जलवायु 2020

पेरू के पूना इलाक़े में स्थानीय लोगों को आसानी से बिजली उपलब्ध नहीं है.
© UNDP Peru/Giulianna Camarena

जलवायु महत्वाकाँक्षा सम्मेलन-2020

ऐतिहासिक पेरिस समझौता वजूद में आने के पाँच वर्ष बाद, विश्व नेताओं ने जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिये, और अब तक हुई प्रगति को आगे बढ़ाने के लिये, जलवायु महत्वाकाँक्षा सम्मेलन-2020 में, नए संकल्प व्यक्त किये. कुछ झलकियाँ... (वीडियो)

UN News/Sachin Gaur

हरित तकनीकों में निवेश की आवश्यकता पर बल

भारत में ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (Council on Energy, Environment and Water) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूणभा घोष का मानना है कि 12 दिसम्बर को आयोजित जलवायु महत्वाकाँक्षी सम्मेलन से अगले वर्ष होने वाले संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन कॉप-26 की नींव रखने में मदद मिलेगी. 

उन्होंने कहा कि विशेष रूप से बिजली और जल क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिये सार्थक नीतियाँ बनानी ज़रूरी होंगी और भारत के जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने के लिये हरित निवेश बढ़ाना बेहद आवश्यक होगा.

सुनिए यूएन न्यूज़ की अंशु शर्मा के साथ उनकी ख़ास बातचीत.

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इथियोपिया ने वर्ष 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर पेड़ लगाने का एक बड़ा अभियान शुरू किया जिसके तहत 4 अरब पेड़ लगाने का महत्वाकाँक्षी लक्ष्य रखा गया है.
Unsplash/Eyoel Abraham Kahssay

CAS-20: नए महत्वाकाँक्षी लक्ष्य, जलवायु आपदा घोषित करने की पुकार भी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जलवायु महत्वाकाँक्षा सम्मेलन-2020 में विश्व नेताओं से अपील की है कि वो अपने यहाँ तब तक जलवायु आपदा घोषित कर दें जब तक कि कार्बन निष्पक्षता का लक्ष्य नहीं हासिल कर लिया जाता है. विभिन्न देशों ने कार्बन उत्सर्जन निष्पक्षता की स्थिति हासिल करने के लिये नई योजनाओं, नीतियों और समय सीमा के महत्वाकाँक्षी लक्ष्यों की घोषणा की है.

जलवायु महत्वाकाँक्षा सम्मेलन-2020 पर विशेष सामग्री

UN India

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये सभी को साथ लेकर चलना होगा

पेरिस समझौते की पाँचवी वर्षगाँठ से ठीक पहले संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की  एक नई रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है कि कोविड-19 के कारण वैश्विक स्तर पर कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कुछ गिरावट हुई है, लेकिन संकेत यही हैं कि वर्तमान स्थिति से, जलवायु परिवर्तन की बड़ी चुनौती का सामना करने में कोई ख़ास फर्क़ नहीं पड़ा है, और इस सदी के अन्त तक, वैश्विक तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है.

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UNEP India/Karan Mangotra

पेरिस समझौता उपलब्धिपूर्ण, लेकिन चुनौतियाँ भी कम नहीं

भारत में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारी, करण मंगोत्रा ने यूएन न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि पाँच साल पहले हुए पेरिस समझौते के कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन की रोकथाम की ख़ातिर, ज़रूरी तकनीकी बदलाव करने के लिये, कम लागत वाली तकनीकें उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती रहेगी.   

करण मंगोत्रा के साथ ये बातचीत की यूएन न्यूज़ हिन्दी की अंशु शर्मा ने...

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फ्राँस में एक सोलर पैनल फार्म के बीच से एक व्यक्ति लाल छाता लेकर जा रहा है.
Maxime Pontoire

'नैट-ज़ीरो' की दौड़, और दुनिया इस पर क्यों निर्भर है!

अनेक देशों ने, आने वाले वर्षों में "शून्य उत्सर्जन" का लक्ष्य हासिल करने के मक़सद से, हाल ही में अपने कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने के लिये प्रतिबद्धताओं की घोषणा की है. यह शब्द आज दुनिया भर में गूँज रहा है और इसे अक्सर जलवायु परिवर्तन और इससे होने वाली तबाही से निपटने के लिये एक आवश्यक क़दम के रूप में देखा जाता है.