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कोविड-19 पर क़ाबू पाने में भारत की होगी 'अग्रणी भूमिका'

कोरोनावायरस पर क़ाबू पाने के प्रयासों के तहत भारत में 21 दिनों के लिए तालाबंदी की घोषणा की गई है.
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कोरोनावायरस पर क़ाबू पाने के प्रयासों के तहत भारत में 21 दिनों के लिए तालाबंदी की घोषणा की गई है.

कोविड-19 पर क़ाबू पाने में भारत की होगी 'अग्रणी भूमिका'

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से भविष्य में होने वाला असर और उस पर क़ाबू पाने में भारत जैसे घनी आबादी वाले देशों को अग्रणी भूमिका निभानी होगी. भारत में कोविड-19 के सामुदायिक फैलाव की रोकथाम के प्रयासों के तहत मंगलवार, 24 मार्च, को भारत सरकार ने पूर्ण रूप से देशव्यापी तालाबंदी की घोषणा की है. 

विश्व भर में कोरोनावायरस के संक्रमण के मामलों की संख्या तीन लाख 72 हज़ार से ज़्यादा हो गई है और 16 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.  मंगलवार तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के ऑंकड़ों के अनुसार भारत में अभी महामारी के बड़ी संख्या में मामले सामने नहीं आए हैं. लेकिन चिंता गहरा रही है कि अगर देश में व्यापक स्तर पर संक्रमण फैलता है तो इसके विनाशकारी नतीजे होंगे.

देश में संक्रमितों की संख्या 500 के पार पहुंचने के बाद मंगलवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों को अगले 21 दिनों तक घर तक सीमित रहने के लिए कहा है. इससे पहले भारत में सभी घरेलू उड़ानों पर रोक लगा दी थी और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के आने पर भी पाबंदी है. 

जिनीवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात कार्यक्रमों के निदेशक माइक रायन ने बताया, “भारत एक बहुत बड़ी आबादी वाला देश है. इस विश्वव्यापी महामारी का भविष्य घनी आबादी वाले देशों में हालात से तय होगा.”

“इसलिए इस बीमारी पर क़ाबू पाने, उसे दूर करने और ज़िंदगियां बचाने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य और समाज के स्तर पर भारत द्वारा तेज़ कार्रवाई लगातार करते रहना महत्वपूर्ण है.”

यूएन स्वास्थ्य विशेषज्ञ मार्क रायन ने कहा कि भारत ने लक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के ज़रिए दो बड़ी घातक बीमारियों – चेचक और पोलियो - के उन्मूलन में बड़ी सफलता हासिल की है.

और यह भरोसा दिलाता है कि भारत सहित दुनिया के अन्य देश राष्ट्राध्यक्ष से लेकर सामुदायिक व नागरिक समाज के स्तर तक तेज़ व निरंतर कार्रवाई के ज़रिए इस चुनौती का सामना करना सकते हैं. 

उन्होंने कहा कि भारत जैसे देशों ने पहले चुनौतियों का सामना कर दिखाया है कि क्या हासिल किया जा सकता है और वैसा ही इस बार करना है. 

भारत में तालाबंदी

कोविड-19 का सामुदायिक स्तर पर फैलाव रोकने के लिए भारत सरकार ने मंगलवार, 24 मार्च, को देश भर में 21 दिनों के लिए पूर्ण तालाबंदी की घोषणा की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि यह तालाबंदी देश के हर ज़िले, हर गली, हर गॉंव में लागू होगी और अगर लोग अगले 21 दिनों को नहीं संभाल पाए तो देश 21 साल पीछे चला जाएगा. 

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से रविवार, 22 मार्च, को ‘जनता कर्फ़्यू’ का पालन करने का आह्वान किया था ताकि कोविड-19 का संक्रमण चक्र तोड़ा जा सके. 

भारत के 24 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में कोविड-19 महामारी के अब तक 519 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जिनमें 476 भारतीय नागरिक व 43 विदेशी नागरिक हैं. 

इनमें वे 39 मरीज़ भी शामिल हैं जिन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है. इस बीमारी के कारण 9 लोगों की मौत हो चुकी है. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (डब्ल्यूएचओ) के भारत में प्रतिनिधि डॉक्टर हैंक बेकेडेम का कहना है, “भारत ने कोविड-19 के ख़िलाफ व्यापक, मज़बूत और समय रहते क़दम उठाए हैं. ख़ुद प्रधानमंत्री की अगुवाई में सरकार का पूरा रुख़ उच्च स्तर पर राजनैतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है.” 

उन्होंने कहा कि निगरानी, टेस्ट क्षमता में बढोत्तरी, मानव संपर्क में कमी और एकांतवास को प्रोत्साहन, जोखिम के बारे में सूचनाओं का संचार और आपातकालीन उपायों सहित रोकथाम और प्रसार की दिशा में व्यापक प्रयास किए गए हैं.

"सामाजिक दूरी बनाए रखने की प्रधानमंत्री की पुकार को पूरे देश में व्यापक समर्थन मिला है. इन क़दमों से संक्रमण के चक्र को तोड़ने में मदद मिलने की उम्मीद जताई गई है.” 

उन्होंने कहा, "विश्व स्वास्थ्य संगठन संयुक्त राष्ट्र के साझीदारों के साथ मिलकर कोविड-19 के लिए तैयारियों और रोकथाम के उपायों पर सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है."

"इनमें रोग निगरानी, संक्रमण रोकथाम के लिए प्रशिक्षण, नियंत्रण और क्लस्टर नियंत्रण व निगरानी योजना के साथ-साथ यात्रियों की भौगोलिक मौजूदगी की स्थिति पर नज़र रखना शामिल है.” 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 11 मार्च को कोविड-19 को विश्वव्यापी महामारी परिभाषित करते हुए सभी देशों से इस बीमारी पर क़ाबू पाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आहवान किया था. 

इसके लिए संदिग्ध संक्रमितों का जल्द परीक्षण करना, संक्रमण की पुष्टि होने पर उन्हें अलगाव में रखने की व्यवस्था करना, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाकर उनका परीक्षण करना अहम है ताकि वायरस पर नियंत्रण पाना और ज़िंदगियाँ बचाया जाना संभव हो सके.