मोज़ाम्बीक़ में ढाई लाख विस्थापित बच्चों को घातक बीमारियों का ख़तरा

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने कहा है कि मोज़ाम्बीक़ में, पीने के स्वच्छ पानी, स्वच्छता व साफ़-सफ़ाई की कमी के कारण, लगभग ढाई लाख बच्चों के लिये जानलेवा बीमारियों का जोखिम पैदा हो गया है. ये सभी बच्चे उत्तरी प्रान्त में संकटों के कारण विस्थापित हैं.
यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक हैनरिएटा फ़ोर ने सोमवार को कहा, “कैबो डैलगाडो में, वर्ष से भी कम समय में, बच्चों और परिवारों को विनाशकारी तूफ़ानों, बाढ़, सूखा और कोविड-19 महामारी व संकटों से सम्बन्धित सामाजिक आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है.”
In less than two years, children and families in Cabo Delgado have faced a devastating cyclone, flooding, drought, socioeconomic hardship linked to the COVID-19 pandemic, and conflict.https://t.co/z4oBwHBRKe
unicefchief
कैबो डैलगाडो में पिछले दो वर्षों के दौरान, मौसम सम्बन्धी तबाहियों और संघर्षों ने खाद्य असुरक्षा और भुखमरी के हालात पैदा कर दिये हैं, जहाँ, विस्थापित हर 5 में से 2 बच्चों में बहुत लम्बे समय से चले आ रहे और अत्यन्त गम्भीर कुपोषण के मामले पाए जा रहे हैं.
यूनीसेफ़ के अनुसार बारिश का मौसम आने के मद्देनज़र, अस्थाई आवास स्थलों को मज़बूत किये जाने की ज़रूरत है, जहाँ पहले ही क्षमता से ज़्यादा भीड़ है. मेज़बान समुदायों को भी, हैज़ा जैसी पानी से सम्बन्धित बीमारियों और कोविड-19 के और ज़्यादा फैलाव से बचाए जाने की ज़रूरत है.
डायरिया जैसी स्वास्थ्य परिस्थितियों को आसानी से रोका जा सकता है और उनका इलाज भी किया जा सकता है, मगर स्वच्छ पानी और समुचित साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता के अभाव में विस्थापित बच्चों के लिये बेहद घातक साबित हो सकती हैं. ख़ासतौर से, कुपोषण से पीड़ित बच्चों के लिये और भी ज़्यादा सटीक है.
यूनीसेफ़ की प्रमुख का कहना है, “चूँकि उस प्रान्त में हालात और भी ज़्यादा बदतर होते जा रहे हैं, विशेष रूप में बारिश का मौसम शुरू होने पर, जल आपूर्ति, साफ़-सफ़ाई व स्वच्छता और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर और भी ज़्यादा बोझ है.”
यूनीसेफ़, इन हालात का सामना करने में मदद करने के लिये जल आपूर्ति और स्वच्छता बनाए रखने के लिये सहायता मुहैया करा रहा है. साथ ही बच्चों की पोषण स्थिति जाँचने के लिये समुदायों और केन्द्रों का भी दौरा करके, जीवन रक्षक इलाज भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
अत्यन्त गम्भीर मामलों में उपचारजनक खाद्य पदार्थ भी मुहैया कराए जा रहे हैं.
सचल टीमें, महिलाओं, माताओं और बच्चों को नियमित स्वास्थ्य देखभाल मुहैया करा रही हैं. साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि जच्चा-बच्चा देखभाल और मानक नियमित टीकाकरण के दौर भी चलाए जाते रहें.
यूनीसेफ़ ने बताया है कि ऐसे विस्थापित बच्चे, जो अपने परिवारों से बिछड़ गए हैं, या जो बच्चे शारीरिक और मनोवैज्ञानिक हिंसा का शिकार हुए हैं, उनकी स्थिति बहुत नाज़ुक है.
बहुत से बच्चों को अत्यन्त क्रूरता का भी अनुभव करना पड़ा है, बहुत से बच्चें के परिवार हत्याओं व अपहरणों का शिकार हो गए हैं, ऐसे बच्चों को व्यापक सुरक्षा व संरक्षा की ज़रूरत है जिसमें मनोवैज्ञानिक समर्थन और सहायता की सख़्त ज़रूरत है.
यूनीसेफ़ और उसके साझीदार संगठनों ने ऐसे बाल सुलभ स्थान बनाए हैं जहाँ विस्थापित बच्चे सुरक्षित माहौल में खेलकूद में शिरकत कर सकते हैं. वहाँ प्रशिक्षित कार्यकर्ता ऐसे बच्चों की शिनाख़्त भी कर सकते हैं जिन्हें ख़ास देखभाल और मदद की ज़रूरत है.
इस सबके बावजूद, प्रशिक्षित देखभालकर्ताओं का नैटवर्क बढ़ाने की सख़्त ज़रूरत है जो जीवित बचे बच्चों और उनके परिवारों को उनके घरों पर जाकर देख सकें और मनोवैज्ञानिक सहायता के साथ-साथ सामाजिक सेवाओं सम्बन्धी मार्गदर्शन व सहायता मुहैया करा सकें.
यूनीसेफ़ ने वर्ष 2021 के दौरान, मोज़ाम्बीक़ में तत्काल मानवीय सहायता की ज़रूरतें पूरी तरने के लिये 5 करोड़ 28 लाख डॉलर की रक़म जुटाने की अपील की है.
इसमें 3 करोड़ डॉलर की रक़म कैबो डेलगाडो में मानवीय सहायता योजना के लिये होगी.