तुर्की ने पेश की शरणार्थियों की वापसी योजना, यूएन एजेंसी करेगी आकलन
तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयप अर्दोगान ने हज़ारों सीरियाई शरणार्थियों के पुनर्वास की एक योजना शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनिय गुटेरेश को पेश की. ये योजना तुर्की द्वारा सीरिया के पूर्वोत्तर इलाक़े में कथित कुर्द लड़ाकों के ख़िलाफ़ अक्तूबर में किए गए हमलों के माहौल में पेश की गई है.
तुर्की ने इस सैनिक कार्रवाई का कारण वापिस लौटने वालों के लिए सीमावर्ती इलाक़ों में एक “सुरक्षित इलाक़ा” तैयार करना बताया है.
In meeting with President @RTErdogan, Secretary-General @antonioguterres expresses strong appreciation for Turkey's support to @UN, discusses Syria and #climateaction Full readout here: https://t.co/elgPsBmVEg
UN_Spokesperson
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने तुर्की की अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अर्दोगान से मुलाक़ात के बाद एक वक्तव्य भी जारी किया.
इसमें दोनों हस्तियों ने सीरिया के लिए एक संविधान तैयार करने के लिए समिति की जिनीवा में शुरू हुई बैठक को पूरा समर्थन दिया है.
सीरिया में लगभग नौ वर्षों से चले आ रहे हिंसक संघर्ष व ख़ूनी गृह युद्ध में ये पहला मौक़ा है जब सरकार और विपक्ष के प्रतिनिधियों के बीच रूबरू बातचीत हो रही है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया, “महासचिव ने तुर्की द्वारा संयुक्त राष्ट्र को दिए गए ठोस सहयोग व समर्थन की ज़ोरदार सराहना की है.”
उसके बाद तुर्की के राष्ट्रपति ने लगभग बीस लाख सीरियाई शरणार्थियों की वापसी के लिए योजना पेश की.
तुर्की की तरफ़ से पेश आँकड़ों में ये भी कहा गया है कि 2011 में शुरू हुए सीरियाई संघर्ष के बाद से लगभग 36 लाख सीरियाई शरणार्थियों ने सीमापार शरण ली हुई है.
तुर्की की योजना का आकलन
यूएन प्रमुख के प्रवक्ता द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “महासचिव ने शरणार्थियों की वापसी के लिए स्वैच्छिक, सुरक्षित और गरिमामय माहौल तैयार करने पर ज़ोर दिया.
उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति को ये भी सूचित किया कि उनके प्रस्तावों के आकलन के लिए संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) तुरंत ही एक टीम का गठन करेगी और उसके मैंडेत के अनुसार तुर्की के अधिकारियों के साथ आगे की बाचचीत की जाएगी.”
तुर्की ने अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा क्षेत्र से अमरीकी सैनिक हटाए जाने की घोषणा के बाद 9 अक्टूबर को सीरिया के पूर्वोत्तर इलाक़ों में सैन्य कार्रवाई शुरू की थी.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि तुर्की की सैन्य कार्रवाई ने उस क्षेत्र में पहले से ही तहस-नहस हो चुके मानवीय ढाँचे पर भारी असर डाला है.
लगभग एक लाख 80 हज़ार आम लोगों को वो इलाक़ा छोड़कर सीमा पार जाना पड़ा है, बहुत से लोग पड़ोसी इराक़ में भी पहुँचे हैं.
तुर्की ने अपन सैन्य कार्रवाई को यह कहते हुए सही ठहराया है कि अमरीका समर्थित कुर्द लड़ाके आतंकवादी हैं.
ध्यान रहे कि आइसिल अतिवादियों के ख़िलाफ़ सफल अभियान में लड़ाई में ज़्यादा योगदान कुर्द लड़ाकों का ही रहा है.
ताज़ा ख़बरों के अनुसार रूस की मदद से हासिल किए गए एक युद्ध विराम की बदौलत तुर्की और रूस की संयुक्त निगरानी शुक्रवार को शुरू हई.
इसका मक़सद सीमा के दक्षिणी तरफ़ लगभग 30 किलोमीटर तक “सुरक्षित इलाक़ा” बनाना बताया गया है.
रूस ने कथित रूप से पुष्टि की है कि युद्धविराम द्वारा निर्धारित 150 घंटो की समय सीमा के भीतर ही कुर्द लड़ाकों ने वो इलाक़ा ख़ाली कर दिया है.
यूएन प्रवक्ता द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि तुर्की का राष्ट्रपति अर्दोगान और यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश सीरिया के अलावा क्षेत्र में मौजूदा स्थिति से संबंधित अन्य अनेक मुद्दों पर भी रचनात्मक चर्चा की.
इनमें यमन, लीबिया और मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया जैसे मुद्दे और विश्व के अन्य हिस्सों से संबंधित महत्वपूर्ण विषय शामिल थे.