वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

वीडियो गेम के ज़रिये पर्यावरण संरक्षण

वीडियो गेम खेलती एक युवती.
UN News/Elizabeth Scaffidi
वीडियो गेम खेलती एक युवती.

वीडियो गेम के ज़रिये पर्यावरण संरक्षण

जलवायु और पर्यावरण

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम यानि यूनेप, कई मशहूर वीडियो गेम कम्पनियों के साथ मिलकर ऐसे वीडियो गेम बनाने में सहयोग कर रहा है, जो युवा पीढ़ी में पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ा सके.. साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि खेल की दुनिया से ये बदलाव असल ज़िन्दगी तक भी पहुँचे और विश्व में परिवर्तन की एक नई बयार चले.

दिसम्बर 2019 में जब ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में आग भड़की, तब ‘स्पेस ऐप वीडियो’ के अनेक खिलाड़ियों ने कम्पनी से सम्पर्क करके, उस आग की रोकथाम में मदद करने की इच्छा ज़ाहिर की थी. जवाब में लन्दन स्थित इस कम्पनी ने अपने कुछ मोबाइल गेमों में ‘इन-गेम ख़रीदारी’ जोड़ दी, और इससे होने वाली पूरी आमदनी को क्षेत्र में काम करने वाले वन्यजीव या मानवीय संस्थाओं को देने का वादा किया.

फिर क्या था- केवल चार दिनों में ही कम्पनी ने एक लाख 20 हज़ार डॉलर जुटा लिये. स्पेस ऐप गेम्स में पूर्व कन्टेन्ट प्रमुख, डेबोराह मेन्साह-बोंसु ने कहा, "इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि लोग भलाई करना चाहते हैं."

इससे प्रोत्साहित होकर वीडियो गेम उद्योग ने पर्यावरण के लिये और अधिक काम करने का निश्चय किया.

अगस्त 2020 में, मोबाइल गेमिंग की कुछ सबसे बड़ी कम्पनियों ने पर्यावरणीय विषय वाले मिशनों की एक श्रृँखला का अनावरण किया, जिसे ‘एंग्री बर्ड्स 2’, ‘गोल्फ क्लैश’ और ‘सबवे सर्फर्स’ जैसे लोकप्रिय वीडियो गेमों में जोड़ा गया.

यूएन महासचिव ने जुलाई 2020 में सात युवा जलवायु सलाहकारों के नाम जारी किये. जलवायु और पर्यावरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये विश्वव्यापी प्रयास जारी हैं.
UNRIC/N.Metenier
यूएन महासचिव ने जुलाई 2020 में सात युवा जलवायु सलाहकारों के नाम जारी किये. जलवायु और पर्यावरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये विश्वव्यापी प्रयास जारी हैं.

इसमें खिलाड़ियों को जलवायु परिवर्तन से लड़ने व लुप्तप्राय भेड़ियों की रक्षा करने जैसी गेम खेलने के लिये प्रोत्साहित किया गया. यह पहल, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा वीडियो गेम विकसित करने वाली कम्पनियों के आहवान का परिणाम है ताकि पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाई जा सके.

यूनेप के साथ शिक्षा और एडवोकेसी मामलों के प्रमुख सैम बैरेट कहते हैं, "वीडियो गेमिंग पृथ्वी के सबसे बड़े संचार माध्यमों में से एक है. हम वीडियो गेम खेलने वालों को व्यापक पर्यावरण एजेण्डे पर शिक्षित, प्रेरित और सक्रिय करने के लिये गेमिंग उद्योग का समर्थन करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं, और अब तक यह अच्छी तरह काम कर रहा है."

दुनिया भर में 2 अरब 60 करोड़ लोग वीडियो गेम खेलते हैं और इनमें पर्यावरण और संरक्षण में रुचि लेने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. 

2019 यूनेप की एक रिपोर्ट, ‘प्लेइंग फॉर द प्लैनेट’ के मुताबिक वीडियो गेम के माध्यम से अरबों लोगों को सामाजिक और पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान में शामिल किया जा सकता है. 

वीडियो गेम उद्योग से 140 अरब डॉलर से अधिक का वार्षिक मुनाफ़ा होता है, जो कि हॉलीवुड, बॉलीवुड और संगीत की कुल बिक्री से भी अधिक है.

2017 में, 66 करोड़ 60 लाख लोगों ने अन्य लोगों को ‘यू-ट्यूब’ और ‘ट्विच’ पर गेम खेलते हुए देखा – यानि एचबीओ, ईएसपीएन और नैटफ्लिक्स के कुल दर्शकों से भी ज़्यादा संख्या में.

यूनेप की रिपोर्ट के अनुसार, अगर इन लोगों का एक छोटा हिस्सा भी इस विषय पर अपना ध्यान केन्द्रित करे और इसके राजस्व को पर्यावरण संरक्षण की तरफ़ मोड़ा जा सके तो वास्तविक दुनिया में भारी बदलाव मुमकिन हो सकेगा.

पृथ्वी के कल्याण के लिये गेम

यूनेप के Playing for the Planet Alliance में ‘स्पेस ऐप’ (Space Ape) 25 सदस्यों में से एक है. इस पहल का उद्देश्य है - जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिये गेमिंग की शक्ति का उपयोग करना.

2019 में शुरू की गई यह परियोजना 97 करोड़ से अधिक खिलाड़ियों तक पहुँच चुकी है. गठबन्धन में शामिल होने वाली खेल कम्पनियाँ, वैश्विक पर्यावरण एजेण्डे का समर्थन करने के लिये, कम उत्सर्जन या खेल में हरित सक्रियणों को शामिल करने के लिये प्रतिबद्धता जताते हैं. 

