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ईरान: परमाणु निरीक्षण जारी रखने के लिये अस्थाई सहमति

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी, तेहरान में अस्थाई सहमति बनने के बाद, वापसी पर वियेना अन्तरराष्ट्रीय हवाई पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए. 21 फ़रवरी 2021
IAEA/Dean Calma
अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी, तेहरान में अस्थाई सहमति बनने के बाद, वापसी पर वियेना अन्तरराष्ट्रीय हवाई पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए. 21 फ़रवरी 2021

ईरान: परमाणु निरीक्षण जारी रखने के लिये अस्थाई सहमति

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जी एजेंसी (IAEA) ने ईरान के साथ एक अस्थाई समझौता किया है जिसके तहत, उसके परमाणु कार्यक्रम का निरीक्षण जारी रखा जा सके. एजेंसी के महानिदेशक रफ़ाएल मारियानो ग्रॉस्सी ने रविवार को वियेना में, एक प्रेस सम्मेलन में ये घोषणा की.

एजेंसी प्रमुख ने सप्ताहान्त पर ईरान की राजधानी तेहरान का दौरा करने के बाद ये घोषणा की.

ईरान ने उससे पहले एजेंसी के निरीक्षकों के साथ सहयोग स्थगित करने की घोषणा की थी और इसी सम्बन्ध में ईरान के साथ, ये अस्थाई समझौता किया है.

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ईरान की संसद ने दिसम्बर 2020 में एक क़ानून पारित किया था जिसमें प्रावधान था कि अगर अमेरिका ने, पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की सरकार द्वारा लगाए प्रतिबन्ध नहीं हटाए तो, परमाणु निरीक्षण आंशिक रूप से स्थगित कर दिया जाएगा.

ईरान सरकार का ये निर्णय मंगलवार, 23 फ़रवरी से लागू होना प्रस्तावित था.

यूएन एजेंसी प्रमुख ने पत्रकारों को बताया कि दोनों पक्षों के बीच एक आपसी अस्थाई सहमति बनी है जिसके तहत एजेंसी तीन महीने तक, अपनी निरीक्षण गतिविधियाँ और आवश्यक जाँच-पड़ताल जारी रखेगी.

निरीक्षकों की सीमित पहुँच

इस समझौते के तहत व्यवस्था की गई है कि यूएन एजेंसी के निरीक्षकों को वर्ष 2015 के तहत, अब ईरान के परमाणु कार्यक्रम तक सीमित पहुँच होगी. ईरान परमाणु समझौते को संयुक्त व्यापक कार्रवाई योजना भी कहा जाता है.

एजेंसी के निरीक्षकों की संख्या में कोई बदलाव नहीं होगा.

एजेंसी प्रमुख ने कहा, “हमारे बीच ये भी सहमति हुई है कि इस सहमति की लगातार समीक्षा की जाती रहेगी ताकि... अगर हम इसे स्थगित करना चाहें या आगे बढ़ाना चाहें, तो ऐसा किया जा सके.”

उन्होंने कहा कि एजेंसी की उम्मीद, एक ऐसी स्थिति को स्थिर बनाने की रही है जो बहुत अस्थिर थी.

उन्होंने कहा कि इस तकनीकी समझदारी से ऐसा हो सका है ताकि अन्य स्तरों पर, अन्य राजनैतिक वार्ताएँ जारी रह सकें, और, सर्वाधिक महत्वपूर्ण ये कि ऐसी स्थिति उत्पन्न होने से टाला जा सके, जिसमें हम, अन्धी उड़ान भर रहे होते.