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कोविड-19: पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में फिर शुरू हुआ पोलियो टीकाकरण अभियान

अफ़ग़ानिस्तान में एक पिता की गोद में बच्चे को पोलियो वैक्सीन की खुराक दी जा रही है.
© UNICEF
अफ़ग़ानिस्तान में एक पिता की गोद में बच्चे को पोलियो वैक्सीन की खुराक दी जा रही है.

कोविड-19: पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में फिर शुरू हुआ पोलियो टीकाकरण अभियान

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने कहा है कि विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से टीकाकरण अभियानों में आए व्यवधान के बाद पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में पोलियो उन्मूलन अभियान फिर शुरू हो गए हैं. महामारी के कारण पोलियो टीकाकरण कार्यक्रमों की रफ़्तार थमने से लगभग पाँच करोड़ बच्चे पोलियो वैक्सीन की ख़ुराक से दूर थे और दोनों देशों में पोलियो के नए मामले सामने आए थे. 

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने हाल ही में जीवनरक्षक वैक्सीन पाने वाले बच्चों की संख्या में विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 की वजह से चिन्ताजनक गिरावट दर्ज किये जाने की चेतावनी जारी की थी. 

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विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने आशंका जताई थी कि अब तक कड़ी मेहनत से हासिल हुई प्रगति पर सुरक्षा चक्र टूटने से संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

मंगलवार को यूनीसेफ़ ने कहा कि पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में पोलियो टीकाकरण अभियान फिर से शुरू हो गया है – दोनों दुनिया के उन चन्द देशों में बचे हैं जहाँ पोलियो बीमारी पर अभी पूरी तरह क़ाबू नहीं पाया जा सका है.  

दक्षिण एशिया में यूएन एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय की निदेशक जीन गॉफ़ ने बताया, “अगर बच्चों को एक और स्वास्थ्य आपात स्थिति से बचाना है तो ये जीवनरक्षक वैक्सीन बेहद अहम हैं.”

“जैसेकि दुनिया अब अच्छी तरह देख चुकी है, वायरस सीमाओं को नहीं जानते और पोलियो से तब तक कोई भी बच्चा सुरक्षित नहीं है जब तक हर बच्चा सुरक्षित ना हो.”

पोलियो उन्मूलन

अफ़ग़ानिस्तान के तीन प्रान्तों में पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम जुलाई महीने में फिर से शुरू हो गए थे जबकि देश के आधे हिस्से तक पहुँचने वाला अभियान अगस्त में शुरू होगा. 

उधर पाकिस्तान में टीकाकरण का शुरुआती दौर जुलाई महीने के अन्त में शुरू हुआ जिसमें क़रीब सात लाख 80 हज़ार बच्चों को खुराक पिलाई गई. अगस्त महीने में इसका दायरा बढ़ाकर राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू करने की योजना है. 

पोलियो एक बेहद संक्रामक और अशक्त बना देने वाली बीमारी है जो कभी-कभी जीवन के लिये घातक भी साबित हो सकती है. 

पाँच साल से कम उम्र के बच्चों को इससे ज़्यादा ख़तरा होता है लेकिन वैक्सीन के ज़रिये इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है.

ग़ौरतलब है कि मार्च 2020 में कोविड-19 संक्रमण का ख़तरा बढ़ने पर पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में पोलियो सहित अन्य टीकाकरण अभियान रोक दिये गए थे. 

ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र उठाए गए इस क़दम का उद्देश्य बच्चों, उनकी देखभाल करने वालों और वैक्सीन की ख़ुराक देने वालों के संक्रमित होने के जोखिम को कम करना था. 

नए मामले

लेकिन अफ़ग़ानिस्तान में वैक्सीन अभियान थमने के बाद पोलियो के मामलों की संख्या 34 और पाकिस्तान में 63 पर पहुँच गई. उन क्षेत्रों में भी संक्रमण के नए मामलों का पता चला जिन्हें पहले पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया था. 

उम्मीद जताई गई है कि टीकाकरण के लिये नए दिशा-निर्देशों और अग्रिम मोर्चे पर जुटे स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा बचाव पोशाक व उपकरणों के इस्तेमाल से वैक्सीन अभियान को सुरक्षित तरीक़े से चलाने में मदद मिलेगी. 

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दोनों देशों में हर ज़रूरतमन्द बच्चे तक पहुँचने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन यूनीसेफ़ ने चिन्ता जताई है कि अफ़ग़ानिस्तान में लगभग दस लाख बच्चे पोलियो की ख़ुराक से वंचित रह सकते हैं. 

घर-घर जाकर वैक्सीन की ख़ुराक पिलाना कुछ इलाक़ों में सम्भव नहीं है और अभिभावकों को अपने बच्चों को टीकाकरण के लिये स्वास्थ्य केंद्रों तक लाना होगा.   

यूनीसेफ़ की क्षेत्रीय निदेशक ने कहा, “वैसे तो हमने नई चुनौतियों का अनुभव किया है और कोविड-19 के कारण पोलियो के ख़िलाफ़ लड़ाई में झटका लगा है, लेकिन इस संक्रामक बीमारी के उन्मूलन के प्रयास फिर से रास्ते पर आएँगे और यह लक्ष्य हमारी पहुँच में है.” 

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की सरकारों, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी, रोटरी, गेट्स फ़ाउण्डेशन सहित अन्य साझीदार संगठनों और समर्पित स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मिलकर हर बच्चे के लिये वैक्सीन की खुराक सुनिश्चित की जाएगी.