वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

'पोलियो उन्मूलन यूएन की प्राथमिकता'

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कराची शहर की गादब बस्ती में 13 दिन के एक बच्चे को पोलियो की वैक्सीन पिलाते हुए. पाकिस्तान में पोलियो अभी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है
UNICEF/Asad Zaidi
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कराची शहर की गादब बस्ती में 13 दिन के एक बच्चे को पोलियो की वैक्सीन पिलाते हुए. पाकिस्तान में पोलियो अभी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है

'पोलियो उन्मूलन यूएन की प्राथमिकता'

स्वास्थ्य

इंसानों को विकलांग बनाने वाली और संभवतः घातक बीमारी से बचाने के लिए पाकिस्तान में लाखों बच्चों को वैक्सीन पिलाने का अभियान ज़ोर-शोर से चलाया गया है. विश्व भर में पोलियो के प्रकोप के कुछ आख़िरी ठिकानों में पाकिस्तान भी शामिल है.

यूएन महासचिव के रूप में अपनी पहली पाकिस्तान यात्रा के दौरान एंतोनियो गुटेरेश ने मंगलवार को पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में एक किंडरगार्टन स्कूल में भी नौनिहालों के साथ कुछ समय बिताया. इसी मौक़े पर बच्चों को पोलियो से बचाने वाली वैक्सीन पिलाने का राष्ट्रव्यापी अभियान भी शुरू किया गया है.

Tweet URL

ये तो सर्वविदित है कि पोलियो का कोई इलाज नहीं है, मगर इससे बचने की दवाई अगर बच्चों की शुरुआती उम्र में ही दे दी जाए तो उन्हें जीवन भर पोलियो होने से बचाया जा सकता है.

पाकिस्तान में इस अभियान के तहत फ़रवरी में लगभग तीन करोड़ 90 लाख बच्चों को पोलियो से बचाने की वैक्सीन पिलाने का लक्ष्य रखा गया है.  

महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने पाकिस्तान यात्रा के दौरान कहा, “पोलियो एक ऐसी बीमारी है जिसे हम अगले कुछ वर्षों के दौरान दुनिया के पटल से ख़त्म कर सकते हैं.

संयुक्त राष्ट्र की ये एक प्राथमिकता है, और मैं ये देखकर भी अति प्रसन्न हूँ कि पाकिस्तान सरकार के लिए भी ये एक स्पष्ट प्राथमिकता है.”

उन्होंने कहा, “मैं धार्मिक व सामुदायिक नेताओं सहित सभी से आअपील करता हूँ कि पाकिस्तन व दुनिया भर में तमाम देशों की सरकारों को समर्थन दें ताकि हम पोलिया का पूरी तरह उन्मूलन कर सकें.”

ग़लतफ़हमियाँ व अविश्वास

विस्व स्वास्थ्य संगठन के आँकड़ों के अनुसार दुनिया भर में अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान ही ऐसे देश बचे हैं जहाँ जंगली पोलियो वायरस के संक्रमण के मामले हो रहे हैं.

पाकिस्तान में वर्ष 2019 के दौरान पोलियो के मामलों में वृद्धि देखी गई और कुल 144 मामले दर्ज किए गए. ये संख्या 2018 की तुलना में 12 ज़्यादा थी. वर्ष 2020 के पहले लगभग डेढ़ महीने के दौरान ही पोलियो के 17 मामले दर्ज हो चुके हैं.

पाकिस्तान में 12 से 23 महीनों की उम्र के लगभग एक तिहाई बच्चों को पोलियो से बचाने की वैक्सीन नहीं पिलाई जाती है.

इसके कारणों में या तो उनका दुर्गम इलाक़ों में रहना या फिर वैक्सीन के बारे में लोगों में व्याप्त ग़लतफ़हमियाँ होना शामिल है. बहुत से लोग इस वैक्सीन के प्रभाव की महत्ता को गंभीरता से नहीं पहचानते हैं.

पोलियो से बचाने की दवा पिलाने वाली एक मशहूर स्वास्थ्यकर्मी फ़रज़ाना शकील पर अक्सर लोग पत्थर मारते हैं, उन पर चिल्लाते हैं, यहाँ तक कि कराची में जब वो पोलियो वैक्सीन पिलाने के लिए निकलती हैं तो उन्हें धमकियाँ भी दी जाती हैं.

