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'रसायनिक हथियारों को इतिहास के पन्नों में समेट दिया जाए'

रसायनिक हथियार निषेध संगठन के अनुसार देशों द्वारा घोषित भण्डारों का 98 प्रतिशत हिस्सा संगठन की निगरानी में नष्ट किया जा चुका है.
OPCW
रसायनिक हथियार निषेध संगठन के अनुसार देशों द्वारा घोषित भण्डारों का 98 प्रतिशत हिस्सा संगठन की निगरानी में नष्ट किया जा चुका है.

'रसायनिक हथियारों को इतिहास के पन्नों में समेट दिया जाए'

क़ानून और अपराध रोकथाम

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने विश्व से रसायनिक हथियारों का बिल्कुल ख़ात्मा करने के लिये संकल्प दोहराए जाने का आहवान किया है. यूएन प्रमुख ने सोमवार को, रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल के भुक्तभोगियों की याद में मनाए जाने वाले दिवस पर अपने सन्देश में कहा कि दुनिया भर में कहीं भी, किसी भी द्वारा और किन्हीं भी परिस्थितियों में, रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया जाना, बिल्कुल असहनीय और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का गम्भीर उल्लंघन है.

“इन वीभत्स हथियारों का इस्तेमाल करने के लिये कोई भी दलील नहीं दी जा सकती. हम सभी को, इन शस्त्रों का इस्तेमाल, या उनका इस्तेमाल करने की धमकी या ख़तरे को रोकने के लिये एकजुट और संकल्पबद्ध रहना होगा. हम अपने-आप को ही विखण्डित बनाए दिये जाने की इजाज़त नहीं दे सकते.” 

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उन्होंने ज़ोर देकर ये भी कहा कि रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने में दण्डमुक्ति की भावना या क़ानून के डर का अभाव, बिल्कुल अस्वीकार्य है.

यूएन प्रमुख ने कहा, “ये बहुत ज़रूरी है कि जिन्होंने रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है, या करते हैं, उनकी पहचान की जाए और उनकी जवाबदेही तय की जाए. रसायनिक शस्त्रों के पीड़ितों के लिये हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी निभाने का यही एक मात्र उपाय है.”

प्रगति का आकलन

महासचिव ने अपने सन्देश में कहा कि ये स्मृति दिवस, उन अमानवीय हथियारों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक अवसर है.

"साथ ही भविष्य में, ऐसे हथियारों के इस्तेमाल को रोकने के प्रयासों में हुई प्रगति का आकलन करने का भी, साथ ही, रसायनिक हथियारों को दुनिया से पूरी तरह ख़त्म करने के लिये अपनी प्रतिबद्धता फिर दोहराने का भी." 

एंतोनियो गुटेरेश ने आग्रह करते हुए कहा, “आज, आइये, हम सभी रसायनिक शस्त्र कन्वेन्शन के लिये अपनी बिनाशर्त प्रतिबद्धता दोहराएँ, और रसायनिक हथियार निषेध संगठन (OPCW) के लिये अपना समर्थन भी मज़बूत करें.”

“आइये, इन भीषण व वीभत्स हथियारों को इतिहास के पन्नों में समेटकर हम, रसायनिक हथियारों के भुक्तभोगियों व पीड़ितों को सम्मान दें.”

स्मृति दिवस

रसायनिक हथियारों के पीड़ितों का स्मृति दिवस, हर साल, 30 नवम्बर को मनाया जाता है. ये दिवस कन्वेन्शन के पक्ष देशों के सम्मेलन (Conference of the States Parties) का नियमित सत्र शुरू होने के पहले दिन भी मनाया जा सकता है.

इस स्मृति दिवस पर, रसायनिक हथियारों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ, देशों से ये अनुरोध भी किया जाता है कि वो रसायनिक शस्त्र कन्वेन्शन को पूरी तरह से लागू करके, रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल की सम्भावना को ही पूरी तरह समाप्त कर दें.

कन्वेन्शन को लागू करने वाली संस्था – रसायनिक शस्त्र निषेध संगठन के अनुसार, जिन देशों ने अपने पास रसायनिक हथियारों के भण्डार होने की घोषणा की थी, उनके 98 प्रतिशत भण्डार, संगठन की निगरानी में नष्ट कर दिये गए हैं.