सिलिण्डर गिराया गया था जो बहुत बड़े इलाक़े में फैल गई थी.
इसके कारण, ज़मीन पर मौजूद कम से कम 12 लोग प्रभावित हुए थे.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने, न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में, रिपोर्ट के बारे में, पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि महासचिव एंतोनियो गुटेरेश को ये रिपोर्ट प्राप्त हो गई है और वो इस रिपोर्ट के निष्कर्षों पर बेहद चिन्तित हैं.
यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने कहा, “यूएन महासचिव रासायनिक हथियारों के प्रयोग की कड़ी निन्दा करते हैं और अपनी ये पुकार दोहराते हैं कि कहीं भी, किसी भी द्वारा, और किन्हीं भी हालात में, रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया जाना, क़तई बर्दाश्त नहीं है, और इसके ज़िम्मेदार लोगों को क़ानून के दायरे से बाहर रखा जाना अस्वीकार्य है.”
“ये बहुत ज़रूरी है कि रासायनिक हथियारों का प्रयोग करने के लिये ज़िम्मेदार तत्वों की शिनाख़्त करके उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाए.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि रासायनिक हथियारों के उस प्रयोग में, अलबत्ता किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी लेकिन लगभग 12 लोगों को, रासायनिक विष के लक्षणों का इलाज मुहैया कराया गया था.
ये इलाज, सीरियाई वायु सेना की टाइगर फ़ोर्सेस के नियन्त्रण वाले हैलीकॉप्टर द्वारा, क्लोरीन गैस का एक सिलिण्डर गिराए जाने के बाद मुहैया कराया गया था. उसी सिलिण्डर से ये गैस जारी हुई थी.
जाँच दल ने अपने निष्कर्ष में कहा है कि वो सीरिया सरकार द्वारा कराई गई जाँच की आम जानकारी के बारे में अवगत है जोकि रासायनिक हथियारों के प्रयोग के सम्बन्ध के बारे में हो सकती है. मगर जाँच दल को, सीरियाई अधिकारियों से, अनुरोध करने के बावजूद, कोई जानकारी हासिल नहीं हुई है, जोकि रासायनिक हथियारों पर कन्वेन्शन का उल्लंघन है.
इस आयोग ने अपनी पहली रिपोर्ट लगभग एक वर्ष पहले जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि सीरियाई सेना ने, मार्च 2017 में, अल लतामेनाह में किये गए दो हमलों में, नर्व एजेण्ट सरीन और क्लोरीन गैसों का इस्तेमाल किया था.
रासायनिक शस्त्र कन्वेन्शन की कार्यकारी संस्था के रूप में, 193 देश, इस आयोग के सदस्य हैं और ये आयोग, विश्व को रासायनिक हथियारों से स्थाई रूप से मुक्ति दिलाने के वैश्विक प्रयासों की निगरानी करता है.
ये कन्वेन्शन, 1997 में वजूद में आने के बाद से, सामूहिक जनसंहार के सभी वर्गों के हथियारों के उन्मूलन में, सर्वाधिक सफल सन्धि रही है.
तमाम घोषित रासायनिक हथियारों के भण्डार का 98 प्रतिशत से भी ज़्यादा हिस्सा, इस आयोग के पुष्टिकरण में नष्ट कर दिया गया है.