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स्वास्थ्य रक्षा और जीवन पटरी पर लाने में ‘सन्तुलन बड़ी चुनौती’ 

भारत के गुजरात राज्य में एक महिला को हाथ धोने के फ़ायदों के बारे में बताया जा रहा है.
© UNICEF/Vinay Panjwani
भारत के गुजरात राज्य में एक महिला को हाथ धोने के फ़ायदों के बारे में बताया जा रहा है.

स्वास्थ्य रक्षा और जीवन पटरी पर लाने में ‘सन्तुलन बड़ी चुनौती’ 

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों की बढ़ती रफ़्तार के बीच देशों के समक्ष चुनौती लोगों की ज़िन्दगियों की रक्षा सुनिश्चित करने और आर्थिक व सामाजिक जीवन को फिर से शुरू करने के बीच सन्तुलन साधने की है. विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के संक्रमण के 88 लाख से ज़्यादा मामलों की पुष्टि की जा चुकी है और चार लाख 65 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है. रविवार को संक्रमण के पौने दो लाख से ज़्यादा मामलों का पता चला जो एक दिन में संक्रमणों की अब तक की सबसे बड़ी सँख्या है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख डॉक्टर घेबरेयेसस ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है मानो दुनिया हर दिन एक नए और गम्भीर पड़ाव पर पहुँच रही है.  

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“कल WHO को कोविड-19 के संक्रमण के एक लाख 83 हज़ार से ज़्यादा मामलों का पता चला – यह एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी सँख्या है.”

कुछ देशों में संक्रमितों और मौतों की सँख्या में तेज़ी से बढ़ोत्तरी हो रही है.

“जिन देशों में पहले संक्रमण का फैलाव दबा दिया गया था वहाँ अब समाजों और अर्थव्यवस्थाओं के खुलने पर संक्रमण के मामले फिर बढ़ रहे हैं.” 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महासचिव के मुताबिक सभी देशों के सामने नाज़ुक सन्तुलन साधने की चुनौती है – अपने लोगों की रक्षा करने और सामाजिक व आर्थिक क्षति को कम से कम रखने में. 

“यह जीवन और आजीविका के बीच का चयन नहीं है. देश इन दोनों को हासिल कर सकते हैं.”

उन्होंने सतर्कता बरतने और समाधानो ढूँढने में रचनात्मक रुख़ अपनाने की अपील की है ताकि लोग सुरक्षित ढँग से रह पाएँ और ज़िन्दगी भी पटरी पर लौट सके. 

साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए उन बुनियादी उपायों के लिए दोगुने प्रयास करने का आग्रह किया गया है जो कारगर हैं. 

“सन्दिग्ध मामलों को ढूँढना और टैस्ट करना कारगर है. बीमारों को अलग रखना और उनकी देखभाल करना कारगर है.”

“सम्पर्क में आए लोगों का पता लगाना और उन्हें अलग रखना कारगर है. और स्वास्थ्यकर्मियों की रक्षा करना कारगर है.”

लेकिन उन्होंने आगाह किया कि इन उपायों से तभी मदद मिल सकती है जब हर व्यक्ति अपना और दूसरों का ख़याल रखे.“

सामाजिक दूरी बरतें. अपने हाथ धोएँ और जहाँ भी उपयुक्त हो, मास्क पहनिये.”

सम्भावित उपचार

महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि शुरुआती नतीजों के बावजूद डेक्सामीथेसोन (Dexamethasone) नामक स्टेरॉयड में कोविड-19 से गम्भीर रूप से संक्रमित मरीज़ों में जीवनदायी मदद का मिलना उत्साह का विषय है. 

ग़ौरतलब है कि एक ट्रायल के नतीजे दर्शाते हैं कि वैण्टिलेटर का सहारा लेने वाले मरीज़ों को यह दवाई दिए जाने से मृत्यु दर में एक तिहाई की कमी आई, जबकि उन संक्रमितों की मृत्यु दर 20 प्रतिशत घटाने में सफलता हासिल हुई जिन्हें ऑक्सीजन पर रखा गया था

उन्होंने कहा कि अब चुनौती इस किफ़ायती दवाई के उत्पादन को बढ़ाना और फिर उसे वहाँ तेज़ी से न्यायसँगत ढँग से वितरित करना है जहाँ इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है. लेकिन साथ ही दवा की गुणवत्ता की गारण्टी भी सुनिश्चित की जानी होगी. 

ब्रिटेन में हुए इसके परीक्षण और उससे गम्भीर संक्रमितों को मिलने वाले आराम के बाद से ही दवाई की माँग में बढ़ोत्तरी हुई है.

सामान्य लक्षण वाले मरीज़ों या संक्रमण की रोकथाम में इस दवाई के कारगर होने के तथ्य अभी नहीं है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ज़रूरतमन्द देशों के लिए निजी बचाव सामग्री व उपकरणों की आपूर्ति का कार्य निर्बाध गति से जारी रखे हुए है. 

इस सम्बन्ध में एक ऑनलाइन मंच– COVID-19 Supply Portal – तैयार किया गया है जिसके ज़रिये देश अपनी ज़रूरतों को साझा कर सकते हैं. 

फ़िलहाल यूएन एजेंसी ने 14 करोड़ टन निजी बचाव सामग्री और लाखों परीक्षण किटें 135 देशों में भेजने की प्रक्रिया शुरू की है. 

साथ ही प्रभावित देशों के साथ मिलकर आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएँ जारी रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.