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महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मैट्रो की यैलो लाईन हुई नारंगी

दिल्ली में महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा को रोकने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अभियान के तहत यूएन वीमैन संगठन ने मैट्रो ट्रेन अभियान शुरू किया है. (नवंबर 2019)
UN Women/Arachika Kapoor
दिल्ली में महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा को रोकने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अभियान के तहत यूएन वीमैन संगठन ने मैट्रो ट्रेन अभियान शुरू किया है. (नवंबर 2019)

महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मैट्रो की यैलो लाईन हुई नारंगी

महिलाएँ

संयुक्त राष्ट्र की महिला सशक्तिकरण संस्था – यूएन वीमेन, भारत सरकार के गृह मंत्रालय और मीडिया साझीदारों ने मिलकर शुक्रवार को भारत की राजधानी दिल्ली के सुल्तानपुर मैट्रो स्टेशन पर एक मैट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ‘महिलाओं के ख़िलाफ हिंसा रोकने के लिए एकजुट’ होने के अभियान के तहत इस मैट्रो को नारंगी रंग के पोस्टरों से सजाया गया है.

16 दिनों की सक्रियता 'ऑरेंज द वर्ल्ड' नामक ये अभियान, महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के उन्मूलन के अंतर्राष्ट्रीय दिवस से शुरू होने वाले वैश्विक अभियान का हिस्सा है. ये दिवस 25 नवंबर को मनाया जाता है.

भारत में संयुक्त राष्ट्र की रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर, रेनाटा डेज़ालिएन ने हिंसा से जीवित बची महिलाओं की आवश्यक सेवाओं तक पहुँच को आसान बनाने में सरकार की भूमिका की सराहना की.

महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा को रोकने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अभियान के तहत यूएन वीमैन की पदाधिकारियों व अन्य महिला कार्यकर्ताओं ने मैट्रो ट्रेन में यात्रा भी की. (नवंबर 2019)
UN Women/Arachika Kapoor
महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा को रोकने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अभियान के तहत यूएन वीमैन की पदाधिकारियों व अन्य महिला कार्यकर्ताओं ने मैट्रो ट्रेन में यात्रा भी की. (नवंबर 2019)

"मैं भारत सरकार, विशेष रूप से गृह मंत्रालय और महिला और बाल विकास मंत्रालय को बधाई देना चाहूंगी, जिन्होंने निर्भया फ़ंड का उपयोग सभी ज़िलों में महिला सहायता डेस्क और एंटी-ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग यूनिट स्थापित करने के लिए किया.”

रेनाटा डेज़ालिएन ने कहा कि यह महत्वपूर्ण क़दम, महिलाओं और लड़कियों के लिए न्याय की राह बनाने में मदद करेगा. 

मैट्रो ट्रेन मैसेजिंग, लिंग आधारित हिंसा समाप्त करने और गृह मंत्रालय द्वारा शुरू की गई 112 इमरजेंसी हेल्पलाइन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई है.  

इस अवसर पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय में महिला सुरक्षा प्रभाग की प्रभारी संयुक्त सचिव पुण्या सलीलिया श्रीवास्तव ने कहा, “हम “द ऑरेंज द वर्ल्ड अभियान का हिस्सा बनकर बहुत ख़ुश हैं."

"सभी स्थानों पर महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता के तहत गृह मंत्रालय में महिला सुरक्षा विभाग की स्थापना 2018 में हुई है."

"आपात सहायता नंबर 112 के लांच के साथ – ‘एक भारत, एक एमरजेंसी नंबर’ और मैट्रो पर महिलाओं की सुरक्षा पर संदेश – इन प्रयासों से जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने और बदलाव लाने में मदद मिलेगी.”

समावेशी व सुरक्षित स्थान

भारत में यूएऩ वीमेन की उप-प्रतिनिधि निष्ठा सत्यम ने इस मौक़े पर सभा को संबोधित करते हुए कहा, “महिलाओं के लिए समावेशी और सुरक्षित स्थानों को बढ़ावा देने के लिए 16 दिन के सक्रियता अभियान के  लिए यूएन वीमेन को गृह मंत्रालय और रेडियो नशा के साथ साझेदारी पर गर्व है."

"इसमें लिंग मानदंडों को चुनौतियां, रूढ़िवादिता, व्यवहार और ऐसे दृष्टिकोण शामिल होंगे, जो सामान्यत: महिलाओं की पूर्ण और समान भागीदारी को सीमित करते हैं."

"इस अभियान के तहत हम उन महिलाओं और पुरुषों की रोज़मर्रा की कहानियां सुनना चाहेंगे, जिन्होंने पितृसत्ता को चुनौती दी है. वो हमारे असल जीवन के हीरो हैं और इस अभियान के माध्यम से हम इन कहानियों से प्रेरणा लेंगे और ख़ुद को ये याद दिलाते रहेंगे कि अभी भी बहुत कुछ करने की ज़रूरत है.”

16 दिनों की सक्रियता के दौरान रेडियो नशा यूएनवुमेन के साथ मिलकर ‘कौन सी बड़ी बात है’ (#KaunsiBadiBaatHai) शीर्षक से एक कार्यक्रम चलाएगा, जो महिलाओं के अधिकारों को लेकर सकारात्मक संदेश देगा.

रेडियो एंड एंटरटेनमेंट, एचटी मीडिया लिमिटेड और नेक्स्ट मीडियावर्क्स लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हर्षद जैन ने कहा, “हमें अपने अभियान - #कौनसीबड़ीबातहै - के लिए यूएन वीमेन के साथ जुड़ने पर बेहद गर्व है."

"यूएन वीमेन वैश्विक स्तर पर लैंगिक समानता की वकालत करता है और इस अभियान के तहत हमारा प्रयास रहेगा कि ऐसा माहौल बन सके जहां हर महिला और लड़की अपने अधिकारों का प्रयोग कर सके और अपनी पूरी क्षमता के साथ जी सके. हम घरेलू हिंसा, साइबरस्पेस बुलिंग जैसे मुद्दों पर बातचीत कर इन विषयों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश करेंगे.”

कौन सी बड़ी बात है (#KaunsiBadiBaatHai) अभियान, यूएन वीमेन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और रेडियो नशा पर 16 दिन तक चलेगा.

उम्मीद की जा रही है कि इससे  रूढ़िवादिता और पितृसत्तात्मक मानदंडों के ख़िलाफ़ एकजुटता बढ़ेगी जिससे रूढ़िवादी मानसिकता से छुटकारा मिलने की राह आसान होगी.