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कोविड-19: यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की सलाह पर ओलंपिक खेल स्थगित

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को यूएन महासभा में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है.
UN Photo/Evan Schneider
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को यूएन महासभा में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है.

कोविड-19: यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की सलाह पर ओलंपिक खेल स्थगित

स्वास्थ्य

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने वर्ष 2020 में जापान की राजधानी टोकियो में होने वाले ओलंपिक खेलों को स्थगित करने की घोषणा की है. विश्व के कई देशों में तेज़ी से फैलती विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से चिंतित संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी, विश्व स्वास्थ्य संगठन, द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मद्देनज़र यह निर्णय लिया गया है. वर्ष 1944 के बाद यह पहला मौक़ा है जब ओलंपिक खेलों को स्थगित किया गया है.

संयुक्त राष्ट्र के साझीदार संगठन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) और टोकियो 2020 आयोजन समिति द्वारा जारी एक संयुक्त बयान के ज़रिए ओलंपिक खेलों को स्थगित करने के निर्णय की घोषणा की गई है.  

मंगलवार को जारी इस बयान में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉक्टर टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस के उस वक्तव्य का हवाला दिया गया है जिसमें उन्होंने चेतावनी जारी की थी कि वायरस के फैलने की रफ़्तार तेज़ हो रही है.

विश्व भर में कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या महज़ चार दिन में दो लाख से बढ़कर तीन लाख हो गई है.  

आईओसी के अध्यक्ष थोमास बाख और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कोविड-19 महामारी से लोगों के जीवन और खिलाड़ियों की तैयारियों पर पड़ रहे भारी असर पर गहरी चिंता जताई.

ओलंपिक खेलों के समय पर आयोजित हो पाने की संभावनाएं हाल के दिनों में क्षीण हो गई थीं.

कैनेडा और ऑस्ट्रेलिया ने टोकियो ओलंपिक्स में अपने एथलीटों को ना भेजने की घोषणा की थी और अन्य देशों ने भी कोविड-19 के फैलाव को देखते हुए खेलों को स्थगित किए जाने की सीधे तौर पर अपील की थी. 

मंगलवार को हुई घोषणा के मुताबिक ओलंपिक खेलों को वर्ष 2020 के बाद किसी अवधि में 2021 की गर्मियों से पहले कराए जाने की घोषणा की गई है.

इस कार्यक्रम में बदलाव करने का उद्देश्य आयोजन से जुड़े सभी लोगों व अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सुरक्षा व स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना है.

ओलंपिक खेल अब वर्ष 2021 में कराए जाने की तैयारी है लेकिन आधिकारिक रूप से उसके नाम ‘Olympic and Paralympic Games Tokyo 2020’ में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. इस दौरान ओलंपिक मशाल जापान में ही प्रज्वलित रहेगी.

इस आयोजन को स्थगित करने का फ़ैसला लिए जाने से वर्ष 1944 के बाद यह पहली बार होगा जब ओलंपिक खेल तय समय पर नहीं हो पाएंगे.

इससे पहले प्रथम विश्व युद्ध के कारण वर्ष 1916 में इन खेलों को रद्द कर दिया गया था और फिर द्वितीय विश्व युद्ध के कारण वर्ष 1940 और 1944 में भी ओलंपिक खेलों का आयोजन नहीं हुआ था. 

वैश्विक संकट की वजह से दूसरी बार जापान की मेज़बानी में होने वाले ओलंपिक हुए प्रभावित हुए हैं. वर्ष 1940 में भी टोकियो में प्रस्तावित खेलों को रद्द किया गया था. 

यूएन और ओलंपिक खेल

संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने में खेल-कूद की महत्वपूर्ण भूमिका है और खेल-कूद को टिकाऊ विकास के 2030 एजेंडा में भी शामिल किया गया है.

शांति व विकास में खेलों के योगदान को दृढृता प्रदान करते हुए संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने कई वर्षों तक एक दूसरे के साथ काम किया है. 

आईओसी को वर्ष 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में स्थाई पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया था जिससे समिति प्रासंगिक यूएन एजेंडा को आकार देने में यूएन महासभा की बैठकों में सीधे तौर पर शामिल है.

इससे खेलों को वैश्विक स्तर पर एक नए सिरे से प्रोत्साहन देने की संभावनाओं को मज़बूती मिली है.