यूक्रेन विमान की दुर्घटना जाँच में यूएन के विशेषज्ञ भी करेंगे मदद

नागरिक विमानन क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की निगरानी संस्था - (ICAO) के विशेषज्ञ भी ईरान की राजधानी तेहरान में 8 जनवरी को यूक्रेन के एक यात्री विमान की दुर्घटना की जाँच में मदद करेंगे. ईरान सरकार की तरफ़ से इसके लिए अनुरोध प्राप्त हुआ था जिसे संयुक्त राष्ट्र संस्था ने मंगलवार को स्वीकार कर लिया है.
अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO) ने एक वक्तव्य जारी करके कहा है कि इस काम के लिए वरिष्ठ और विशेषज्ञ ताकनीकी कर्मचारी नियुक्त कर दिए गए हैं जो सलाहकार और पर्यवेक्षक के रूप में अपनी सेवाएँ देंगे.
ईरान द्वारा की जाई जाँच का कुछ विवरण जारी किया गया है लेकिन ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने टेलीविज़न पर अपने संबोधन में कहा था कि जाँच का काम अनेक विशेषज्ञ पूरा करेंगे. साथ ही न्यायपालिका इस मामले में एक विशेष अदालत भी स्थापित करेगी.
ख़बरों के अनुसार ईरान की न्यायपालिका के प्रवक्ता ने मंगलवार को एक पत्रकार वार्ता में कहा था कि जाँच में दुर्घटना के कारणों और उसके तत्काल असर के पहलुओं की जाँच गी जाएगी.
ईरान ने ये स्वीकार किया है कि यूक्रेन अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन्स की उड़ान संख्या PS752 वाला विमान पर देश के सशस्त्र बलों ने ही हमला किया था.
ईरान सरकार ने इस हादसे को दुर्घटना क़रार दिया है और मंगलवार को घोषणा की थी कि इस मामले में अनेक लोगों को हिरासत में लिया गया है.
ध्यान रहे कि उस विमान पर सवार सभी 176 यात्रियों की मौत हो गई थी.
ईरान ने इराक़ में तैनात अमेरिकी सेनाओं के कुछ ठिकानों पर बैलिस्टिक मिसाइल दागे थे जिसके कुछ ही घंटों बाद राजधानी तेहरान में यूक्रेन एयरलाइन्स को निशाना बनाने वाली ये घटना भी हुई थी.
ईरान ने कहा था कि उसने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर बैलिस्टिक मिसाइल उस घटना के जवाब में दागे थे जिसमें अमरीका ने ड्रोन हमले में ईरान के एक सैन्य कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी को मार दिया था.
शुरू में ईरान ने यूक्रेन के विमान की दुर्घटना में अपना कोई हाथ होने से इनकार किया था और इस दुर्घटना के लिए तकनीकी कारणों को ज़िम्मेदार बताया गया था.
लेकिन ईरान ने बाद में स्वीकार किया था कि मिसाइल रक्षा प्रणाली के एक ऑपरेटर ने यूक्रेन के उस विमान को ग़लती से मिसाइल समझ लिया था और उसे निशाना बना लिया जिससे वो दुर्घटना हुई.
अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषज्ञ एजेंसी है जो 1944 में वजूद में आई थी. इसकी ज़िम्मेदारियों में विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के उपाय करना शामिल है.
ये संस्था ही नागरिक विमानन यानी एविएशन क्षेत्र में सुरक्षा, मुस्तैदी, कुशलता, क्षमता और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने के मानक व नियम निर्धारित करती है. इसके अलावा इस क्षेत्र से जुड़े अन्य मुद्दे भी इस संस्था की प्रथामिकताएँ हैं.
ये संगठन ही नागरिक विमानन क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य देशों के बीच सहयोग बनाए रखने के लिए एक मंच के रूप में काम करता है.