CAS-20: नए महत्वाकाँक्षी लक्ष्य, जलवायु आपदा घोषित करने की पुकार भी
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जलवायु महत्वाकाँक्षा सम्मेलन-2020 में विश्व नेताओं से अपील की है कि वो अपने यहाँ तब तक जलवायु आपदा घोषित कर दें जब तक कि कार्बन निष्पक्षता का लक्ष्य नहीं हासिल कर लिया जाता है. विभिन्न देशों ने कार्बन उत्सर्जन निष्पक्षता की स्थिति हासिल करने के लिये नई योजनाओं, नीतियों और समय सीमा के महत्वाकाँक्षी लक्ष्यों की घोषणा की है.
यूएन प्रमुख ने संयुक्त राष्ट्र और ब्रिटेन द्वारा शनिवार, 12 दिसम्बर को सह - आयोजित इस सम्मेलन में कहा कि इसमें क़तई सन्देह नहीं हो सकता या इस सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता कि दुनिया इस समय जलवायु आपदा का सामना कर रही है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सम्मेलन में दिये अपने भाषण में उन तमाम मुद्दों और विषयों का ज़िक्र किया जो वो दिसम्बर महीने के शुरू में उठा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में संयुक्त राष्ट्र का केन्द्रीय उद्देश्य, इस सदी के मध्य तक कार्बन निष्पक्षता का लक्ष्य हासिल करने के लिये एक वैश्विक गठबन्धन बनाना है.
यूएन महासचिव ने अपना भाषण सकारात्मक टिप्पणी के साथ यह कहते हुए समाप्त किया कि ज़्यादा से ज़्यादा देश शून्य कार्बन के लक्ष्य हासिल करने के लिये संकल्प व्यक्त कर रहे हैं, ज़्यादा शहर रहने लायक बन रहे हैं और लोगों के नज़रिये और रुख, अब सही दिशा में सोच रहे हैं.
उन्होंने कहा, “आइये, हम पृथ्वी पर हमले बन्द कर दें, और वो सबकुछ करें जो हमारे बच्चों और नाती-पोतों का भविष्य सुनिश्चित करने के लिये ज़रूरी है.”
महासचिव ने कहा, “पिछला दशक, रिकॉर्ड पर सर्वाधिक गरम दर्ज किया गया. वातावरण में, कार्बन डाइ ऑक्साइड के स्तर रिकॉर्ड उच्च स्तर पर हैं और ये लगातार बढ़ रहे हैं.
"तूफ़ान, आग, बाढ़ और सूखा जैसी असामान्य स्थितियाँ अब सामान्य बनने के साथ-साथ, विनाशकारी बनती जा रही हैं.”
उन्होंने कहा कि 38 देशों ने पहले ही, अपने यहाँ, जलवायु आपदा की घोषणा कर दी है. ये देश तात्कालिकता और दाँव पर लगी चीज़ों की अहमियत को समझते हैं. यही सही मौक़ा है, कि बाक़ी देश भी ऐसा ही करें.
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यूएन प्रमुख ने कहा कि आज की बैठक, एक महत्काँक्षा सम्मेलन था. हमने देशों से ठोस और महत्वाकाँक्षी संकल्पों के साथ इसमें शिरकत करने का अनुरोध किया था.
"इस सम्मेलन ने ये मज़बूत संकेत प्रेषित किये हैं कि और ज़्यादा देश और ज़्यादा व्यवसाय एक ऐसी साहसिक जलवायु कार्रवाई करने के लिये तैयार हैं, जिस पर हमारे भविष्य की सुरक्षा और ख़ुशहाली निर्भर है."
यूएन महासचिव का पूरा भाषण यहाँ उपलब्ध है
पवन ऊर्जा का 'सऊदी अरब'
इस सम्मेलन के सह-आयोजक देश ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि ये कठिन वर्ष, आशावादी घटनाक्रम के साथ ख़त्म हो रहा है कि रिकॉर्ड तेज़ी के साथ, महामारी की वैक्सीन विकसित कर ली गई है और इस उपलब्धि का श्रेय अन्तरराष्ट्रीय प्रयासों को जाता है.
