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लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि का इस्तीफ़ा

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि ग़स्सान सलामे.
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लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि ग़स्सान सलामे.

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि का इस्तीफ़ा

शान्ति और सुरक्षा

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि ग़स्सान सलामे ने दो वर्ष से ज़्यादा के अपने कार्यकाल के बाद सोमवार को अपने पद से इस्तीफ़ा देने की घोषणा की. लंबे समय से अस्थिरता व हिंसा से जूझ रहे लीबिया में शांति स्थापित करने के प्रयासों में जुटे यूएन मिशन (UNSMIL) प्रमुख ने अपने त्यागपत्र की वजह काम का भारी दबाव होना बताया है.

ग़स्सान सलामे ने अपने ट्वीट में कहा है कि उनका प्रयास सभी लीबियाई नागरिकों को एक साथ जोड़ने, बाहरी तत्वों के हस्तक्षेप पर रोक लगाने और देश की एकता को बरक़रार रखने का था.

उन्होंने बताया कि सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2510 पास होने के बाद हुई बर्लिन शिखर वार्ता में राष्ट्रव्यापी युद्धविराम पर बल दिया गया था, हथियारों की ख़रीद-फ़रोख़्त पर भी पाबंदी लगाई गई थी और संयुक्त राष्ट्र समर्थित सरकार व विपक्ष का समर्थन प्राप्त विद्रोही लड़ाकों को एक साथ शांति वार्ता का हिस्सा बनाने का रास्ता सुझाया गया था.

संयुक्त राष्ट्र के दूत ग़स्सान सलामे लीबिया में  दोनों युद्धरत पक्षों के प्रतिनिधियों को पिछले सप्ताह ही जिनीवा में शांतिवार्ता के लिए एक साथ लाए थे. लेकिन बाद में वार्ता फिर टूट गई और युद्धविराम पर सहमति का भी बड़ा उल्लंघन हुआ.

ग़स्सान सलामे नेअपने ट्वीट संदेश में कहा, “मेरा स्वास्थ्य इस तरह का तनाव लेने की अब और इजाज़त नहीं देता. इसलिए मैंने महासचिव से इस मिशन से मुक्त किए जाने का अनुरोध किया है. लीबिया के लिए शांति व स्थिरता की कामनाएं.”

यूएन प्रमुख के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने लीबिया में मिशन प्रमुख द्वारा की गई इस घोषणा के बाद पत्रकारों को बताया कि महासचिव एंतोनियो गुटेरेश को हमेशा से ग़स्सान सलामे के कार्य और लीबिया में शांति के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयासों पर पूरा भरोसा रहा है.

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में यूएन प्रवक्ता ने कहा कि यूएन प्रमुख ग़स्सान सलामे के साथ जल्द ही विचार-विमर्श करेंगे ताकि लीबिया में शांति स्थापना में अब तक हुई प्रगति को खोया ना जाए.

वर्ष 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति मुआम्मर ग़द्दाफ़ी के पतन के बाद से ही प्रचुर तेल भंडारों के बावजूद लीबिया अस्थिरता और आर्थिक बदहाली से जूझता रहा है.

अप्रैल 2019 में पूर्वी हिस्से में स्वयंभू लीबियन नेशनल आर्मी के नेता ख़लीफ़ा हफ़्तार के वफ़ादार लड़ाकों और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सरकार के सुरक्षा बलों में लड़ाई फिर शुरू होने के बाद से अब तक हज़ारों लोगों की मौत हो चुकी है.

महासचिव गुटेरेश की ओर से 1 मार्च को जारी एक बयान में राजधानी त्रिपोली के कई हिस्सों में अंधाधुंध बमबारी की कड़े शब्दों में निंदा की गई थी.

इन हमलों में कई रिहायशी इलाक़ों और एयरपोर्ट को निशाना बनाया गया जो शहर के केंद्र से क़रीब 15 मील दूर स्थित है.

“महासचिव ने ज़ोर देकर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानूनों के तहत आम नागरिकों का हर हाल में ख़याल रखा जाना होगा.”

साथ ही इस वक्तव्य में लड़ाई पर तुरंत विराम लगाने और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2510 को पूर्ण रूप से लागू किए जाने की अपील की गई थी.