गठबन्धन ने साल 2020 के शुरू में एक ‘ग्रीन गेम जैम’ आयोजित किया था, जिसमें 11 मोबाइल गेम कम्पनियों ने अपने मौजूदा गेमों में एक सतत तत्व जोड़ने और हरित कार्यों की ओर बढ़ने के मक़सद से एक प्रतिस्पर्धा में शिरकत की.

इसमें खिलाड़ियों द्वारा संकल्प लेना भी शामिल था, जैसे कि सोमवार को माँस न खाना या काम पर जाने के लिये साइकिल का इस्तेमाल करना और खेल में हरित वातावरण, सौर पैनल या इलैक्ट्रिक कार डिज़ाइन करना.

‘स्पेस ऐप’ का मशहूर गेम ‘ट्रान्सफॉर्मर्स: अर्थ वार्स’ में मूल कथानक में ही पर्यावरण व अक्षय ऊर्जा को चुना गया है. इसके नए संस्करण में, अच्छे और बुरे दोनों ट्रान्सफ़ॉर्मरों को एक साथ लाया गया है, जो मिलकर ऐसी तकनीक ढूँढेंगे, जो पृथ्वी के ऊर्जा संसाधनों का बेहतर व सतत तरीक़े से दोहन करे. 

मेन्साह-बोंसु का कहना है कि कम्पनी इन खिलाड़ियों को असल कार्रवाई में भी शामिल करना चाहती है, इसलिये उन्हें अपने बिजली के बल्बों को एलईडी में बदलने का संकल्प लेने के लिये भी कहा गया.

वहीं कैलिफोर्निया स्थित ‘Pixelberry Studios’ ने अपने शीर्षक "Choices (विकल्प)" में जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केन्द्रित किया. यह खेल एक युवा महिला पर केन्द्रित है जो तट पर स्थित अपने घर लौटती है, जहाँ एक बड़ी मछली मर गई है.

स्थानीय राजनेताओं और व्यवसाय के मालिकों के संशयों के बावजूद, युवती की छोटी बहन को विश्वास है कि मछली की मौत जलवायु परिवर्तन के कारण हुई है. ऐसे में खेल में खिलाड़ी की भूमिका होगी – युवती की बहन को दूसरों को अपनी मुहिम में शामिल करना और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता बढ़ाना.

Pixelberry के लेखकों में से एक, सरन वॉकर ने बताया कि उनकी टीम ने जलवायु परिवर्तन को लेकर चिन्तित युवा पीढ़ी के बारे में दर्जनों लेख पढ़े थे. (हाल ही में सहस्राब्दी में जन्में युवाओं पर हुए एक सर्वेक्षण के मुताबिक - 186 देशों में 30 वर्ष से कम आयु के 30 हज़ार लोगोंं ने ये पुष्टि की है कि जलवायु परिवर्तन और प्रकृति का विनाश उनकी पीढ़ी के लिये सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं.)

वॉकर ने स्वीडन की युवा पर्यावरण कार्यकर्ता का जिक्र करते हुए कहा "हम सभी ग्रेटा थनबर्ग की कहानी से बहुत प्रेरित थे. हमारी कम्पनी के जिन कार्यकर्ताओं के बच्चे हैं वो यही सोच रहे हैं कि वो अपने बच्चों को किस तरह की दुनिया में छोड़ कर जाएँगे. हम दुनिया भर के लोगों को दिखाना चाहते हैं कि वे वास्तव में व्यक्तिगत रूप में बहुत कुछ कर सकते हैं.”

उद्योग-जगत में बदलाव

गेमिंग उद्योग इस पर भी विचार कर रहा है कि इस क्षेत्र को कार्बन-न्यूट्रल कैसे बनाया जा सकता है या कुछ मामलों में कार्बन पॉज़िटिव - एक ऐसे क्षेत्र के लिये यह एक स्वागत योग्य क़दम है, जिसके कार्बन फुटप्रिन्ट पर सवाल उठता रहा है.

फिलहाल, इस उद्योग से हर वर्ष 5 करोड़ टन इलैक्ट्रॉनिक कचरा उत्पन्न होता है, जो वर्ष 2050 तक बढ़कर 12 करोड़ टन तक पहुँचने की आशंका है. 

मोबाइल शीर्षक बनाने वाली ‘सुपरसेल’ नामक कम्पनी, हाल ही में पूरी तरह से ‘कार्बन-न्यूट्रल’ बनने और गेम खेलने के दौरान खेलने वालों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार्बन डाइऑक्साइड की रोकथाम के लिये प्रतिबद्ध है. ‘रोवियो’ और ‘स्पेस ऐप’ भी इसी तरह की कार्रवाई के इच्छुक हैं. 

‘प्लेइंग फॉर द प्लैनिट एलायन्स,’ कार्बन-उत्सर्जन ख़त्म करने के लिये अपने सदस्यों का मार्गदर्शन करेगा, जिसमें ‘सोनी’ कन्सोल निर्माताओं के एक कार्य समूह का नेतृत्व कर रहा है.

यह गठबन्धन उद्योग के लिये एक नया ‘कार्बन कैलकुलेटर’ विकसित करने में मदद करेगा, नया मार्गदर्शन उपलब्ध कराएगा और नव संरक्षण व कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिये नई सामूहिक प्रतिबद्धताएँ हासिल करने पर काम करेगा. 

मेन्साह-बोंसु ने कहा, "जब हम इस यात्रा पर निकले, तो हम उद्योग में सभी की मदद करना चाहते थे. अगर हम सब केवल अपनी-अपनी भूमिका भी निभा लें, तो दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकते हैं."