ब्रितानी प्रधानमन्त्री ने कहा कि इससे नज़र आता है कि पूरे पृथ्वी ग्रह को जलवायु परिवर्तन से बचाने के लिये विज्ञान का सहारा लिया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि “एक हरित औद्योगिक क्रान्ति” से उच्च कौशल वाले करोड़ों रोज़गार सृजित होंगे जो उच्च गुणवत्ता वाले कामकाज होंगे, और उनका देश “वायु ऊर्जा का सऊदी अरब” बनने की योजना पर काम कर रहा है.
महत्वाकाँक्षी संकल्प व घोषणाएँ
जलवायु महत्वकाँक्षा सम्मेलन-2020 में लगभग 70 देशों के राष्ट्राध्यक्षों, क्षेत्रीय व नगरीय प्रतिनिधियों, और व्यवसायों के प्रमुखों ने, ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में बड़ी कटौती करने के लिये, नए उपाय, नीतियाँ और योजनाएँ पेश किये हैं.
सोमवार को हुए इस सम्मेलन में प्रतिभागी इस मुद्दे पर भी सहमत हुए कि तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक ही सीमित रखा जाए.
इस सम्मेलन में, ज़्यादा मज़बूत व बेहतर राष्ट्रीय जलवायु योजनाओं के साथ आगे आने वाले देशों की संख्या उल्लेखनीय रूप में बढ़ी है, और इनमें वो देश व व्यवसाय भी शामिल हैं जो दुनिया भर में सबसे ज़्यादा उत्सर्जन के लिये ज़िम्मेदारों में गिने जाते हैं.
वर्ष 2021 में होने वाले जलवायु सम्मेलन के मेज़बान देश ब्रिटेन ने, अगले पाँच वर्षों में, कार्बन उत्सर्जन में, 1990 के स्तर की तुलना में, 68 प्रतिशत की कमी लाने की घोषणा की है. योरोपीय संघ समूह ने भी अगले पाँच वर्षों के दौरान 55 प्रतिशत कटौती करने का संकल्प व्यक्त किया है.
कम से कम 24 देशों ने कार्बन निष्पक्षता के लक्ष्य हासिल करने के लिये नए संकल्प, रणनीतियाँ और योजनाएँ घोषित किये हैं और अनेक देशों ने तो ये भी घोषणा की है कि वो नैट-शून्य की स्थिति पर पहुँचने के लिये और क्या-क्या क़दम उठाने वाले हैं.
और उन्होंने महत्वाकाँक्षी समय-सीमाओं की घोषणा भी की है – फ़िनलैण्ड ने वर्ष 2035 तक, ऑस्ट्रिया ने वर्ष 2040 तक, और स्वीडन ने 2045 तक, नैट-ज़ीरो की स्थिति हासिल करने का संकल्प व्यक्त किया है.
पाकिस्तान ने घोषणा की है कि वो नए कोयला चालित बिजली संयन्त्र बनाने की योजनाओं को बन्द कर रहा है, भारत ने भी जल्द ही अपने नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य दोगुने से ज़्यादा करने का ऐलान किया है.
चीन ने ग़ैर-जीवाश्म ईंधन की प्राथमिक खपत में वर्ष 2030 तक प्रतिशत की कमी लाने का ऐलान किया है.
ये घोषणाएँ और संकल्प इस बात के संकेत हैं कि कार्बन निष्पक्षता का विशाल लक्ष्य हासिल करने के रास्ते पर हम, जैसे-जैसे आगे बढ़ रहे हैं, अब एक असली रफ़्तार व गति नज़र आने लगी है. वर्ष 2021 में ब्रिटेन के ग्लासगो शहर में प्रस्तावित यूएन जलवायु सम्मेलन कॉप-26 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव होगा.
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