कोविड-19 की चपेट में भारत – जवाबी कार्रवाई में यूएन एजेंसियों की अहम भूमिका

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 संक्रमण के मामले भारत में तेज़ी से बढ़ रहे हैं और संक्रमितों की संख्या के मामले में भारत अब विश्व में दूसरे स्थान पर पहुँच गया है. देश के अनेक राज्यों में गम्भीर हालात के मद्देनज़र संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ भारत सरकार के साथ राष्ट्रीय, राज्य और ज़िला स्तर पर महामारी से निपटने की कार्रवाई के तहत स्वास्थ्य प्रणालियों और सेवाओं को पुख़्ता बनाने, बचाव उपाय अपनाने और हालात की समीक्षा सहित अन्य प्रयासों में जुटी हैं.
विश्व भर में कोविड-19 के अब तक दो करोड़ 72 लाख से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और आठ लाख 91 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
दुनिया में सबसे ज़्यादा संक्रमितों की संख्या अमेरिका (62 लाख 22 हज़ार) में है जिसके बाद भारत और फिर ब्राज़ील का स्थान है.
भारत में कोरोनावायरस संक्रमण के 42 लाख 80 हज़ार से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 72 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हुई है.
महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित कई अन्य राज्य कोरोनावायरस संकट से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं.
पिछले कुछ सप्ताह में देश में संक्रमितों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है और कोविड-19 संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले प्रतिदिन अब भारत में दर्ज किये जा रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संक्रमितों के सम्पर्क में आये 80 लाख से ज़्यादा लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में मदद की है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने संक्रमण की रोकथाम और नियन्त्रण प्रयासों के सन्दर्भ में 22 लाख से ज़्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया है. साथ ही जीवनरक्षक जानकारी को 65 करोड़ बच्चों और परिवारों तक पहुँचाया गया है.
संयुक्त राष्ट्र की टीम ने निजी बचाव सामग्री व उपकरणों की देश भर में आपूर्ति करने के काम में मदद की है.
सबसे निर्बलों तक सहायता पहुँचाने के प्रयासों के तहत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने अहम भूमिका निभाई है.
राहत प्रयासों के तहत क़रीब एक लाख प्रवासी कामगारों तक सामाजिक संरक्षा के लाभ पहुँचाना सम्भव हुआ है. साफ़-सफ़ाई के काम में जुटे एक लाख से ज़्यादा सफ़ाई कर्मचारियों को बचाव किट और 40 लाख किलो राशन का वितरण किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष ने पाँच हज़ार से ज़्यादा सफ़ाई कर्मचारियों को सुरक्षित कचरा निस्तारण से जुड़े विषय पर प्रशिक्षण प्रदान किया है.
इसके अलावा मुश्किल हालात का सामना कर रही महिलाओं के लिये एक हेल्पलाइन डायरेक्टरी की सुविधा भी विकसित की गई है और तालाबंदी के दौरान प्रजनन व यौन स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखने के लिये दिशा-निर्देश उपलब्ध कराए गये हैं.
अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने लैंगिक ज़रूरतों का ध्यान रखते हुए रोज़गारों की पुनर्बहाली के लिये दिशा-निर्देश तैयार करने में मदद दी है.
एड्स/एचआईवी की रोकथाम के लिये संयुक्त राष्ट्र संस्था ने एचआईवी संक्रमित एक लाख 20 हज़ार लोगों तक और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने 40 हज़ार से ज़्यादा शरणार्थियों और प्रवासियों तक कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिये आवश्यक सूचना पहुँचाई है.
कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने के लिये टैस्ट क्षमता का व्यापक स्तर पर विस्तार किया गया है.
फ़रवरी 2020 में भारत में कोविड-19 परीक्षणों में जुटी लैब्स की संख्या महज़ 14 थी लेकिन अगस्त महीने तक इन प्रयोगशालाओं की संख्या डेढ़ हज़ार से ज़्यादा पहुँच चुकी है.
संयुक्त राष्ट्र भारत सरकार की उस मुहिम को भी समर्थन दे रहा है जिसके तहत कोविड-19 संक्रमितों को कथित रूप कलंकित किये जाने के ख़िलाफ़ जागरूकता फैलाने के प्रयास किये जा रहे हैं.