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देशों को अपनी सीमाएं सुरक्षित रखने का अधिकार: ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप यूएन महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए.
UN Photo/Cia Pak
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप यूएन महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए.

देशों को अपनी सीमाएं सुरक्षित रखने का अधिकार: ट्रंप

यूएन मामले

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि शांति और बेहतर दुनिया का रास्ता घर से शुरू होता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने देशों से अनुरोध किया है कि व्यापार, मानव तस्करी और ग़ैरक़ानूनी आप्रवासन जैसे मुद्दों पर अपने हितों का ख़याल रखा जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने खुली सीमाओं के पैरोकारों की आलोचना की है जो कथित रूप से सामाजिक न्याय का चोगा ओढ़ते हैं.

यूएन महासभा के वार्षिक सत्र का उच्च स्तरीय खंड मंगलवार को शुरू हुआ. महासभा को अपने संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यूएन के 193 सदस्य देशों में बहुत से देश अनियंत्रित प्रवासन से पैदा हुई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.

“आप में से हर एक के पास अपनी सीमाओं की रक्षा करने का अधिकार है और यही हमारे देश का अधिकार है.”

उन्होंने सभी देशों से एक साथ मिलकर काम करने का संकल्प लेने के लिए कहा ताकि मानव तस्करी के काम में लगे आपराधिक नेटवर्क को हमेशा के लिए ख़त्म किया जा सके.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अमेरिका अन्य देशों के साथ संघर्ष नहीं चाहता है लेकिन राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना कभी नहीं छोड़ेगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है कि उनका प्रशासन उन सभी देशों के साथ साझेदारी के लिए तैयार है जो शांति और सम्मान चाहते हैं.

यूएन महासभा को संबोधित करने से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप.
UN Photo/Eskinder Debebe
यूएन महासभा को संबोधित करने से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप.

खुली सीमाओं के कथित पैरोकारों के नाम संदेश जारी करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा:

“आप आपराधिक संगठनों को सशक्त बना रहे हैं जो मासूम पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाते हैं. अनगिनत मासूमों की ज़िंदगियों से पहले आप अपने सद्गुणों का झूठा बोध रखते हैं. आप सीमा सुरक्षा को कमज़ोर बनाते हैं, आप मानवाधिकारों और मानवीय गरिमा को कमज़ोर बना रहे हैं.”

महासभा के 74वें सत्र की शुरुआत वार्षिक बहस से होती है जो सोमवार, 30 सितंबर तक चलेगी.

परंपरा के अनुरूप पहला संबोधन ब्राज़ील की ओर से होता है जिसके बाद अमेरिका का नंबर आता है जो न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय का मेज़बान देश है.

अपने भाषण की शुरुआत में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि बुद्धिमान नेता सबसे पहले अपने देश और लोगों के हितों को प्राथमिकता पर रखते हैं. “भविष्य विश्ववादियों का नहीं है; भविष्य देशभक्तों का है.”

“भविष्य सार्वभौमिक और स्वतंत्र देशों का है जो अपने नागरिकों की रक्षा, पड़ोसियों का सम्मान और उन भिन्नताओं का आदर करते हैं जो देशों को विशेष और अनूठा बनाती हैं.”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह चीन के साथ ख़राब व्यापार समझौता स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन फिर भी उन्हें उम्मीद है कि ऐसी डील पर सहमति हो जाएगी जिससे दोनों देशों का फ़ायदा हो.

उन्होंने ईरान की ‘दमनकारी’ सरकार को शांतिप्रिय देशों के सामने मंडराता सबसे बड़ा सुरक्षा ख़तरा बताते हुए कहा कि तेहरान सीरिया और यमन में त्रासदीपूर्ण युद्धों को हवा दे रहा है.