फ़रज़ाना शकील का कहना था, “मेरे समुदाय में बहुत से लोग आज तक भी ये सोचते हैं कि पोलियो वैक्सीन एक ऐसी साज़िश है जिसका मक़सद परिवारों को बच्चे पैदा करने से रोकना है, या फिर किसी ना किसी तरह उन्हें नुक़सान पहुँचाना है.”

जीवन बचाने के लिए दर-दर 

यूएन प्रमुख ने लाहौर के एक किंडरगार्टन स्कूल में तीन बच्चों को पोलियो वैक्सीन भी पिलाई. उन्होंने पाकिस्तान के पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के कुछ कार्यकर्ताओं से भी मुलाक़ात की.

पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त की राजधानी लाहौर के भट्टी गेट इलाक़े में एक स्वास्थ्यकर्मी 4 वर्ष की एक बच्ची को पोलियो से बचने की दवा पिलाते हुए.
UNICEF/Asad Zaidi
पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त की राजधानी लाहौर के भट्टी गेट इलाक़े में एक स्वास्थ्यकर्मी 4 वर्ष की एक बच्ची को पोलियो से बचने की दवा पिलाते हुए.

इस अभियान में देश भर में दो लाख 65 हज़ार कर्मचारी सक्रिय हैं जो घर-घर के दरवाज़े पर जाकर बच्चों को पोलियो वैक्सीन पिलाते हैं. इस अभियान का मक़सद ज़्यादा से ज़्यादा बच्चों को पोलियो वैक्सीन पिलाकर इस बीमारी को होने से रोकना है.

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ हर साल दुनिया भर में पोलियो वैक्सीन की लगभग एक अरब ख़ुराकों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है.

यूनीसेफ़ पाकिस्तान में भी पोलियो उन्मूलन अभियान को सहायता दे रहा है जिसमें पोलियो वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों में इस वैक्सीन के लिए भरोसा बढ़ाने और ग़लतफ़हमियाँ दूर करने में साझेदारियाँ बढ़ाना भी शामिल है.

पोलियो उन्मूलन अभियान में शिरकत करने वाले कर्मचारियों में 60 प्रतिशत से ज़्यादा महिलाएँ हैं और माता-पिता, देखभाल करने वालों और समुदायों का समर्थन जुटाने में इन कर्मचारियों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है.

पाकिस्तान में देश भर में रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और अन्य परिवहन ठिकानों पर भी पोलियो वैक्सीन पिलाने के केंद्र बनाए गए हैं.

इनके ज़रिए ऐसे बच्चों को पोलियो वैक्सीन पिलाई जा रही है जो किसी तरह की यात्रा कर रहे हैं. इस तरह के केंद्रों के ज़रिए 2018 में लगभग 17 लाख बच्चों को पोलियो वैक्सीन पिलाई गई थी.

अफ़ग़ानिस्तान व पाकिस्तान के बीच आबादी की बड़े पैमाने पर आवाजाही को देखते हुए अफ़ग़ानिस्तान में भी पोलियो वैक्सीन पिलाने व अन्य उपायों के बीच तालमेल बढ़ाने के भी इंतज़ाम किए गए हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के पाकिस्तान में प्रतिनिधि डॉक्टर पालिथा मलिपाला का कहना है कि पोलियो उन्मूलन अभियानों को और ज़्यादा प्रभावशाली वे बेहतर बनाने और पोलियो संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए रणनीति की समीक्षा की जा रही है.

प्रतिनिधि ने कहा कि इस समीक्षा में ये परिप्रेक्ष्य भी शामिल है कि पोलियो उन्मूलन के लिए सम्पूर्ण राजनैतिक सैक्टर में उच्च स्तर का संकल्प होना ज़रूरी है. इसमे ये सुनिश्चित करना भी शामिल है कि स्वास्थ्यकर्मियों को निशाना ना बनाया जाए.

डॉक्टर पालिथा मलिपाला का कहना था, “हम पाकिस्तान सरकार को समर्थन व सहायता देना जारी रखेंगे, जिसने देश में पिछले वर्ष की चुनौतियों पर पार पाने और भविष्य की पीढ़ियों को पोलियो मुक्त दुनिया सुनिश्चित करने के लिए प्रभावशाली उपायों के साथ ये अभियान शुरू किया है.”