सीरिया: नए संविधान पर वार्ता से हिंसा पर विराम लगाने की उम्मीद

सीरिया में युद्धरत पक्षों में गहरा अविश्वास क़ायम है, इसके बावजूद हाल ही में जिनीवा में संवैधानिक समिति की बैठक में आशा की एक धूमिल लेकिन वास्तविक किरण उभरती दिखाई दी है. यह बैठक नौ महीने के अन्तराल के बाद आयोजित की गई थी. शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गेयर पैडरसन ने सुरक्षा परिषद को एक दशक से जारी हिंसा से सीरिया को उबारने के लिये किये जा रहे प्रयासों के सम्बन्ध में अवगत कराया है.
सीरिया के लिये विशेष दूत गेयर पैडरसन ने बताया कि तीसरे दौर की वार्ता का आयोजन अगस्त में किया गया जिसमें सभी पक्षों में वार्ता के एजेण्डा को आकार देने पर सहमति बनी.
#Syria Envoy @GeirOPedersen to the @UN Security Council today: "Only by focusing on a political settlement can we meet the legitimate aspirations of the Syrian people and restore Syria’s sovereignty, independence, unity and territorial integrity." https://t.co/KqG1D0sduD pic.twitter.com/qFiJf8DkQT
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सह-प्रमुखों ने उम्मीद जताई थी कि कुछ क्षेत्रों में साझा ज़मीन की तलाश पूरी होती नज़र आ रही है.
लेकिन अब भी ठोस मतभेद क़ायम हैं जिन पर जिनीवा में वार्ता के दौरान सहमति नहीं बन पाई. अब इन मुद्दों पर बातचीत अगले सत्र में होने की आशा है.
“अगर हमें हमारी आशा के अनुरूप अक्टूबर की शुरुआत में बैठक करनी है तो फिर एजेण्डे को बिना देरी के अन्तिम रूप देने की आवश्यकता है.”
विशेष दूत ने ध्यान दिलाया कि समिति के प्रतिनिधिमण्डलों को सरकार और विपक्षी सीरियाई वार्ता आयोग ने मनोनीत किया है और उनकी ज़िम्मेदारी संवैधानिक सुधारों का मसौदा तैयार करना है.
यह समिति सीरिया के वर्ष 2012 के संविधान की समीक्षा और उसमें संशोधन कर सकती है, या फिर एक नया संविधान तैयार कर सकती है.
“अगर हम एजेण्डे को अन्तिम रूप दे सकें और इस तरह से आगे बढ़ें तो मुझे आशा है कि यह प्रक्रिया गहराई के साथ चौथे सत्र के साथ आगे बढ़ सकेगी.”
गेयर पैडरसन ने बताया कि कोविड-19 महामारी सीरियाई नागरिकों के लिये एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है. स्थानीय लोग पहले से ही एक दशक से जारी हिंसा की आग में झुलस रहे हैं और खाद्य असुरक्षा, आर्थिक बदहाली व अन्य मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के अनुसार खाद्य पदार्थों की एक मानक टोकरी की क़ीमत पिछले एक साल में 250 फ़ीसदी तक बढ़ चुकी है.
विशेष दूत ने सुरक्षा परिषद से अपील की है कि ज़रूरतमन्द लोगों तक संसाधन और मानवीय राहत पहुँचाने के लिये रास्तों को सुरक्षित बना जाना होगा.
साथ ही बड़े स्तर पर हिरासत में लिये गए और अगवा किये गए लोगों की एकतरफ़ा रिहाई की अपील की गई है.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मोर्चे पर सीरिया का अन्तरराष्ट्रीयकरण हो चुका है – पाँच विदेशी सेनाएँ इसके क्षेत्र में हैं और उसकी सम्प्रभुता के साथ समझौता हुआ है.
लेकिन मौजूदा इन्तज़ामों से देश में पहले के वर्षों की तुलना में मोटे तौर पर हिंसा में ठहराव आया है और सैन्य स्तर पर यथास्थिति उभरती दिखाई दे रही है.
यूएन दूत ने सभी प्रासंगिक पक्षों से हिंसक घटनाओं पर रोक लगाने, अपेक्षाकृत शान्तिपूर्ण हालात का निर्माण करने और प्रस्ताव 2254 के तहत राष्ट्रव्यापी युद्धविराम लागू करने की अपील की है.