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कोविड-19: चीन सर्वजन के लिये वैक्सीन सुनिश्चित करने के वैश्विक प्रयासों में शामिल

ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक कोरोनावायरस की वैक्सीन विकसित करने के लिये अनुसन्धान काम करते हुए.
University of Oxford/John Cairns
ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय में वैज्ञानिक कोरोनावायरस की वैक्सीन विकसित करने के लिये अनुसन्धान काम करते हुए.

कोविड-19: चीन सर्वजन के लिये वैक्सीन सुनिश्चित करने के वैश्विक प्रयासों में शामिल

स्वास्थ्य

चीन सहित तीन देश कोविड-19 के ख़िलाफ़ लड़ाई में एक असरदार वैक्सीन विकसित किये जाने और उसे न्यायसंगत रूप से वितरित किये जाने के लिये शुरू की गई वैश्विक पहल में शामिल हो गए हैं. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा में शुक्रवार को एक प्रैस वार्ता के दौरान इस सम्बन्ध में जानकारी सामने रखी. 

कोविड-19 महामारी पर क़ाबू पाने की वैश्विक कार्रवाई में ‘Access to COVID-19 Tools’ (ACT-Accelerator) एक महत्वपूर्ण पहल है.

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इसके ज़रिये वैक्सीन, उपचार और निदान तेज़ी से विकसित करने और उनके न्यायसंगत वितरण के प्रयास आगे बढ़ाए जा रहे हैं.

COVAX Facility इसकी वैक्सीन इकाई है. 

बताया गया है कि चीन, कोरिया गणराज्य और प्रशान्त द्वीपीय देश नैरू इस सप्ताह COVAX Facility में शामिल हो गए, जिसके बाद इस पहल में हिस्सा लेने वाले देशों और अर्थव्यवस्थाओं की संख्या बढ़कर 171 हो गई है.

यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा, “दुनिया कोविड-19 के ख़िलाफ़ वैक्सीन के लिये हो रहे परीक्षणों के नतीजों का उत्सुकता से इन्तज़ार कर रही है, क्योंकि ये नतीजे WHO की अनुमति लेने के लिये ज़रूरी हैं.”

“एक असरदार वैक्सीन मिलने के बाद हमें उसे प्रभावी तौर पर इस्तेमाल भी करना होगा और इसका सर्वश्रेष्ठ रास्ता यह सुनिश्चित करना है कि ये COVAX Facility के ज़रिये सभी देशों के लिये न्यायसंगत ढँग से उपलब्ध हो.”

ज़्यादा देश, अधिक सम्भावनाएँ

इस वैश्विक पहल के ज़रिये अगले साल के अन्त तक दो अरब खुराकें तैयार किये जाने की योजना है. फ़िलहाल इस पहल के तहत कोविड-19 की रोकथाम के लिये अनेक वैक्सीनों पर काम चल रहा है जिसमें से बहुत सी वैक्सीन मानव परीक्षण के अन्तिम चरणों में हैं. 

चीन के COVAX Facility में शामिल होने पर वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर ब्रूस एलवर्ड ने बताया, “COVAX Facility में जितने ज़्यादा देश हिस्सा लेंगे, वैक्सीनें तेज़ी से न्यायसंगत तरीक़े से दिये जाने के अवसर भी उतने ही बढ़ेंगे, ताकि विश्व में गम्भीर कोविड महामारी के जोखिम को घटाया जा सके.” 

उन्होंने कहा कि चीन के इस पहल का हिस्सा बनने के सम्बन्ध में औपचारिकताओं पर अभी काम चल रहा है और इस सम्बन्ध में अगले सप्ताह तक जानकारी मिलने की उम्मीद है. 

अमेरिका और रूस ने अभी इस पहल में शामिल होने के लिये दिलचस्पी नहीं दिखाई है.

एकजुटता का प्रतीक

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन विकसित करने के प्रयासों में जुटी मोडेरना कम्पनी की उस घोषणा का स्वागत किया है जिसमें कम्पनी ने पेटेण्ट अधिकारों को ना लागू किये जाने की बात कही है. 

यूएन एजेंसी प्रमुख घेबरेयेसस ने एकजुटता के इस भाव की सराहना की है और इसे महामारी को हराने के लिये ज्ञान, डेटा व बौद्धिक सम्पदा को साझा करने सम्बन्धी एक अन्य पहल के अनुरूप बताया है.  

‘कोविड टैक्नॉलॉजी एक्सेस पूल’ (C-TAP) मई 2020 में पेश किया गया था और इसे टैक्नॉलॉजी तक किफ़ायती पहुँच के एक समग्र साधन के रूप में पेश किया गया था. 

यह संयुक्त राष्ट्र समर्थित मेडिसिन पेटेण्ट पूल (Medicines Patent Pool) के मौजूदा ढाँचे पर आधारित है जिसमें निम्न व मध्य आय वाले देशों में एचआईवी और हेपेटाइटिस के उपचार तक पहुँच के दायरे को बढ़ाया गया है. 

विश्व खाद्य कार्यक्रम की सराहना

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने प्रैस वार्ता की शुरुआत विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) को बधाई सन्देश से की जिसे इस वर्ष के नोबेल शान्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन में आपात राहत कार्यक्रमों के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर माइक रायन ने कहा कि WFP ना सिर्फ़ भूखे लोगों तक भोजन पहुँचाता है बल्कि बेहद विकट हालात में अपने मानवीय राहतकर्मियों को तैनात भी करता है.  

डॉक्टर रायन ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में अनेक महामारियों के ख़िलाफ़ लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है जिनमें काँगो लोकातान्त्रिक गणराज्य में इबोला पर क़ाबू पाने के प्रयास भी हैं. 

उन्होंने कहा कि यूएन खाद्य एजेंसी “ज़मीनी स्तर पर हमें भोजन मुहैया कराती है, हमारी रक्षा करती है और हमारे लिये काम कर पाना सम्भव बनाती है.” 

“हम यह पश्चिम अफ़्रीका में कहा करते थे, और अब मैं यह दुनिया से कहना चाहता हूँ. WFP बेहतरीन है.”