हरित भविष्य के लिए कायापलट कर देने वाले बदलाव लाने होंगे
ऐसे में जबकि विश्व में गहराते जलवायु संकट से करोड़ों लोगों का रोज़गार प्रभावित हो रहा है, तो भविष्य में लोगों की आजीविका के साधनों को सुरक्षित रख पाना इस तरह के कायापलट कर देने वाले बदलावों पर निर्भर करेगा कि हम किस तरह पृथ्वी पर ऊर्जा कैसे हासिल करते हैं और अपने संसाधनों का प्रबंधन किस तरह करते हैं.
स्पेन के मैड्रिड शहर में वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप-25) के दौरान हरित नौकरियों पर केंद्रित एक आयोजन में यूएन प्रमुख ने कहा कि हम जलवायु परिवर्तन की दौड़ में अब भी हार रहे हैं, लेकिन “हम दूसरा रास्ता चुन सकते हैं, जलवायु कार्रवाई का रास्ता और पृथ्वी व लोगों के कल्याण का रास्ता.”
The enormous opportunities linked to #ClimateAction are overlooked too often. Economic growth and tackling the climate crisis go hand in hand. The green economy is the economy of the future and we need to make way for it right now. https://t.co/tOMFS5A5dg #COP25 pic.twitter.com/omJor9ebDQ
antonioguterres
उन्होंने बताया कि जलवायु संकट का जवाब बिजली उत्पादन, शहरों के निर्माण और भूमि प्रबंधन के तरीक़ों की कायापलट करने में छुपा है. लेकिन इसके लिए ज़रूरी कार्रवाई से लोगों की ज़िंदगियों को भी बेहतर बनाना होगा.
वर्ष 2015 में पेरिस समझौते पर हुई सहमति में जलवायु परिवर्तन से प्रभावित लोगों के लिए न्यायसंगत बदलाव सुनिश्चित करने की बात कही गई है.
जलवायु संकट से बड़ी संख्या में लोगों के रोज़गार और आजीविका के साधनों पर असर पड़ेगा और इसलिए उनकी ज़रूरतों का ख़याल रखा जाना अहम होगा.
महासचिव ने कहा, “हम जलवायु संकट का सामना करने से और ज़्यादा आँखें नहीं चुरा सकते.”
उन्होंने सरकारों से संकल्प लेने, व्यवसायों से नेतृत्व करने, और हर जगह लोगों से ऐसे बदलाव अपनाने की पुकार लगाई जिनके ज़रिए वर्ष 2050 तक नैट कार्बन उत्सर्जन को शून्य किया जा सके.
नई जलवायु अर्थव्यवस्था
महासचिव गुटेरेश ने ध्यान दिलाया कि जलवायु कार्रवाई ज़बरदस्त अवसर प्रदान करती है. उनके मुताबिक़ कम कार्बन उत्सर्जन पर आधारित अर्थव्यवस्था 26 ट्रिलियन डॉलर की आर्थिक वृद्धि का अवसर है जिससे वर्ष 2030 तक छह करोड़ 50 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी.
सौर, पवन और जियोथर्मल ऊर्जा में धन व संसाधन निवेश करने से कई अर्थव्यवस्थाओं में तेज़ी देखी गई है जिससे रोज़गार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं.
उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि कम कार्बन उत्सर्जन वाले भविष्य को निष्पक्ष और समावेशी बनाना होगा.
रोज़गार के लिए जलवायु कार्रवाई
यूएन महासचिव ने रोज़गार के अवसरों के लिए जलवायु कार्रवाई (Climate Action for Jobs) की पहल की घोषणा अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गाय रायडर के साथ मिलकर की थी.
इसके तहत रोज़गार के अवसर और आजीविका के साधनों को राष्ट्रीय जलवायु कार्रवाई योजनाओं के केंद्र में रखा जाएगा.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि आर्थिक वृद्धि और जलवायु परिवर्तन से मुक़ाबला – दोनों उद्देश्यों पर एक साथ काम किया जा सकता है. वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को रोक पाने में विफलता आर्थिक तबाही का कारण बन सकती है.
महानिदेशक रायडर ने बताया कि कामकाजी दुनिया को हरित बनाना हमारे समय की निर्धारक और निर्णायक चुनौती है, “जलवायु परिवर्तन के ख़िलाफ़ लड़ाई को किसी भी तरह सामाजिक न्याय की लड़ाई से अलग नहीं किया जा सकता.”
सभी के लिए स्वच्छ और हरित भविष्य
वर्ष 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में 2010 के स्तर की तुलना में 45 फ़ीसदी की कटौती लाने, 2050 तक नैट कार्बन उत्सर्जन शून्य करने और वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को इस सदी के अंत तक 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिए पेरिस समझौते को भविष्य के रास्ते पर देखा जा सकता है.
यूएन महासचिव ने स्पष्ट किया कि अगर जलवायु लक्ष्य पूरे नहीं किए गए तो फिर सबसे अमीर लोग ही दुनिया में बच पाएंगे.
उन्होंने दोहराया कि विकासशील देशों को जलवायु सहनशील बनाने और अनुकूलन परियोजनाओं के लिए हर साल कम से कम 100 अरब डॉलर की ज़रूरत होगी जिसे पूरा करने में अमीर देशों को अपने संकल्प पूरे करके दिखाने होंगे.